कटनी के मुड़वारा विधायक ने अपनी मां की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए उनके नेत्र को दान कर दिया है। दरअसल, बीजेपी विधायक संदीप जायसवाल की मां सरोज जायसवाल ने लंबे वक्त से बीमार चल रही थी। इसी दौरान उन्होंने पांच अप्रैल की शाम को अंतिम सांस ली। लेकिन वो मरने से पहले अपनी आंखें किसी और को दान करना चाहती थी। इसलिए विधायक संदीप जायसवाल ने उनके निधन के पश्चात उनकी अंतिम इच्छा पूरी करते हुए नेत्रदान की प्रक्रिया कराई गई। यह कार्य उनकी सामाजिक भावना और सेवा भाव का जीवंत उदाहरण बना।
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सरोज जायसवाल के निधन के बाद चित्रकूट हॉस्पिटल से आंखों के डॉक्टरों की विशेष टीम ने गुरुनानक वार्ड स्थित निवास पर पहुंचकर नेत्रदान की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस दौरान जिले के सिविल सर्जन डॉ. यशवंत वर्मा भी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय सरोज जायसवाल ने अपने जीवनकाल में नेत्रदान का संकल्प लिया था, जिसे उनके परिवारजनों ने उनके निधन के बाद पूरा कर एक अनुकरणीय कार्य किया है।
चित्रकूट हॉस्पिटल के विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा नेत्रों को सुरक्षित रूप से निकालकर आई बैंक में संरक्षित किया है। जहां इन्हें जरूरतमंद मरीजों की दृष्टि लौटाने के उद्देश्य से उपयोग में लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि रविवार को जरूरतमंदों को प्रत्यारोपण की प्रक्रिया भी अपनाई गई है। नेत्रदान के इस पुनीत कार्य ने न सिर्फ सरोज जायसवाल को अमर बना दिया, बल्कि समाज को भी प्रेरणा दी है कि मृत्यु के बाद भी किसी के जीवन में रोशनी लाना संभव है।
विधायक संदीप जायसवाल ने कहा कि मां सरोज जायसवाल द्वारा मृत्यु उपरांत नेत्रदान का निर्णय लिया गया था, जो पूरा कराया गया है। इस कार्य में कांग्रेस नेता राजा जगवानी ने सक्रिय भूमिका निभाई। यह निर्णय संदेश देता है कि यदि हर व्यक्ति ऐसी सोच अपनाए, तो अंधकार में जी रहे कई लोगों के जीवन में उजाला किया जा सकता है।