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रयो तत्सुकी की 2025 भविष्यवाणी: सुनामी से सतर्क रहने की चेतावनी

बाबा वेंगा और नास्त्रादमस की भविष्यवाणियां लोगों के बीच हमेशा से कौतुहल पैदा करती रही है. इनके कई डरावने दावे बाद में सच साबित हुए और दुनिया को हिला कर रख दिया. अब ऐसी ही एक नई और सिहरन पैदा करने वाली भविष्यवाणी जापान की मशहूर कलाकार और भविष्यवक्ता रयो तत्सुकी ने की है. ‘जापान की बाबा वेंगा’ के नाम से मशहूर रयो के मुताबिक, जुलाई 2025 तक दुनिया में एक और विनाशकारी आपदा आ सकती है, जो अब तक के सबसे भयावह संकटों में से एक होगी. रयो तत्सुकी की कई भविष्यवाणियां पहले भी सच होती रही हैं और इस कारण उनकी चेतावनी को हल्के में नहीं लिया जा रहा.

रयो तत्सुकी ने 1995 में ही अपनी डायरी में लिखा था कि 25 वर्षों बाद यानी 2020 में एक रहस्यमयी वायरस सामने आएगा, जो अप्रैल में चरम पर पहुंचेगा, फिर कुछ समय के लिए शांत हो जाएगा, लेकिन 10 साल बाद फिर लौटेगा. उनकी इस भविष्यवाणी ने तब लोगों का ध्यान नहीं खींचा था, लेकिन 2020 में COVID-19 महामारी के वैश्विक फैलाव के बाद इसे लेकर चर्चा तेज हो गई.

प्रिंसेस डायना, कोबे भूकंप और सुनामी की भविष्यवाणियां भी हुईं सच
रयो के कई पुराने पूर्वानुमान बाद में सच साबित हो चुके हैं. 1991 में उन्होंने फ्रेडी मर्करी की मौत की भविष्यवाणी की थी, जो कुछ महीनों बाद AIDS से चल बसे. 1995 में उन्होंने भूकंप का सपना देखा था, जो जापान के कोबे शहर में 6,000 से ज्यादा लोगों की जान लेने वाले भीषण भूकंप के रूप में सामने आया.

सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि 1992 में उन्होंने अपने सपनों में एक महिला की आकृति देखी, जिसके नीचे उन्होंने लिखा: ‘Diana? Died?’ और ठीक 5 साल बाद, 31 अगस्त 1997 को ब्रिटेन की प्रिंसेस डायना की मौत हो गई.

2025 में बड़ी आपदा की चेतावनी
अब रयो की डायरी में दर्ज नई भविष्यवाणी ने दुनिया को एक बार फिर सचेत कर दिया है. उनके मुताबिक, जुलाई 2025 के आसपास दुनिया एक और विनाशकारी संकट का सामना कर सकती है. रयो ने चेतावनी दी है कि जुलाई 2025 में दुनिया एक विशाल सुनामी देखेगी, जो जापान में 2011 में आई सुनामी से तीन गुना बड़ी होगी. उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की है कि यह प्राकृतिक आपदा न केवल जापान को प्रभावित करेगी, बल्कि फिलीपींस, ताइवान, इंडोनेशिया और कई अन्य स्थानों को भी प्रभावित करेगी.

वैसे तो यह सुनामी जापान के आसपास आने की चेतावनी दी गई है, लेकिन इसने भारत के लिए भी चिंता की लकीरें खींच दी है. इससे पहले 26 दिसंबर में भारत ऐसी ही एक विनाशकारी सुनामी झेल चुका है. यह सुनामी इंडोनेशिया के समुद्री क्षेत्र में आए भूकंप से उत्पन्न हुई थी, लेकिन इससे उठी समुद्र की विशालकाय लहरों ने दक्षिण भारत के कई राज्यों में भारी तबाही मचाई थी.

सुनामी सिर्फ पानी की एक बड़ी लहर नहीं होती—यह अपने साथ लाती है विनाश, विस्थापन, और हजारों लोगों की जान जोखिम में डालने वाली स्वास्थ्य आपात स्थितियां. इसमें चोट, संक्रमण, जलजनित रोगों का प्रसार और मानसिक आघात जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. ऐसे में भारत सहित कई देशों के लिए अब वक्त आ गया है कि वे न केवल आपातकालीन दवाएं और संसाधन जुटाएं, बल्कि प्रशिक्षित स्टाफ, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और लचीली प्रतिक्रिया योजनाएं भी तैयार रखें.

भले ही कोई भविष्यवाणियों को अंधविश्वास माने या संयोग, लेकिन अगर इतिहास हमें कुछ सिखाता है तो वह यह है- सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है. रयो तत्सुकी की चेतावनी को नजरअंदाज करना आसान है, पर दुनिया को अगर अगली आपदा से खुद को बचाना है, तो आज से ही तैयारी करनी होगी.


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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