अजब गजब

राज ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र को लेकर दिया बड़ा बयान, गंगा को लेकर कहा- लाखों लोग उसमें स्नान करके बीमार हुए

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राज ठाकरे

मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने शिवाजी पार्क में औरंगजेब की कब्र, कुंभ और गंगा नदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। राज ठाकरे ने कहा, ‘कुंभ पर मैंने बयान दिया तो कुछ नए हिंदुत्ववादियों ने कहा कि मैंने कुंभ का अपमान किया। हमारे देश में नदियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। नदियों को हम माता कहते हैं। पहले राजीव गांधी और अब 2014 में मोदी ने कहा कि गंगा साफ करेंगे। लेकिन लाखों लोग गंगा में स्नान करके बीमार हुए। सवाल गंगा के अपमान और कुंभ के अपमान का नहीं है, सवाल गंगा की सफाई का है।’ इसके अलावा राज ठाकरे ने मुगल शासक औरंगजेब को लेकर भी बड़ा बयान दिया।

गंगा के प्रदूषण का वीडियो दिखाते हुए कही ये बात

राज ठाकरे ने कहा कि अब तक 33 हजार करोड़ रुपए गंगा की सफाई पर खर्च हुए। आधे जले शवों को गंगा में बहाया जा रहा है। अगर हमारी प्राकृतिक संपत्ति की रक्षा के बीच में धर्म आ रहा होगा तो वह धर्म किस काम का है? वहां अलग व्यवस्था क्यों नहीं बनाई जाती? क्या हम धर्म के नाम पर नदियों को बर्बाद और प्रदूषित नहीं कर रहे हैं? जब मैं यह सब देख रहा था तो मुझे समझ में नहीं आया।’

उन्होंने कहा, ’65 करोड़ लोगों ने स्नान किया, इसका मतलब है कि आधे भारत ने स्नान किया। महाराष्ट्र की नदियों की स्थिति भी वैसे ही खराब है।’

राज ठाकरे ने औरंगज़ेब की कब्र को लेकर कही ये बात

राज ठाकरे ने कहा, ‘औरंगज़ेब की कब्र रहनी चाहिए या उखाड़नी चाहिए, इस पर अब हम असल मुद्दों को छोड़कर चर्चा कर रहे हैं। फिल्म देखकर जागने वाले हिंदू कुछ काम के नहीं हैं। विक्की कौशल फिल्म में मरा, तब लोगों को संभाजी महाराज समझ आए। औरंगजेब गुजरात में जन्मा। शिवाजी महाराज एक विचार हैं।’

राज ठाकरे ने कहा, ‘अफजल खान और शिवाजी महाराज दोनों के वकील ब्राह्मण थे, लेकिन पुराने इतिहास को लेकर अभी जाति की राजनीति की जा रही है। मैं फिर एक बार कहता हूं, औरंगजेब का राज अफगान से दक्षिण तक था। औरंगजेब के बेटे को शह संभाजी महाराज ने दी थी। इतना बड़ा बादशाह क्यों महाराष्ट्र में मरते दम तक रुका, क्योंकि उसे छत्रपति शिवाजी महाराज का विचार मारना था।’

राज ठाकरे ने कहा, ‘अब जो कब्र है ना, उसे बिना सजाए रखें और वहां एक बोर्ड लगाएं कि जो हमें मारने आया था, उसे हमने यहीं गाड़ा। हमारे इतिहास के बारे में पता चलना चाहिए कि हमारे दुश्मनों को हमने इसी मिट्टी में मारकर गाड़ा। बच्चों को सिखाना चाहिए, अगली पीढ़ी को बताना चाहिए कि देखो हमारे पूर्वजों ने ऐसे क्रूर शासको को यहां मारा।’




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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