12 अप्रैल को हनुमान जंयती, 5 दशक बाद विशेष संयोग:ज्योतिषाचार्य बोले- 1968 में ऐसा योग बना था, हनुमान चालीसा का करें पाठ

12 अप्रैल को चैत्र मास की पूर्णिमा पर हनुमान जयंती मनाई जाएगी। इस बार का उत्सव बेहद खास है। 57 साल बाद पंचग्रही योग में हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला के अनुसार, इससे पहले 1968 में ऐसा योग बना था। इस बार हस्त नक्षत्र में पंचग्रही योग मीन राशि में बन रहा है। मीन राशि के स्वामी बृहस्पति हैं। बृहस्पति और शुक्र वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं। शुक्र मीन राशि में है। इस विशेष योग में सूर्य, शनि और राहु की त्रियुति के साथ शुक्र और बुध का संयोग भी है। यह स्थिति धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति के लिए बेहद शुभ मानी जा रही है। हनुमान जयंती पर जन्म कुंडली में मंगल, शनि और राहु को अनुकूल बनाने के लिए विशेष उपासना करनी चाहिए। हनुमान जी अष्ट चिरंजीवियों में से एक हैं। उनकी साधना से इन ग्रहों की अनुकूलता मिलती है। 29 मार्च से मेष राशि वालों की साढ़ेसाती शुरू हो चुकी है। कुंभ राशि वालों का अंतिम ढैय्या और मीन राशि वालों का द्वितीय ढैय्या चल रहा है। धनु, सिंह और तुला राशि वालों को शनि की अनुकूलता के लिए हनुमान जी के स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। हनुमान जी की प्रसन्नता के लिए यह करें भगवान हनुमान की प्रसन्नता के लिए हनुमान चालीसा का पाठ, हनुमत स्तोत्र का पाठ, हनुमान वडवानल स्तोत्र, हनुमान साठिका, पंचमुखी हनुमान कवच, एकादश मुखी हनुमान कवच का पाठ विधि पूर्वक श्रद्धा के साथ करने से पारिवारिक सुख, शांति, स्वास्थ्य, सुरक्षा व दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
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