सतना: बहुचर्चित श्रेयांश-प्रियांश हत्याकांड में फैसला- अपहरण और ह्त्या के आरोपियों को दोहरी उम्रकैद, पीड़ित पक्ष इस फैसले से असंतुष्ट नजर आया
सतना के चित्रकूट में हुए इस खौफनाक हत्याकांड ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था. मासूम श्रेयांश-प्रियांश की हत्या ने जनता को सड़कों पर ला दिया. इस कांड की गूंज विधानसभा तक सुनाई दी थी. मामले में परिजनों ने पहले ही फांसी की मांग की थी.
सतना | जिले के बहुचर्चित एवं सनसनीखेज अपराध जुड़वा मासूम हत्याकांड के मामले में (एंटी डकैती कोर्ट) सतना मप्र की अदालत ने सभी पांच आरोपितों को दोषी पाते हुए दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई है।, लगभग 886 दिन से विचाराधीन मामले में जहां सप्तम न्यायाधीश प्रदीप कुशवाहा की अदालत में यह बहुचर्चित मामले पर आरोपियों को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया है, वही पीड़ित पक्ष अदालत से फांसी की उम्मीद की थी पीड़ित पक्ष इस फैसले से असंतुष्ट नजर आया और हाई कोर्ट में अपील करने की बात भी कही।

चित्रकूट में 12 फरवरी 2019 को जुड़वां भाइयों का अपहरण हुआ था। पुलिस ने 24 फरवरी 2019 को दोनों की लाश बरामद की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग की है। मामले में कुल 6 आरोपी थे, जिनमें से मुख्य आरोपी रामकेश यादव ने जेल में फांसी लगा ली थी। रामकेश भाइयों को घर ट्यूशन देता था। हत्याकांड के आरोपियों की सजा का इंतजार मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों को था। श्रेयांश-प्रियांश उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के रहने वाले थे। दोनों मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट वाले हिस्से में स्थित स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल बस से ही अपहरण कर लिया गया था।
मुख्य आरोपी ने जेल में लगा ली थी फांसी
पुलिस ने घटना के आरोपी पद्मकान्त शुक्ला (26) पिता रामकरण शुक्ला निवासी जानकीकुंड, राजू द्विवेदी (25) पिता राकेश द्विवेदी निवासी भमुआ, विक्रमजीत सिंह (22) पिता प्रहलाद सिंह निवासी भमामा थाना जमुई बिहार, लकी तोमर(23) पिता सतेंद्र तोमर निवासी तेंदुरा थाना बिसंडा, रामकेश यादव पिता रामशरण यादव, पिंटा यादव (28) पिता रामस्वरूप यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल में आरोपी रामकेश ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। आरोपी रामकेश जुड़वा भाइयों को ट्यूशन पढ़ाता था। उसी ने दोनों को अगवा कर मोटी रकम वसूलने के लिए पद्मकान्त शुक्ला के साथ मिलकर साजिश रची थी।
मासूमों के अपहरण और हत्या की घटना के बाद गुस्से में लोग सड़कों पर उतर आए थे। ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद सतना कोर्ट के सप्तम एडीजे प्रदीप कछवाह ने मामले में सुनवाई पूरी की। फरियादी के वकील रामरूप पटेल और रमेश पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने पद्मकान्त शुक्ला, राजू द्विवेदी और लकी तोमर को हत्या और अपहरण में दोषी पाया है। वहीं, विक्रमजीत सिंह और पिंटा यादव को अपहरण और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया है। अब पांचों को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई है।
फफक-फफक रोया पिता
अदालत का फैसला सुनने दोनों मृतक मासूमों श्रेयांश और प्रियांश के पिता ब्रजेश रावत भी अदालत में मौजूद थे. अदालत का फैसला आते ही वो फफक कर रो पड़े. परिवार इन दरिंदो को फांसी की सजा देने की मांग कर रहा था. फैसला सुनने के बाद पिता ने कहा मैं जब तक जीवित हूं, उच्च अदालत तक जाऊंगा