Motivational story: एक बिहारी परिवार की दिलेरी और दरियादिली ने 6 गुजरातियों की जिंदगी बचा ली, यकीन करिये और ये खास खबर भी पढ़िये

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Motivational story: देश ही नहीं विदेशों में भी बिहार के लोगों ने हर क्षेत्र में अपने नाम का लोहा मनवाया है और बिहार को गौरवान्वित किया है. वहीं, एक बार फिर एक बिहारी ने मौत के बाद भी मिसाल कायम करते हुए छह लोगो…और पढ़ें
अंगदान की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरी होने के बाद दिवंगत चमकलाल यादव और उनके परिवार को सैल्यूट करते चिकित्सक और अन्य.
हाइलाइट्स
- चमकलाल यादव ने मौत के बाद अंग दान कर छह लोगों को जीवन दान दिया.
- चमकलाल यादव के अंगदान से किडनी, आंखें, लिवर और दिल दान किए गए.
- डोनेट लाइफ संस्था ने चमकलाल यादव के बच्चों की पढ़ाई की जिम्मेवारी उठाई.
भागलपुर/आशीष रंजन. बिहार के भागलपुर के चमकलाल यादव ने मौत के बाद किडनी, आंखें, लिवर और हार्ट दान कर छह गुजरातियों की जान बचाई. सूरत में क्रेन चलाते समय गिरने से ब्रेन डेड घोषित हुए चमकलाल यादव के अंगदान से छह लोगों को नई जिंदगी मिली. उनके परिवार के साहसिक कदम की सराहना हो रही है और लोग उनको सैल्यूट कर रहे हैं. दरअसल, चमकलाल यादव पिछले 20 साल से गुजरात के सूरत में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के अंदर कार्यरत थे. वहां वह क्रेन चलाने का काम करते थे. पिछले 28 मार्च को क्रेन चलाने के दौरान वह गिर गए वहां सहकर्मियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया तो डॉक्टरों ने उनको ब्रेन डेड घोषित कर दिया. सूचना पर कहलगांव से परिवार के लोग उक्त अस्पताल पहुंचे और वहां एक संस्था डोनेट लाइफ के फाउंडर नीलेश मण्डलेवाला ने परिवार के लोगों से सम्पर्क किया. इनकी सहमति के लिए अंगदान को लेकर चर्चा की परिवार वालों ने अंगदान की सहमति दे दी.
दरअसल, उन्हें बताया गया कि ऐसे कई लोग है जिन्हें आंख की किसी को किडनी की तो किसी को लिवर तो किसी को दिल की जरूरत है. अगर वह अंगदान करते हैं तो छह लोगों की जिंदगी बचेगी. इसके बाद परिवार के लोगों ने अंगदान की सहमति दी. अस्पताल में पूरी प्रक्रिया के बाद शरीर के उन हिस्सों को निकाला गया और फौरन वहां के स्थानीय प्रशासन की ओर से अस्पताल से एयरपोर्ट तक का ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया. तीन मिनट के अंदर टीम एयरपोर्ट पहुचीं उसके बाद अंग को अहमदाबाद ले जाकर वहां किडनी, लिवर, आंखें और दिल दान की गई. वहीं, टीम की ओर से उनके शव को फ्लाइट से पटना भिजवाया गया और पटना से भागलपुर लाने के व्यवस्था कि गयी.
बता दें कि पिछले दिनों उनका शव कहलगांव पहुंचा जिसके बाद अंतिम संस्कार किया गया.चमकलाल के परिवार की हर तरफ सराहना हो रही है और लोग कह रहे हैं चमकलाल ने जाते जाते छह गुजरातियों की जिंदगी बचा दी. चमकलाल के तीन बेटे नीतीश संजीव और जयकांत पढाई कर रहे हैं. तीनों की पढाई का डोनेट लाइफ संस्था ने उठाया है. उन्होंने परिजनों को आश्वासन दिया कि तीनों बच्चों को वह पढ़ाएंगे. वहीं, परिजनों में गम का माहौल है तो वहीं परिवार को सुकून भी है कि उनके घरवाले की वजह से छह लोगों को नई जिंदगी मिली है.
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