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नौकरी छोड़ दिल्ली की मलिन ने महिलाओं के लिए बनाया ऐसा प्रोडक्ट, जो आज बन गया करोड़ों का बिजनेस

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मलिन शर्मा ने महिलाओं के लिए पिंक पोल्का ब्रांड की शुरुआत की, जो उच्च गुणवत्ता वाले स्टेफ्री पैड और गारमेंट्स बनाती है. उनकी कंपनी ने 8 सालों में 18 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया है.

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सिंगल मदर मलिन शर्मा.

हाइलाइट्स

  • मलिन शर्मा ने पिंक पोल्का ब्रांड की शुरुआत की.
  • पिंक पोल्का ने 8 सालों में 18 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया.
  • मलिन की कंपनी महिलाओं को रोजगार प्रदान करती है.

दिल्ली: आज हम आपको एक ऐसी सिंगल मदर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसनें अपनी बेटी के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए महिलाओं के लिए एक खास स्टेफ्री और अन्य एसेसरीज बनाई. इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से महिलाओं को किसी भी प्रकार की बीमारी का सामना नहीं करना पड़ता, क्योंकि बाजार में उपलब्ध कई प्रोडक्ट्स में प्लास्टिक और हानिकारक मटेरियल होते हैं, जो गंभीर बीमारियां पैदा करते हैं. इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, इस महिला ने महिलाओं के लिए एक विशेष स्टेफ्री पैड बनाया, जो आज एक बड़े ब्रांड के रूप में जानी जाती है.

महिलाओं के लिए बनाए हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स
हम बात कर रहे हैं पिंक पोल्का ब्रांड की को-फाउंडर मलिन शर्मा की. जिन्होंने महिलाओं के लिए स्टेफ्री पैड से लेकर कई उच्च गुणवत्ता वाले गारमेंट्स बनाए हैं, जो अभी तक बड़े ब्रांड्स भी भारत में लॉन्च नहीं कर पाए हैं. मलिन ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि वह एयर होस्टेस बनना चाहती थीं, लेकिन किसी कारणवश यह सपना पूरा नहीं हो सका. फिर उन्होंने कॉर्पोरेट क्षेत्र में 12 साल तक काम किया. वह बताती हैं कि जब वह ऑफिस जाती थीं, तो पीरियड्स के दौरान उन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था. इस दौरान उनके मन में ख्याल आया कि उनकी बेटी भी एक दिन बड़ी होगी और स्टेफ्री पैड का इस्तेमाल करेगी, लेकिन बाजार में मौजूद प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल उनके लिए सुरक्षित नहीं था. यही सोच उन्हें महिलाओं और अपनी बेटी के लिए खुद का प्रोडक्ट बनाने की प्रेरणा दी, और फिर उन्होंने पिंक पोल्का कंपनी की शुरुआत की, जो केवल महिलाओं से जुड़े प्रोडक्ट्स बनाती है.

मां के कैंसर से जागरूकता
मलिन की मां को ब्रेस्ट कैंसर हुआ था, जिससे मलिन और अधिक जागरूक हो गईं. इसके बाद उन्होंने महिलाओं के लिए ऐसे अंडरगारमेंट्स डिजाइन किए, जो खास कपड़ों से बने होते हैं और उनके इस्तेमाल से किसी भी प्रकार की बीमारी का खतरा नहीं होता.

करोड़ों तक का सफर तय किया
मलिन ने अपनी कंपनी का सफर बहुत मेहनत और संघर्ष से तय किया. वह शार्क टैंक शो में भी गई थीं, जहां उन्हें बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला और लोगों को उनके प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी मिली. उनकी कंपनी ने 8 सालों में 18 करोड़ रुपये का टर्नओवर किया है. मलिन आज कई महिलाओं को रोजगार प्रदान कर रही हैं. उनकी कंपनी की खास बात यह है कि वह अपनी कंपनी में ज्यादातर महिलाओं को ही रोजगार देती हैं जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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