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प्रयागराज के ‘राम नाम बैंक’ का असर, विदेशों में अब खुलेंगी इसकी शाखाएं, विदेशी भक्तों पर छाया जादू

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प्रयागराज के ‘राम नाम बैंक’ से प्रेरित होकर यूरोप और अमेरिका में भारतीय मूल के हिंदू शाखाएं खोलने पर विचार कर रहे हैं. स्वीडन में रामनवमी पर इस विचार पर चर्चा हुई.

‘राम नाम बैंक’ की विदेशों में खुलेंगी शाखाएं. (Image:News18)

हाइलाइट्स

  • प्रयागराज के ‘राम नाम बैंक’ से प्रेरित होकर विदेशों में शाखाएं खोलने की योजना.
  • स्वीडन में रामनवमी पर ‘राम नाम बैंक’ खोलने पर चर्चा हुई.
  • प्रयागराज में ‘राम नाम बैंक’ की मुद्रा भगवान राम का नाम है.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित ‘राम नाम बैंक’ से प्रभावित होकर यूरोप और अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के हिंदू अपने-अपने देशों में इस बैंक की शाखा खोलने पर विचार कर रहे हैं. रामनवमी के अवसर पर स्वीडन में रविवार को भक्तों के बीच ‘राम नाम बैंक’ खोलने के विचार पर चर्चा हुई. स्वीडन के अलमहल्ट में एक वैश्विक फर्नीचर रिटेलर कंपनी के लिए काम करने वाले और एक स्थानीय मंदिर के मामलों का प्रबंधन करने वाले आर्किटेक्ट नित्यानंद शर्मा ने कहा कि लोग भगवान राम के नाम का प्रचार करने वाले बैंक के विचार से प्रभावित हुए हैं.

उन्होंने कहा कि ‘भगवान राम का नाम संदेह, भय और चिंता को दूर करने के लिए काफी शक्तिशाली व प्रभावी है. यही कारण है कि प्रयागराज स्थित ‘राम नाम बैंक’ द्वारा प्रचारित एक पुस्तिका में प्रतिदिन 108 बार भगवान का नाम लिखकर दिव्य उपस्थिति को अपनाने की अवधारणा को दुनिया भर में कई लोग अपना रहे हैं. अलमहल्ट के अलावा, हम यूरोप में अपने अन्य मित्रों के साथ इस विचार पर काम कर रहे हैं. अगर सब कुछ ठीक रहा, तो ‘राम नाम बैंक’ की शाखाओं की यूरोप भर में कई जगहों पर खोला जाएगा.’

प्रयागराज में ‘राम नाम बैंक’ एक ‘आध्यात्मिक बैंक’ है, जहां भक्त प्रतिदिन कम से कम 108 बार भगवान राम लिखकर पुस्तिका जमा करते हैं. प्रयागराज में ‘राम नाम बैंक’ के कामकाज का प्रबंधन करने वाले आशुतोष वार्ष्णेय ने बताया कि बैंक की विशेषता इस तथ्य में निहित है कि इसकी एकमात्र ‘मुद्रा’ भगवान राम हैं. उन्होंने कहा कि बैंक की शुरुआत मूल रूप से उनके पूर्वजों ने 1870 के दशक में की थी. आशुतोष ने बताया कि प्रयागराज के अलावा, उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भी ऐसे ‘राम नाम बैंक’ खुल चुके हैं, जिनमें राज्य की राजधानी लखनऊ भी शामिल है. उन्होंने बताया कि लखनऊ में एक सड़क चौराहे का नाम भी बैंक के नाम पर रखा गया है.

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आशुतोष ने बताया कि वाराणसी में राम रमापति बैंक इसी अवधारणा पर काम कर रहा है. नीदरलैंड के रहने वाले हेंक जे केलमैन भी ‘राम नाम बैंक’ की अवधारणा का प्रचार करने में रुचि रखते हैं. बर्न में रहने वाले और वैष्णव परंपरा के अनुयायी केलमैन ने कहा कि ‘भक्ति योग की वैष्णव परंपरा के अनुसार, भगवान के कई नाम हैं. राम उनमें से एक है. इसलिए राम बैंक का विचार बहुत अच्छा है, जहां आप भगवान के नाम से भरी प्रतियां जमा कर सकते हैं और अच्छे कर्म उत्पन्न कर सकते हैं.‘

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प्रयागराज के ‘राम नाम बैंक’ का असर, विदेशों में अब खुलेंगी इसकी शाखाएं


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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