Vip Security Arrangements Were Made For The Cm And The Hospital – Madhya Pradesh News

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दरअसल, रविवार 16 मार्च को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव राजगढ़ आए, जहां उन्होंने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। आरोप है कि इस दौरान राजगढ़ जिला अस्पताल तक देरी से पहुंचने के कारण एक बुजुर्ग मरीज ने दम तोड़ दिया। बुजुर्ग मरीज की मौत का सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया। इस घटना से संबंधित मृत व्यक्ति की बहू का एक वीडियो भी सामने आया, जिसमें वह सीएम मोहन यादव के सामने ही अपनी नाराजगी जाहिर करती नजर आ रही है। इस दौरेान मौके पर मौजूद राजगढ़ कलेक्टर और एक महिला सुरक्षा कर्मी उसे शांत कराते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। लेकिन, महिला के हंगामे का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने एक्स पर इस वीडियो को पोस्ट करते हुए सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने पोस्ट में लिखा- मुख्यमंत्री आएंगे तो आम मरीज रोक दिए जाएंगे… फिर चाहे किसी की जान चली जाए! राजगढ़ में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान एक मरीज को इमरजेंसी में आने से रोका गया, इलाज में देरी से मरीज की मौत हो गई! सवाल यह है कि सिस्टम की इस अमानवीयता का दोषी कौन? क्या दोषियों पर कार्रवाई करने की हिम्मत दिखाएगी प्रदेश सरकार?
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पटवारी बोले- हत्या का जिम्मेदार कौन?
मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- यह सरकारी अपराध ही है कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में राजगढ़ जिला अस्पताल में इलाज के इंतजार में एक व्यक्ति की मौत हो गई! इमरजेंसी में आए बुजुर्ग को CM सिक्योरिटी ने अस्पताल के अंदर आने से रोक दिया! समय पर इलाज नहीं मिलने से उसकी मौत हो गई! इस सरकारी-हत्या का जिम्मेदार कौन?
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लापरवाही नहीं हुई
इसके बाद राजगढ़ जिला जनसंपर्क विभाग ने अपने ऑफिशियल व्हाट्सएप ग्रुप और राजगढ़ कलेक्टर के सोशल मीडिया अकाउंट पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर नितिन पटेल का एक वीडियो बयान पोस्ट किया। जिसमें वे कह रहे हैं-16 मार्च की शाम 4 बजे के लगभग अमीचंद्र पिता गिरधारीलाल सोनी (89 वर्ष) को इलाज के लिए राजगढ़ जिला अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया था। डॉक्टर ओमप्रकाश द्वारा पूरी जांच के बाद उन्हें मृत घोषित किया गया। परिजन जब उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे, तब वे मृत अवस्था में ही थे। इलाज में लापरवाही जैसी कोई बात नहीं है।
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अस्पताल पहुंचने में देरी हुई
बता दें कि मृतक बुजुर्ग के परिजनों का आरोप था कि मुख्यमंत्री के आगमन के लिए वीआईपी प्रोटोकॉल के तहत की गई सुरक्षा व्यवस्था के कारण रास्ते में जगह-जगह लगाए गए बैरिकेड्स की वजह से उन्हें अस्पताल पहुंचने में देरी हुई। रास्ते में कई जगह बैरिकेड्स व सुरक्षा व्यवस्था थी। उन्होंने मिन्नतें करके बैरिकेड्स हटवाए और जैसे-तैसे मरीज को अस्पताल में दाखिल किया। डॉक्टरों ने बचाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन अस्पताल पहुंचने में देरी होने के कारण मरीज की जान चली गई। परिजनों का कहना है कि यदि हम समय पर अस्पताल पहुंच जाते तो शायद वे बच जाते।
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