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सचिन पायलट ने खत्म किया ‘अनशन’, गहलोत सरकार पर साधा निशाना, प्रियंका गांधी ने किया फोन

नई दिल्ली. राजस्‍थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा कांग्रेस पार्टी की तरफ से दी गई चेतावनी को दरकिनार करते हुए मंगलवार को जयपुर में पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर शुरू किया गया एक दिवसीय ‘अनशन’ खत्म हो गया.

उन्होंने कहा, ‘राजस्थान में जो भ्रष्टाचार हुआ, उसके विरोध में मैंने एक दिन का अनशन रखा था, इस मुद्दे को लंबे समय से उठा रहा था, इसी मुद्दे पर राहुल गांधी ने संसद के अंदर और बाहर अपनी आवाज को रखा, संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को रखा, वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हम विपक्ष में थे, हमने बहुत सारे घोटाले के मामलों को उजागर किया था, जनता से वादा किया था कि जब सरकार में आएंगे तो जो घोटाले हुए हैं (उनका विवरण मैं दे चुका हूं), सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ, भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है.’

इसके साथ ही पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ फ‍िर मोर्चा खोल दिया है. दिसंबर 2018 में राज्‍य में कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से ही इन दोनों नेताओं में खींचतान जारी है. कांग्रेस के सत्ता में आने के समय पायलट राजस्‍थान कांग्रेस के अध्‍यक्ष थे.

आपके शहर से (जयपुर)

इस बीच, खबर है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मामले को संभालने के लिए सचिन पायलट को फोन किया था. फिर भी, उन्होंने अपने ‘अनशन’ का कार्यक्रम स्थगित नहीं किया. कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा दी गई चेतावनी से व‍िचलि‍त हुए बिना पायलट मंगलवार पूर्वाह्न 11 बजे जयपुर के शहीद स्‍मारक पर धरने पर बैठे. धरना स्‍थल पर बड़ी संख्या में पायलट समर्थक मौजूद हैं, हालांकि पार्टी का कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया. पायलट ने मौजूदा विधायकों से इस कार्यक्रम में नहीं आने को कहा था.

इस अनशन के लिए शहीद स्मारक के पास एक तंबू लगाया गया. वहां बनाए गए छोटे से मंच पर केवल पायलट बैठे. उनके समर्थक व अन्‍य कार्यकर्ता आसपास नीचे बैठे. मंच के पास महात्‍मा गांधी एवं ज्‍योतिबा फुले की तस्‍वीरें रखी गईं. मंच के पीछे केवल महात्‍मा गांधी की फोटो के साथ ‘वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्‍टाचार के विरुद्ध अनशन’ लिखा है. लाउडस्‍पीकर पर अलग अलग देशभक्ति गाने बजाए गए.

शहीद स्मारक पर पहुंचने से पहले पायलट अपने आवास से 22 गोदाम सर्किल पहुंचे और वहां समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की. पायलट ने इस दौरान संवाददाताओं से कोई बात नहीं की. उल्‍लेखनीय है कि पायलट ने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामलों में राज्‍य की मौजूदा अशोक गहलोत नीत सरकार द्वारा कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर एक दिवसीय अनशन करने की घोषणा की थी.

वहीं, कांग्रेस पार्टी ने पायलट के इस कदम को ‘पार्टी विरोधी’ करार दिया है. पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का एक बयान सोमवार देर रात जारी किया गया जिसके अनुसार, ‘पायलट का अनशन पार्टी के हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है.’ रंधावा ने कहा, ‘अगर अपनी ही पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ उन्हें कोई समस्‍या है तो मीड‍िया और जनता के बजाय पार्टी के मंच पर चर्चा की जा सकती है.’ इसके साथ ही रंधावा ने कहा क‍ि पायलट ने कभी उनसे ऐसे मुद्दे पर चर्चा नहीं की.

पायलट ने रविवार को जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अनशन पर बैठने की घोषणा की थी. उन्होंने वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई नहीं करने के लिए राजस्थान की मौजूदा अशोक गहलोत सरकार पर भी निशाना साधा. कांग्रेस में गुटबाजी के बीच पायलट के इस कदम को विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में नेतृत्व के मुद्दे को हल करने के लिए पार्टी आलाकमान पर दबाव बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

उल्‍लेखनीय है कि गहलोत और पायलट में यह खींचतान दिसंबर 2018 में सरकार गठन के दौरान मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुई थी. तब पार्टी आलाकमान ने गहलोत को तीसरी बार मुख्‍यमंत्री पद द‍िया, जबक‍ि पायलट को उपमुख्‍यमंत्री बनाया. जुलाई 2020 में पायलट ने कुछ और विधायकों के साथ गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था. इसके बाद राज्‍य में लगभग एक महीने तक राजनीतिक संकट रहा जो पार्टी आलाकमान की ओर से पायलट द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर करने के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया था.

इसी घटनाक्रम के बीच गहलोत ने पायलट के लिए ‘गद्दार’, ‘नकारा’ और ‘निकम्मा’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया और उन पर भाजपा नेताओं के साथ म‍िलकर राज्‍य की चुनी हुई सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया. पायलट मांग करते रहे हैं कि पार्टी नेतृत्व उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई करे.

Tags: Ashok gehlot, Congress, Priyanka gandhi vadra, Sachin pilot


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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