छिंदवाड़ा जिले के दमुआ नगर पालिका क्षेत्र में शनिवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब वार्ड नंबर 17 में एक खेत के पास आठ गायों की लाशें पड़ी मिलीं। नगर पालिका ने बिना पोस्टमार्टम के इन गायों को आनन-फानन में दफना दिया, लेकिन पशुपालकों और गौसेवकों के हंगामे के बाद प्रशासन हरकत में आया। बाद में गड्ढा खुदवाकर लाशों को बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम कराया गया। प्रारंभिक जांच में गायों को जहर देने की आशंका जताई गई है।
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फसल चरने के बाद हुआ था विवाद
जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले पार्षद मनीष उईके के खेत में गायों ने मूंग की फसल चर ली थी। इसके बाद मनीष ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने कुछ पशुपालकों को समझाइश दी थी और भविष्य में जानवर खेत में न छोड़ने की हिदायत दी थी। पशुपालकों ने बताया कि शुक्रवार रात से ही उनकी गायें लापता थीं। शनिवार सुबह जब खेत के पास 8 गायों की लाशें पड़ी मिलीं, तो गांव में हड़कंप मच गया। मृत गायों के मालिकों में उमेश यादव, राममिलन गुप्ता, अफसर खान, पंकज गुप्ता, दशरु और शंभू ठाकुर शामिल हैं।
बिना जांच दफनाईं लाशें, हंगामे के बाद पोस्टमार्टम
घटना के बाद नगर पालिका ने बिना किसी जांच के मृत गायों को दफना दिया था। इससे गुस्साए पशुपालकों और गौसेवकों ने प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रशासन ने लाशें निकलवाकर पशु चिकित्सक डॉ. संजय शर्मा से पोस्टमार्टम कराया। डॉ. शर्मा ने बताया कि सभी गायों का पोस्टमार्टम हो चुका है, उन्हें जहर देने की आशंका है। रिपोर्ट के बाद ही मौत का कारण स्पष्ट होगा।
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एक संदिग्ध हिरासत में
थाना प्रभारी आशीष धुर्वे ने बताया कि मामले में एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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