जिस भूमिहार बाहुबली ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया, उसने अब क्यों कहा- बदल देंगे भूगोल, इतिहास और गणित?

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Bihar Chunav News: बाहुबली नेता सुरजभान सिंह ने एनडीए के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अनंत सिंह का खेल खत्म करने का ऐलान किया है. क्या बिहार चुनाव 2025 में मोकामा विधानसभा सीट पर दो बाहुबलियों में टक्कर होगी?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
Bihar Chunav: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए और महागठबंधन ने जोरदार तैयारी शुरू कर दी है. इन दोनों गठबंधनों से इतर जन सुराज पार्टी ने भी बिहार चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. इन सबसे अलग, उन बाहुबली नेताओं ने भी बिहार चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है, जिनकी सियासी गलियारों में कभी तूती बोलती थी. यहां तक कि जब नीतीश कुमार पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे, तो इन बाहुबलियों ने खुलकर उनका समर्थन किया था. अब उनमें से एक बाहुबली नेता ने बड़ा ऐलान कर दिया है. इस बाहुबली नेता ने यहां तक कह दिया है कि आगामी बिहार चुनाव में भूगोल, इतिहास और गणित सब बदल जाएगा.
मोकामा से पहली बार निर्दलीय विधायक और बेगूसराय के बलिया लोकसभा सीट से एलजेपी के टिकट पर पहली बार सांसद बने सुरजभान सिंह ने बड़ा ऐलान किया है. एलजेपी पारस गुट के नेता सुरजभान सिंह ने कहा है कि इस बार के मोकामा चुनाव में अनंत सिंह का खेल खत्म होने वाला है. मोकामा सीट पर अनंत सिंह का इतिहास, भूगोल और गणित सब बदल जाएगा. हालांकि, सुरजभान सिंह ने यह नहीं बताया कि मोकामा विधानसभा सीट से कौन चुनाव लड़ेगा. लेकिन उन्होंने कहा कि जो भी चुनाव लड़ेंगे, उसकी जीत के लिए काम करेंगे. उन्होंने अनंत सिंह से जुड़े एक सवाल पर कहा, ‘अभिमान तो रावण का भी चकनाचूर हो गया, उससे बड़ा अनंत सिंह तो नहीं हैं?’
मोकामा में दो बाहुबलियों में टक्कर?
सुरजभान सिंह की बातों से लगता है कि वह एक बार फिर से मोकामा को अपना राजनीतिक ठिकाना बनाना चाहते हैं. क्योंकि, कोर्ट से उम्रकैद की सजा पाने के बाद सुरजभान सिंह ने हाल के वर्षों में कोई चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन, सुरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी नवादा और मुंगेर से दो बार सांसद चुनी जा चुकी हैं. सुरजभान सिंह के भाई चंदन कुमार भी साल 2019 में नवादा से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. लेकिन, 2024 के चुनाव में एलजेपी (पारस) को एक भी सीट नहीं मिली थी. इससे उनके भाई का टिकट कट गया. सुरजभान सिंह खुद भी बेगूसराय के बलिया लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. परिसीमन से पहले बेगूसराय जिले में दो लोकसभा सीटें बेगूसराय और बलिया हुआ करती थीं.

मोकामा विधानसभा सीट पर 2025 में क्या होने वाला है?
सुरजभान सिंह किसका खेल बिगाड़ेंगे?
सुरजभान सिंह का प्रभाव मुंगेर, लखीसराय, बेगूसराय और नवादा जिले में सालों तक रहा है. सुरजभान सिंह को भी गोपालगंज के तात्कालीन डीएम कृष्णैया हत्याकांड में उम्रकैद की सजा हुई थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया. क्योंकि, साल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही सुरजभान सिंह हाशिये पर चल रहे हैं. ऐसे में बिहार के सियासी गलियारों में चर्चा है कि चिराग पासवान की वजह से वह एनडीए के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले हैं. अनंत सिंह की पत्नी के खिलाफ अगर सुरजभान सिंह के भाई या परिवार का कोई अन्य सदस्य मैदान में उतर जाए तो हैरानी नहीं होगी. सुरजभान सिंह ने हाल ही में मोकामा गोलीकांड में गिरफ्तार बाहुबली नेता अनंत सिंह की तुलना रावण से की थी और कहा था कि रावण का भी अंत हुआ था.
सुरजभान सिंह साल 2000 में पहली बार मोकामा सीट से निर्दलीय चुनाव जीते थे. खास बात यह है कि सुरजभान सिंह ने अनंत सिंह के बड़े भाई और आरजेडी प्रत्याशी दिलीप सिंह को पराजित किया था. जब नीतीश कुमार पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने थे, तो जिन तीन बाहुबली निर्दलीयों ने सरकार को समर्थन दिया था, उनमें से सुरजभान सिंह भी एक थे. हालांकि, बाद के वर्षों में दोनों के रिश्ते अच्छे नहीं रहे. लेकिन, नीतीश कुमार ने कभी सुरजभान सिंह के खिलाफ कोई बड़ा मोर्चा नहीं खोला, जैसा अनंत सिंह के खिलाफ कुछ साल पहले खोला था. ऐसे में बिहार चुनाव 2025 में मोकामा में सुरजभान सिंह और अनंत सिंह के बीच वर्चस्व की जंग हो तो कोई अचरज की बात नहीं होगी.
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