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बीमारी उनकी सफलता में बाधा नहीं बना…’ऑटिज्म’ को पीछे छोड़ा, ‘भरत’ ने कर दिखाया कमाल

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Success Story: ऑटिज्म से पीड़ित भरत प्रसाद ने मैंगलोर में यक्षगान और कंप्यूटर डाटा एंट्री में अपनी प्रतिभा से सबको चौंकाया है. विशेष स्कूल में प्रशिक्षण और कड़ी मेहनत से उन्होंने खुद को साबित किया और समाज को प्…और पढ़ें

ऑटिज्म सक्सेस स्टोरी

दक्षिण कन्नड़ के मैंगलोर के रहने वाले भरत प्रसाद बचपन से ही ऑटिज्म से जूझ रहे हैं. ऑटिज्म एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चा सामान्य बच्चों की तरह बात नहीं कर पाता, लोगों से घुल-मिल नहीं पाता और कई बार रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पाता. लेकिन भरत ने इस बीमारी को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया.

खास स्कूल ने बदली ज़िंदगी
भरत वर्तमान में शक्तिनगर के सानिध्य विशेष बाल आवासीय विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं. सात साल पहले जब वह इस स्कूल में आए थे, तब उनका व्यवहार काफी सख्त और असामान्य था. लेकिन स्कूल की काउंसलिंग और लगातार ट्रेनिंग ने उनकी ज़िंदगी बदल दी. वहां के शिक्षकों और स्टाफ की मेहनत रंग लाई और भरत ने धीरे-धीरे खुद को संभालना शुरू कर दिया.

यक्षगान बना आत्मविश्वास की पहचान
सानिध्य स्कूल में रहते हुए भरत ने कई सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेना शुरू किया. उन्होंने पारंपरिक कर्नाटक नाट्यशैली यक्षगान में भाग लेकर सबको चौंका दिया. एक ऐसा मंच, जहां बोलने, गाने और अभिनय की ज़रूरत होती है, वहां भरत का प्रदर्शन दर्शकों को हैरान कर गया. यह केवल एक कला नहीं, बल्कि भरत के आत्मविश्वास की झलक थी.

कंप्यूटर में भी दिखाया कमाल
भरत ने वामनजुर स्थित मंगलाज्योति आईटीआई से कंप्यूटर की पढ़ाई पूरी की है. उन्हें डाटा एंट्री में इतनी महारत है कि बिना कोई गलती किए काम को पूरा कर लेते हैं. यह एक बड़ा उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन और ट्रेनिंग से ऑटिज्म से जूझते बच्चे भी कुछ बड़ा कर सकते हैं.

घर पर भी कर रहे खास काम
भरत केवल स्कूल और ट्रेनिंग तक सीमित नहीं हैं. वह घर पर भी अपनी माँ और भाई के साथ रहते हुए कई गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं. वह कागज़ से लिफाफे और कवर बनाना भी सीख गए हैं और यह काम इतनी सफाई से करते हैं कि देखने वाला दंग रह जाए.

समाज के लिए एक मिसाल
अक्सर ऑटिज्म से ग्रसित लोगों को दूसरों पर निर्भर माना जाता है. लेकिन भरत ने इस सोच को तोड़ दिया है. उन्होंने साबित कर दिया कि अगर हौसला हो और सही साथ मिले, तो कोई भी बच्चा पीछे नहीं रह सकता. भरत की मेहनत और लगन समाज के लिए एक प्रेरणा है.

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बीमारी सफलता में बाधा नहीं बना…’ऑटिज्म’ को पीछे छोड़ा, भरत ने कमाल किर दिया


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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