धार्मिक नगरी उज्जैनी का गौरव दिवस आज नगर में धूमधाम के साथ मनाया गया। इस दौरान विक्रम महोत्सव 2025 के अंतर्गत रामघाट पर जल गंगा संवर्धन अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने की। शिप्रा तट पर राज्य मंत्री डॉ. अर्जुन राम मेघवाल की अध्यक्षता में इसकी शुरुआत की गई। कार्यक्रम में जहां 1000 ड्रोन शो से भारत के नववर्ष का अभिनंदन विभिन्न आकृतियों बनाकर किया गया, वहीं प्रसिद्ध गायिका श्रेया घोषाल ने जय श्री महाकाल और हर हर महादेव के उद्घोष के साथ प्रस्तुति दी।
महाराजा विक्रमादित्य के निदेशक श्रीराम तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दूरदर्शी सोच के साथ मध्यप्रदेश में वर्षा जल की बूंद-बूंद बचाने का जल गंगा संवर्धन महा अभियान गुड़ी पड़वा से शुरू हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित क्षिप्रा तट पर वरुण (जल देवता) पूजन और जलाभिषेक के साथ जल गंगा संवर्धन अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। यह प्रदेशव्यापी अभियान ग्रीष्म ऋतु में 30 जून तक 90 दिन से अधिक समय तक लगातार चलेगा। इस दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव हर दिन एक छोटी-बड़ी जल संरचना को लोकार्पित करेंगे।
गायिका श्रेया घोषाल ने प्रस्तुति दी
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1 अप्रैल से होने जा रही है शराबबंदी
उज्जैन में भगवान श्री महावीर स्वामी ने तपस्या की है। तपस्या का पथ सही होने पर शपथ सफल होती है। मानव जीवन संक्षिप्त समय का है ,इसलिए जितना भी समय है, उसे हमे परमार्थ के कार्य और सभी जीवों की सेवा में लगाना चाहिए। परमार्थ के कार्य कर मानव महापुरुष हो जाता है। यह उद्बोधन मुख्यमंत्री डॉ यादव ने जैन समाज के शपथ अनुष्ठान पर्व कार्यक्रम में दिया। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि हमारी सरकार विकास के कार्य सांस्कृतिक समन्वय से कर रही है। इसी क्रम में उज्जयिनी और प्रदेश के अन्य धार्मिक नगरों में 1 अप्रैल से शराबबंदी की जा रही है। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ यादव ने दीप प्रज्वलित कर की।कार्यक्रम में आयोजनकर्ताओं ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को उज्जैन का नाम संपूर्ण देश प्रदेश में गौरवान्वित करने पर नागरिक अभिनंदन किया गया।
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उज्जैन में सीएम मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री मेघवाल
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वीर भारत संग्रहालय का भूमिपूजन किया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में कोठी महल पर युगयुगीन भारत के कालजयी महानायकों की तेजस्विता की महागाथा का वर्णन करने वाले “वीर भारत संग्रहालय” का भूमि पूजन किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय विधी एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अर्जुनराम मेघवाल भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर कहा कि उज्जैन का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। हर कल्प में उज्जैनी का अपना इतिहास रहा है। प्राचीन भारत के वीर महापुरुषों की गौरव गाथा की जानकारी इस संग्रहालय में प्रदान की जाएगी। संग्रहालय का निर्माण भव्य स्तर पर किया जाएगा। प्राचीन काल की सभी प्रमुख घटनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी। संग्रहालय का निर्माण लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा। इसके अतिरिक्त आवश्यकता पड़ने पर और धन राशि भी प्रदान की जाएगी। हमें अपनी विरासत पर गर्व करने का एक और अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अपनी ओर से संग्रहालय के निर्माण हेतु शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम पंडित चंदन व्यास एवं उनके दल के द्वारा स्वस्ति पाठ किया गया। तत्पश्चात वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव श्रीराम तिवारी द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर अतिथितियों का स्वागत किया गया। श्रीराम तिवारी ने कार्यक्रम में स्वागत वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष के गौरवशाली और पराक्रमी अतीत से सुपरिचय तथा प्रेरणा हमारे समय की अपरिहार्य आवश्यकता है। यह एक राष्ट्रव्यापी, महत्वाकांक्षी स्वप्र है जिसे चरितार्थ करने के लिए वीर भारत संग्रहालय में भारत की तेजस्विता और पराक्रम के विभिन्न आयामों को व्यापक रूप से प्रस्तुत किए जाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार संकल्पित है। तेजस्विता और शौर्य हमारे जीवन, परंपरा, चित्त-वृत्ति, चिंतन-प्रकृति, दर्शन, जीवन मूल्य, आस्था और विश्वासों का स्वर है। हमारा प्रयास है कि वीर भारत संग्रहालय में राष्ट्र की सभी मंगलकारी दृष्टियों का प्रतिबिंबन हो। भारत वर्ष का प्रागैतिहास-पुरापाषाण काल, पूर्व वैदिक, वैदिक/उपनिषद, सरस्वती सिंधु घाटी सभ्यता, उत्तर वैदिक, श्रीराम के पूर्वज, श्रीकृष्ण के पूर्वज, रामायण काल, महाभारत काल, प्राचीन भारत की जनजातियों, महाजनपद काल, गौतम बुद्ध, महावीर, आदिशंकराचार्य, चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट विक्रमादित्य काल, सातवाहन, गुप्त साम्राज्य, चोल, पल्लव, भोजदेव, मध्ययुग, भक्ति काल, भारत के शूरवीर, पराधीनता के विरूद्ध सिंहनाद करते हुए भारत की सुदीर्घ परंपरा में तेजस्वी नायकों, चिंतकों, दार्शनिकों, मंत्रद्रष्टा, ऋषियों, संतों, मनीषियों, कवियों, लेखकों, कलाकारों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों के अनुपम योगदान को रेखांकित किया जाएगा।
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ऐतिहासिक मराठा कालीन इमारत को हेरिटेज होटल में तब्दील किया गया है।
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मध्यप्रदेश में पहली बार एक ऐतिहासिक मराठा कालीन इमारत को हेरिटेज होटल में तब्दील किया गया है। यह होटल महाकाल मंदिर के पास स्थित है, जहां से श्रद्धालु कमरों और रूफटॉप रेस्तरां से मंदिर के शिखर दर्शन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्यपाल मंगू भाई पटेल और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने रविवार शाम को इसका लोकार्पण किया। मॉडर्न सुविधाओं से लैस इस होटल में हाईटेक ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी, वैदिक घड़ी, ऐतिहासिक नक्काशी और शानदार इंटीरियर मौजूद है। श्रद्धालु ऑनलाइन और ऑफलाइन बुकिंग के जरिए यहां ठहर सकेंगे, जहां एक रात का किराया 7,280 रुपए से 35,990 रुपए तक होगा। महाकाल मंदिर के ठीक पास बना हेरिटेज होटल कोई सामान्य होटल नहीं है। इसी इमारत में कभी महाराजवाड़ा स्कूल संचालित किया जाता था। स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट करने के बाद, मध्य प्रदेश टूरिज्म और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की मदद से 5,000 वर्गफीट के परिसर में स्थित 2,500 वर्गफीट की इस इमारत को हेरिटेज होटल में तब्दील किया गया है। भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु इसमें ठहरकर अपने कमरों से ही मंदिर के शिखर दर्शन कर सकेंगे। होटल में कुल 9 सुइट रूम, 6 डीलक्स रूम और 2 सुपर डीलक्स रूम बनाए गए हैं।