नौकरी नहीं, धंधे में पैसा है! शख्स ने जॉब छोड़कर खुद का बिजनेस स्टार्ट किया, आज 50 लाख का मालिक

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Business success story: गणेश अंधारे ने डेयरी टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर अपना खुद का डेयरी व्यवसाय शुरू किया. अपने प्लांट से रोजाना 10,000 लीटर दूध का उत्पादन कर लस्सी, दही, घी, पेड़ा जैसे उत्पाद बना रहे हैं.
डेयरी स्टार्टअप से लाखों कमा रहे गणेश
जालना जिले के जाफराबाद तालुका के गणेश अंधारे ने अपने जुनून और मेहनत से डेयरी व्यवसाय में सफलता की नई इबारत लिखी है. एक छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा देउलगांव राजा में पूरी की. बचपन से ही उन्हें डेयरी व्यवसाय में रुचि थी, इसलिए उन्होंने डेयरी टेक्नोलॉजी की पढ़ाई की और इसे अपने करियर का जरिया बनाया.
नौकरी से लेकर खुद का व्यवसाय
अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, गणेश अंधारे ने अमोल पार्स जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में कर्मचारी के रूप में काम किया. इस दौरान उन्होंने उद्योग के कामकाज और तकनीकों को बारीकी से समझा. लेकिन उनका सपना केवल नौकरी तक सीमित नहीं था. उन्होंने अपनी खुद की पहचान बनाने के लिए अपने गांव में एक डेयरी प्लांट शुरू किया और विभिन्न दुग्ध उत्पादों के निर्माण की ओर कदम बढ़ाया.
दस हजार लीटर दूध का रोजाना उत्पादन
गणेश अंधारे का प्लांट आज प्रतिदिन दस हजार लीटर दूध एकत्र करता है. इस दूध को संसाधित कर वे लस्सी, दही, घी, खावा, पेड़ा और बासुंदी जैसे उत्पाद तैयार कर बाजार में बेच रहे हैं. उन्होंने अपने ब्रांड का नाम गोपेश्वर रखा है, जो अब इलाके में एक विश्वसनीय नाम बन चुका है.
लाखों का टर्नओवर, सफलता की मिसाल
गणेश अंधारे का यह उद्यम सालाना 50 से 60 लाख रुपये का टर्नओवर कर रहा है. अपनी गुणवत्ता और मेहनत के दम पर वे ग्राहकों का भरोसा जीतने में सफल रहे हैं. उन्होंने जालना में चल रही गोडा समृद्धि कृषि प्रदर्शनी में भी अपना स्टॉल लगाया है, जहां उनके उत्पादों को काफी सराहना मिल रही है.
युवाओं के लिए प्रेरणा
गणेश अंधारे की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने पैशन को करियर में बदलना चाहते हैं. शिक्षा और अनुभव के सही मिश्रण से कैसे एक बड़ा व्यवसाय खड़ा किया जा सकता है, यह उन्होंने साबित कर दिया है. उनका मानना है कि यदि कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़ संकल्पित हो, तो सफलता जरूर मिलती है.
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