घर बैठे डेजी ने शुरू किया पेपर प्लेट बनाने का काम, आज हैं मालकिन, दूसरों को दे रही हैं रोजगार

बांका. मेहनत का कोई भी काम हो वो जिंदगी बदल सकता है. जैसा बांका की डेजी रानी के साथ हुआ. साधारण ही घरेलू महिला अब एक सफल उद्यमी हैं. खुद तो आत्मनिर्भर हो ही चुकी हैं. दूसरे कई लोगों को भी रोजगार दे रही हैं.
डेजी रानी बांका मुख्यालय के विजय नगर में रहती हैं. वो कुछ करना चाहती थीं. अपने पैरों पर खड़े होना चाहती थीं. बहुत सोच विचार किया और फिर लगाया पेपर प्लेट और कटोरी बनाने का उद्योग. अब वो अपना बेहतर जीवन जी रही हैं और कई लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं. इस रोजगार से वो हर महीने 45 से ₹50000 कमा रही हैं. साथ में कई लोगों को रोजगार भी दे रखा है जिन्हें10000 से 15000 रुपए तक सैलरी देती हैं.
अपने पैरों पर खड़ी हो गयीं डेजी
डेजी रानी ने बताया शादी के बाद घर में दिन भर अकेले ही रहना पढ़ता था. पति अपने काम पर सुबह ही घर से निकल जाते थे. इसी दौरान मुझे लगा घर में बैठ कर समय व्यतीत करने से अच्छा है कोई रोजगार किया जाए. समस्या यह थी कि हम कहीं बाहर नहीं जा सकते थे. काफी सोचने के बाद तय किया कि कोई ऐसा रोजगार हो जो घर में किया जा सके. फिर यूट्यूब खंगाला. वहां से रास्ता मिला. लगा कि सबसे बेहतरीन रोजगार पेपर प्लेट उद्योग है जो घर में बैठकर किया जा सकता है.
सरकारी योजना से मिली मदद
डेजी रानी बताती हैं इसमें काफी खर्च होना था. हमारे पास पैसे नहीं थे. इस बीच अखबार में आए विज्ञापन में महिला उद्यमी योजना के बारे में पढ़ा और योजना के लाभ लेने के लिए आवेदन किया. सरकार की तरफ से 2 लाख की अनुदान राशि मिली. उसके बाद मैंने पेपर प्लेट कटोरी का उद्योग लगाकर घर पर ही काम शुरू कर दिया.
हर महीने 50 हजार का शुद्ध मुनाफा
डेजी बताती हैं यह काम साल भर चलता है. शादी हो या गमी. जन्मदिन हो या पार्टी. हर मौके पर पेपर से बने दौने-पत्तल की मांग रहती है. हालांकि लग्न के समय धंधा ज्यादा चलता है. वो हर महीने 20 हजार पीस पेपर प्लेट और कटोरी बनाती हैं. एक थाली बनाने पर 12 रुपए और कटोरी पर 3.5 रुपए का खर्च आता है. धंधा बढ़िया चल रहा है. सारे खर्च और लागत निकालने के बाद डेजी को हर महीने 45 से 50 हजार रुपए तक का शुद्ध मुनाफा हो जाता है.
Tags: Banka News, Employment opportunities, Local18
FIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 16:27 IST
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