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धान की खरीद-बिक्री करने वाला बना राइस मिल ऑनर, कई राज्यों में होती सप्लाई, सालाना करोड़ों में है टर्नओवर

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Aurangabad Shambhunath Pandey Success Story: औरंगाबाद जिला स्थित कुटुंबा के रहने वाले शंभूनाथ पांडेय चावल की सप्लाई कर बेहतर मुनाफा कमा करे हैं. इसकी शुरूआत 40 वर्ष पूर्व एक छोटा से मिल से की थी. अब खुद का ब्रा…और पढ़ें

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आधुनिक मशीनें 

हाइलाइट्स

  • शंभूनाथ पांडेय का चावल ब्रांड कई राज्यों में लोकप्रिय है.
  • औरंगाबाद में सतबहिनी एग्रो का रिपब्लिक बॉयल चावल ब्रांड है.
  • शंभूनाथ पांडेय पिछले 20 वर्षों से पैक्स अध्यक्ष हैं.

औरंगाबाद. बिहार का औरंगाबाद उद्योग के क्षेत्र में लगातार विकास कर रहा है. यहां लगातार कई ऐसे उद्योग लगाए जा रहे हैं, जिससे यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. बता दें कि सतबहिनी एग्रो प्राइवेट लिमेटेड द्वारा बॉयल्ड चावल रिपब्लिक जिले का पहला ब्रांड बन गया है. जिसकी डिमांड प्रदेश ही नहीं बल्कि प्रदेश से बाहर झारखंड, बंगाल सहित अन्य राज्यों में ख़ूब हैं. बता दें कि औरंगाबाद जिले के कुटुंबा प्रखंड निवासी शंभूनाथ पांडेय चावल का व्यवसाय कर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं.

ऑटोमैटिक मशीन से चावल करते हैं तैयार

औरंगाबाद जिला स्थित कुटुंबा के रहने वाले शंभूनाथ पांडेय जिले का पहला चावल ब्रांड की सप्लाई कर रहे हैं. शंभूनाथ पांडेय ने बताया कि 40 वर्ष पूर्व एक छोटा सा मिल के माध्यम से इस काम की शुरूआत की थी. इससे पहले धान की खरीद-बिक्री का काम करते थे. इस दौरान पैक्स चुनाव में भी हाथ आजमाया. किस्मत ने साथ दिया और जीत भी गए. वहीं पिछले 20 वर्षो से पैक्स अध्यक्ष के पद पर आसीन हैं. उन्हाेंने बताया कि हरिओम मिल के माध्यम से चावल की बिक्री कर रहे थे.

जिले का पहला ब्रांड बना रिपब्लिक बॉयल चावल

उन्होंने बताया कि जब चावल की डिमांड बढ़ने लगी तो, साल 2025 में सतबहिनी एग्रो द्वारा रिपब्लिक बॉयल चावल को लांच किया. इसमें 500 ग्राम से लेकर 50 केजी तक के चावल को पैक कर बिक्री कर रहे हैं. बता दें कि सभी ऑटोमैटिक मशीनों को दिल्ली और अन्य बड़े महानगरों से मंगवाया गया है. इस कंपनी में 100 से अधिक मजदूर काम करते हैं.  इस कंपनी में लगे ऑटोमैटिक मशीनों द्वारा रोजाना 100 क्विंटल से अधिक चावल की पैकिंग किया जा रहा है.

बंगाल सहित अन्य राज्यों में होती है सप्लाई

सतबहिनी एग्रो के मालिक श्री पांडेय ने बताया कि रिपब्लिक ब्रांड रखने के पीछे उन्हें अपने देश को रिप्रेजेंट करना था. उन्होंने बताया कि बाउल चावल को ज्यादातर बंगाल, छत्तीसगढ़, झारखंड सहित अन्य शहरों के लोग ज्यादा खाना पसंद करते हैं. इन राज्यों में इस चावल की डिमांड अधिक है. औरंगाबाद जिला के अपने ब्रांड पूरे देश में फैले यही सोच है. बता दें कि रिपब्लिक बॉयल चावल को बड़े-बड़े मॉल में भी बेचा जा रहा है.

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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