इस राम मंदिर का पानीपत युद्ध से कनेक्शन! 264 साल से हर साल यहां गूंज रहा है राम जन्मोत्सव का जयघोष

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Ram Navami 2025: पानीपत युद्ध के बाद 1761 में पुणे में राम मंदिर का निर्माण हुआ. इस साल 264वां राम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. मंदिर में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.
पुणे का ऐतिहासिक राम मंदिर
हाइलाइट्स
- पुणे में 264वां राम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है.
- पानीपत युद्ध के बाद 1761 में राम मंदिर का निर्माण हुआ.
- मंदिर में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं.
पुणे: महाराष्ट्र में राज्यभर में प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव बड़े भक्तिभाव और उत्साह के साथ मनाया गया. पुणे में पेशवाकाल में बना एक ऐतिहासिक राम मंदिर है. पानीपत युद्ध में हार के बाद साल 1761 में पुणेकरों के लिए यह मंदिर बनाया गया. इस साल इस मंदिर में 264वां राम जन्मोत्सव मनाया जा रहा है. इसके लिए मंदिर में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. इस मंदिर की स्थापना पुणेकरों का मनोबल बढ़ाने के लिए की गई थी. मंदिर में राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियां 1765 में स्थापित की गईं. इस बार 264वां राम नवमी महोत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया. सुबह से पूजा, आरती, रामायण पाठ, भजन और कीर्तन का आयोजन हुआ. मंदिर को फूलों से सजाया गया और राज्यभर से हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचे. यह मंदिर पुणे की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का प्रतीक है.
पानीपत युद्ध के बाद बना मंदिर
पुणे के सुभेदार श्रीमंत नारो आप्पाजी खिरे ने पानीपत की लड़ाई के बाद पुणेकरों का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से 1761 में राम मंदिर की स्थापना की. 1765 के नवंबर में राम-लक्ष्मण-सीता की मूर्तियां उमाजीबाबा पंढरपुरकर ने बनाई. इसके लिए उन्हें 372 रुपये दिए गए थे. इस मंदिर में कई परंपराएँ आज भी निभाई जाती हैं, ऐसा विजय गंजीवाले ने बताया.
राम नवमी के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम
पुणे के इस ऐतिहासिक राम मंदिर में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. सुबह से ही मंदिर में मंगलवाद्य की ध्वनि में पूजा-अर्चना, राम जन्म की विशेष आरती, रामरक्षा पाठ, और रामायण का पारायण किया जा रहा है. इसके अलावा कीर्तन, भजन और प्रवचन के माध्यम से प्रभु श्रीराम का जीवनचरित्र भक्तों तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है.
भक्तों की भीड़
पूरे मंदिर परिसर को फूलों और पारंपरिक सजावट से बहुत ही आकर्षक तरीके से सजाया गया है. प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए पुणे सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों से आए भक्तों की बड़ी भीड़ मंदिर में देखी जा रही है. छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी आयु वर्ग के भक्त प्रभु के दर्शन के लिए कतार में खड़े हैं.
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