Success Story: नौकरी के साथ की तैयारी, पहली ही बार में बनीं अधिकारी, इंस्पायरिंग है DSP चंचल की स्टोरी
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Success Story Of DSP Chanchal Tyagi: इंजीनियरिंग की डिग्री और सात साल की नौकरी के बाद भी चंचल त्यागी का मन पुलिस की नौकरी में था. आखिरकार तमाम कठिनाइयों को पार करते हुए उन्होंने अपना सपना साकार कर लिया.

लोकल 18 से बातचीत करते हुए महिला डीएसपी
हाइलाइट्स
- चंचल त्यागी ने नौकरी के साथ यूपी पीसीएस की तैयारी की.
- पहली बार में ही यूपी पीसीएस परीक्षा पास की.
- फिरोजाबाद में सीओ सदर के पद पर तैनात हुईं.
Success Story Of DSP Chanchal Tyagi: भंवरों से डरकर कभी नौका पार नहीं होती और कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती…ये लाइनें फिरोजाबाद की एक महिला अधिकारी पर एकदम सटीक बैठती हैं. दिल्ली में बी.टेक की पढ़ाई करने के बाद इंजीनियर की नौकरी की और उसके साथ-साथ यूपी पीसीएस की तैयारी करती रहीं. लेकिन सपना पुलिस की नौकरी करना और कुछ अलग हासिल करना था, जिसके लिए अपनी लगन और मेहनत से नौकरी के साथ पढ़ाई भी जारी रखी.
करीब सात साल की नौकरी के बाद एक दिन पुलिस अधिकारी बनने का सपना साकार हुआ. पहली बार में ही यूपी पीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल की और फिरोजाबाद में सीओ सदर की पोस्ट पर तैनाती मिली, जहां अब अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ने और जीवन में कुछ बनने की प्रेरणा दे रही हैं.
कंप्यूटर साइंस से बी.टेक के बाद की नौकरी
फिरोजाबाद के सीओ सदर के पद पर तैनात चंचल त्यागी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि वे दिल्ली की रहने वाली हैं. उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली से ही की है और कंप्यूटर साइंस में बी.टेक किया है. पुलिस की सर्विस सीधा लोगों से जोड़ती है, इसलिए उन्होंने इस सर्विस को चुना. अपनी बी.टेक की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस में सात साल तक नौकरी की है.
ऐसे साकार हुआ सपना
लेकिन उनका सपना था कि वह यूपी पीसीएस की तैयारी करें, जिसके लिए उन्होंने नौकरी के साथ-साथ तैयारी भी की. सुबह साढ़े तीन बजे उठकर पढ़ाई करती थीं, फिर उसके बाद मेट्रो से नौकरी के लिए जाती थीं. लंच ब्रेक में अपनी स्टडी करती थीं. लेकिन इस दौरान कभी उन्होंने अपने हौसलों को कम नहीं होने दिया. रोजाना अपनी नौकरी से समय निकालकर पढ़ाई की और आज इस मुकाम को हासिल कर लिया है.
पहली बार में ही मिली सफलता
सीओ सदर ने कहा कि उन्होंने यूपी पीसीएस की परीक्षा पहली बार में ही पास की. एक तरफ इंजीनियर की नौकरी और दूसरी तरफ इस परीक्षा की तैयारी करना बहुत मुश्किल था, लेकिन मन में यह संकल्प था कि कुछ भी हो जाए, खुद को उदाहरण के रूप में स्थापित करना है, जिससे दूसरी महिलाओं को भी प्रेरणा मिल सके.
इसी सपने को देखते हुए आज उन्होंने इस मुकाम को हासिल कर लिया है. फिरोजाबाद में उनको पहली जॉइनिंग मिली है और यहां भी वे स्कूलों और अन्य संस्थाओं के साथ जुड़कर महिलाओं को जागरूक करती हैं और उन्हें भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं.
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