8वें वेतन आयोग में होंगे 2 बड़े बदलाव! फिटमेंट फैक्टर के साथ डीए मर्जर का तोहफा, कर्मचारियों को कितना फायदा
नई दिल्ली. मोदी सरकार ने केंद्र और राज्य के लाखों कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए 8वें वेतन आयोग का ऐलान कर दिया है. इसकी घोषणा होने के साथ ही कर्मचारियों के मन में उनकी नई सैलरी का कैलकुलेशन भी शु्रू हो गया है. सरकार ने साफ कहा है कि 1 जनवरी, 2026 से 8वां वेतन आयोग लागू कर दिया जाएगा. इस वेतन आयोग के साथ ही कर्मचारियों को 2 बड़े तोहफे भी मिलने वाले हैं. एक तो नया फिटमेंट फैक्टर लागू किया जाएगा और दूसरा कर्मचारियों के मौजूदा महंगाई भत्ते (DA) को बेसिक सैलरी के साथ मर्ज कर दिया जाएगा.
सरकार ने जब से 8वें वेतन आयोग की घोषणा की है, सरकारी कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के संभावित फिटमेंट फैक्टर को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. फिटमेंट फैक्टर के अलावा सभी यह जानने के लिए भी उत्सुक हैं कि क्या फिटमेंट फैक्टर लागू करने से पहले मूल वेतन को महंगाई भत्ता (DA) के साथ जोड़ा जाएगा. अब सवाल ये है कि फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ते (DA) का मूल वेतन के साथ विलय होने के बाद कर्मचारियों को क्या और कितना फायदा होगा.
क्या है फिटमेंट फैक्टर
फिटमेंट फैक्टर एक फॉर्मूल है जिसका उपयोग वेतन आयोग के कार्यान्वयन के दौरान मूल वेतन को संशोधित करने के लिए किया जाता है. यह महंगाई और पिछले भत्तों खासकर डीए को ध्यान में रखते हुए कर्मचारिेयों की सैलरी तय करता है. जैसे सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 फीसदी था. इसका मतलब है कि अगर किसी की बेसिक सैलरी 30 हजार रुपये थी, इस फिटमेंट फैक्टर के साथ कुल सैलरी 77,100 रुपये के आसपास होगी. 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.83 करने की मांग हो रही है. अब अगर किसी की बेसिक सैलरी 50 हजार रुपये है तो नया फिटमेंट फैक्टर लगने के बाद कुल सैलरी 1,41,500 रुपये के आसपास पहुंच जाएगी.
महंगाई भत्ते का क्या रोल
पिछले 3 वेतन आयोग को देखें तो 5वें, 6वें और 7वें वेतन आयोग में महंगाई भत्ते को मूल वेतन के साथ मिलाकर फिटमेंट फैक्टर लागू किया था. जब जनवरी 2016 में 7वें वेतन आयोग को लागू किया गया, तब केंद्रीय सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन पर 125% डीए प्राप्त कर रहे थे. आयोग ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर सुझाया. तब सरकार ने नई सैलरी में बेसिक और डीए को मिलाकर इसकी गणना की थी, जिस पर 14.22 फीसदी का इंक्रीमेंट किया था. इस आधार पर कितनी कितनी नई सैलरी बनेगी.
मान लें कि कोई कर्मचारी 10 हजार रुपये बेसिक सैलरी पाता था, जिस पर 125 फीसदी (12,500 रुपये) का डीए मिलता था. इस तरह, कुल वेतन हुआ 22,500 रुपये. सरकार ने इंक्रीमेंट किया था 14.22 फीसदी, जो कुल सैलरी का 3,199 रुपये हुआ. इसे जोड़कर नई सैलरी बनी 25,700 रुपये.
8वें वेतन आयोग में कितनी होगी बढ़ोतरी
अगर हम 7वें वेतन आयोग के फॉर्मूले को ही 8वें वेतन आयोग पर भी लागू करें तो नई सैलरी कितनी होगी. मान लें कि सरकार 2.83 का फिटमेंट फैक्टर लागू कर देती है और मौजूदा डीए को भी मर्ज कर देती है. इस लिहाज से देखें तो किसी कर्मचारी का अगर बेसिक वेतन 50 हजार रुपये है, जिस पर अभी 55 फीसदी डीए मिलता है और मान लें कि जुलाई में सरकार 3 फीसदी डीए और बढ़ा देती है तो यह 58 फीसदी हो जाएगा. इसका मतलब है कि दिसंबर, 2025 तक कुल सैलरी 50 हजार और इसका 58 फीसदी डीए (29,000 रुपये) यानी 79,000 रुपये होगा. फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से माना जा रहा कि 20 फीसदी तक सैलरी बढ़ेगी तो कुल इजाफा हुआ 15,800 रुपये और कुल सैलरी हो जाएगी 94,800 रुपये.
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