लोकायुक्त और ईडी के छापों के साथ आयकर विभाग की जांच की जद में आए परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की मां, पत्नी, जीजा और साले को शुक्रवार को ईडी की विशेष अदालत से जमानत मिल गई है। ईडी ने सौरभ शर्मा उसके राजदार चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल के खिलाफ छापेमारी का गत दिनों चालान प्रस्तुत किया था। चालान में 12 आरोपी बनाए गए हैं, जिनमें सौरभ की मां, पत्नी, जीजा और साले का भी नाम है। उक्त चारों रिश्तेदार मां उता शर्मा, पत्नी दिव्या शर्मा, रिश्ते के जीजा विनय हासवानी और साले जबलपुर निवासी रोहित तिवारी विशेष अदालत पहुंचे, जहां चारों को दस-दस लाख रुपए के पर्सनल बॉन्ड पर जमानत मिल गई है। लेकिन, चारों अभी विदेश नहीं जा सकते। सभी को अपना पासपोर्ट भी जमा करना होगा। ऐसा ईडी द्वारा पूछताछ की जरूरत पड़ने और विदेश भागने की आशंका को लेकर किया गया है।
ये भी पढ़ें: पीएम मोदी बोले- अशोकनगर से शोक भी डरता है, एमपी को नई पहचान मिलेगी, हमें संस्कृति को बचाना है
मामले की अगली सुनवाई पांच मई को
ईडी की विशेष अदालत ने आरोपियों की जमानत पर ईडी द्वारा प्रस्तुत विरोध की दलील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों के पासपोर्ट जब्त करने के आदेश दिए हैं। ईडी ने दलील दी थी कि आरोपियों को जमानत मिल रही है, ऐसे में यह आगे की कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए विदेश भाग सकते हैं। ईडी अब तक इस मामले में कुल 100.36 करोड़ रुपए की कुर्की और जब्ती की है। विशेष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई पांच मई को नियत की है। पांच मई को सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को सुरक्षा कारणों से अदालत में पेश नहीं किया जाएगा। सभी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी में शामिल किया जाएगा।
दर्जन भर से अधिक कंपनियों और मनी लांड्रिंग के जरिए कमाई संपत्ति
गत मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक हजार से अधिक पन्नों का जो चालान ईडी के विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत में पेश किया है, उसमें बताया गया है कि सौरभ शर्मा और उनके करीबियों ने मनी लांड्रिंग के जरिए अवैध रूप से संपत्ति अर्जित की हैं। सौरभ और उसके करीबियों ने दर्जन भर से अधिक कंपनियां बनाकर हवाला कारोबारी के साथ पार्टनरशिप में ब्लैक मनी को व्हाइट किया है। हवाला करोबारी के साथ बनाई गई कंपनी में सौरभ शर्मा की पत्नी दिव्या शर्मा पार्टनर भी रही हैं। चार्जशीट में सौरभ शर्मा के जीजा रोहित तिवारी, विनय हसवानी, प्यारेलाल केवट के अलावा इनकी फर्मों में शामिल अन्य लोग शामिल हैं। प्रापर्टी और रजिस्ट्री को राजसात करने की बात भी चार्जशीट में शामिल है। अकेले एक ही फर्म में 15 से अधिक रजिस्ट्री हैं।
ये भी पढ़ें: दिल्ली में मौसम बिगड़ा, ग्वालियर में फंसे पीएम मोदी, डेढ़ घंटे की देरी से विमान ने भरी उड़ान
रिश्तेदारों के नाम जमकर किया है निवेश
ईडी के चालान में खुलासा हुआ है कि सौरभ शर्मा ने अपने परिजनों, रिश्तेदारों और करीबियों के नाम पर बड़ी संख्या में संपत्तियां खरीदी हैं और निवेश किया है। ईडी ने अब तक 100 करोड़ से अधिक की इन्हीं कंपनियों और स्वामित्व वाली संपत्तियों को जब्त किया है। ईडी अनुपातहीन संपत्ति के मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत संपत्ति कुर्क की है।
ये भी पढ़ें: तुम्हें मरना होगा; छेड़छाड़ से परेशान युवती ने जहरीला पदार्थ खाया, मौत
हवाला कारोबारी के साथ किया है बिजनेस
चालान में यह भी खुलासा हुआ है कि सौरभ शर्मा हवाला कारोबारी लोकेश सदाशिवम के साथ बिजनेश करता था। सदाशिवम के साथ सौरभ की पत्नी एक कंपनी में डायरेक्टर है। सौरभ की पत्नी दिव्या तिवारी और लोकेश सदाशिवम की मां एस कंचना ने मिलकर ‘स्काई लॉक सिस्टम’ नाम से कंपनी संचालित कर चुके हैं। यह कंपनी ब्लैक मनी को व्हाइट करने के लिए बनाई गई थी। चार्जशीट में चेतन के नाम खरीदी गई इनोवा के चालक प्यारेलाल केवट का भी नाम है। प्यारेलाल ही रोहित नगर से इनोवा को लेजाकर मेंडोरा में विनय हासवानी के फार्म हाउस में रखा था, जिसमें 52 किलोग्राम से अधिक सोना और करीब 11 करोड़ रुपए नकदी थी। उक्त सोना और नकदी भी जांच एजेंसियों ने सौरभ शर्मा की होने का वादा किया है। ईडी के चालान में भी उक्त संपत्ति सौरभ की बताई गई है।