Municipal Corporation took revenge of the attachment..! | नगर निगम ने लिया कुर्की का बदला..!: 4 दिन बाद शिकायतकर्ता की दुकानें सील की पानी को तरसाया; बता नहीं पाए कार्रवाई क्यों की – Indore News

नगर निगम vs आम आदमी। जाहिर है इस मुकाबले में निगम ही आम आदमी पर भारी पड़ेगा। जी हां, मंगलवार के एक घटनाक्रम से तो कुछ ऐसा ही जाहिर होता है। नगर निगम की टीम ने गणेशगंज निवासी रविशंकर मिश्रा की चार मंजिला इमारत में कमर्शियल हिस्सा और ट्यूबवेल सील कर दि
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कहने को तो निगम की यह रूटीन कार्रवाई है, लेकिन इसमें एक खास बात है। ये वही मिश्रा हैं, जिन्होंने करीब 2 करोड़ मुआवजे की मांग को लेकर निगम के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। यह मुआवजा उन्होंने 2016-17 में गणेशगंज में सड़क चौड़ीकरण के नाम पर टूटे उनके मकान के एवज में मांगा है।
इसका कोर्ट केस भी चल रहा है। मुआवजा नहीं मिलने के इसी मामले में पिछले शुक्रवार को कोर्ट ने निगमायुक्त का दफ्तर सील करवाने की कार्रवाई के आदेश जारी किए थे। उक्त घटनाक्रम के 4 दिन बाद ही यानी मंगलवार को अपर आयुक्त के निर्देश पर फायर सेफ्टी विभाग की टीम कार्रवाई के लिए गणेशगंज में उन्हीं मिश्रा के घर पहुंची। कार्रवाई क्यों की, यह पूछने पर मौके पर मौजूद टीम ने मिश्रा से बस इतना ही कहा कि निगमायुक्त से बात करो।
बदलते रहे… पहले कहा टैक्स बाकी, फिर कहा फायर सेफ्टी नहीं
ये हालत है… खुद निगम को नहीं पता कि मकान सील क्यों कर दिया खुद निगम अफसरों को नहीं पता कि उन्होंने यह कार्रवाई क्यों की। बार-बार पूछने पर अफसरों ने कहा कि रहवासी इलाका है और कमर्शियल एक्टिविटी कर रहे हैं। इस पर पीड़ित मिश्रा परिवार ने 1 लाख 40 हजार कमर्शियल टैक्स जमा करवाने की रसीद दिखा दी।
ऐसी खानापूर्ति… चस्पा नोटिस में मौखिक सूचना का हवाला
हद तो यह है कि दोपहर में बिल्डिंग सील करने के बाद जोन के भवन अधिकारी के नाम का नोटिस भी चस्पा किया गया, जिसमें मौखिक सूचना का हवाला दिया। यानी इसके पहले भवन मालिक को फायर सेफ्टी या अन्य दस्तावेज संबंधी कोई लिखित नोटिस नहीं दिया। नोटिस में लिखा कि मौखिक रूप से आपको भवन के स्वामित्व संबंधी दस्तावेज उपलब्ध करवाने के लिए कहा था, लेकिन दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए। 24 घंटे के अंदर सारे दस्तावेज लेकर उपस्थित हों।
और ये हड़बड़ी… शाम को ताबड़तोड़ प्रेस रिलीज जारी की शाम को निगम ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि जी-3 से अधिक ऊंचाई वाले भवन में फायर सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाए जाने व रहवासी के स्थान पर व्यावसायिक उपयोग करने और पार्किंग व्यवस्था नहीं होने पर कैफे को सील किया गया है। फायर सेफ्टी नियमों का उल्लंघन करने पर यह कार्रवाई की गई है।
और संघर्ष… मुआवजे के लिए 9 साल से लड़ रहे लड़ाई वर्ष 2016-17 में बड़ा गणपति क्षेत्र में स्मार्ट सिटी के तहत रोड बनी थी। तब मिश्रा का घर भी तोड़ा था, लेकिन मुआवजा नहीं दिया। कई साल से निगम टालमटोल करता रहा। मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है।
शुक्रवार का घटनाक्रम
दरअसल, बजट पर बहस के लिए शुक्रवार को परिषद हॉल में सत्र चल रहा था, तभी जिला कोर्ट के आदेश पर टीम निगमायुक्त, अपर आयुक्त का दफ्तर सील करने और गाड़ियां कुर्क करने पहुंची। कोर्ट ने यह आदेश मिश्रा के मुआवजा प्रकरण की सुनवाई में दिया था।
अफसर बताने को तैयार नहीं कि कार्रवाई क्यों की हमारा कोर्ट केस चल रहा है। बकायदा संपत्तिकर देते हैं। निगम की टीम आई जब नहीं बताया गया कि यह कार्रवाई क्यों हाे रही है। हमने टीम से पूछा भी कि यह कार्रवाई किसलिए तो जवाब नहीं मिला। – रविशंकर मिश्रा, पीड़ित
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