गांव में खड़ा कर दिया बिजनेस, 80,000 से की थी शुरुआत, अब खुद का ब्रांड, लाखों की मशीनों के मालिक

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Success Story: छतरपुर के देवी प्रसाद उन सफल लोगों में से एक हैं, जिन्होंने जो सोचा वो किया. यही नहीं, देवी प्रसाद ने गांव में बिजनेस खड़ा किया. ग्रामीणों को नौकरी दी और खुद का ब्रांड भी बनाया. जानें कहानी…
गांव में खड़ा कर दिया ये बिजनेस.
हाइलाइट्स
- देवी प्रसाद ने गांव में 80,000 से बिजनेस शुरू किया
- अब देवी प्रसाद के पास लाखों की मशीनें और खुद का ब्रांड
- उनके बिजनेस से गांव के 8-10 लोगों को रोजगार मिला
Chhatarpur News: छतरपुर के सरबई गांव के रहने वाले देवी प्रसाद शुक्ला सालों से बाहर रहकर काम कर रहे थे. फिर वह अपने गांव लौटे और यहां बिजनेस शुरू किया. देवी प्रसाद को अपनी जननी, जन्मभूमि की याद आती थी. वह गांव में रहकर ही वहां के लोगों को भी रोजगार देना चाहते थे. इसलिए वह घर चले आए और यहां 80 हजार रुपये से बिजनेस की शुरुआत की. आज वही बिजनेस पहचान बन चुका है.
देवी प्रसाद बताते हैं कि उन्होंने सालों तक शहर में काम किया. मथुरा में ऑटो का बिजनेस भी किया, लेकिन शहर में रहकर मन को खुशी नहीं मिल रही थी. लॉकडाउन के बाद वे गांव लौटे और विचार आया कि अपनी जननी जन्मभूमि में ही रहकर कोई बिजनेस शुरू करेंगे. इसी विचार से उन्होंने गांव में कपड़े बनाने का बिजनेस शुरू कर दिया. 80 हजार लागत लगाई.
जितना लगाओ, उतना कमाई
आगे बताया, 80 हजार से शुरुआत की और बाद में 7 लाख की मशीनें खरीदीं. रॉ मटेरियल मिलाकर कुल लागत 15 से 20 लाख रुपए आई. देवी प्रसाद बताते हैं कि जितना रॉ मटेरियल लगाओ, उतना ही कमा सकते हैं. अगर 50 लाख रुपए का रॉ मटेरियल लेते हैं तो उतना कमा भी सकते हैं.
लोवर का बनाया ब्रांड
देवी प्रसाद के यहां बच्चों के साइज से लेकर ट्रिपल एक्सएल तक के लोअर बनते हैं. उनके लोअर डबल सिलाई में सिलते हैं और इलास्टिक भी अच्छी क्वालिटी की होती है. उन्होंने लोअर पैंट का खुद का ब्रांड बनाया है. गांव में ही मैन्युफैक्चरिंग करते हैं और फिर थोक में व्यापारियों को देते हैं. उनके एक पैकेट में 6 कलर के लोअर होते हैं. गांव में बिजनेस करने से देवी प्रसाद को ही फायदा नहीं हुआ, बल्कि गांव के 8 से 10 लोगों को रोजगार भी मिला है.
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