कंपनी में लाखों का पैकेज छोड़ 24 साल के गौरव ने शुरू किया स्टार्टअप, सालाना इतना है टर्नओवर

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पाली के गौरव शर्मा ने 24 साल की उम्र में लाखों का पैकेज छोड़कर डिजिटल मार्केटिंग स्टार्टअप अपनापन शुरू किया. अब वे सालाना 40 लाख का टर्नओवर कर रहे हैं और 25-30 युवाओं को रोजगार दे रहे हैं.
पाली में युवा गौरव शर्मा ने शुरू किया खुद का स्टार्टअप
हाइलाइट्स
- गौरव शर्मा ने 24 साल की उम्र में स्टार्टअप अपनापन शुरू किया
- गौरव का स्टार्टअप सालाना 40 लाख का टर्नओवर कर रहा है
- गौरव 25-30 युवाओं को रोजगार दे रहे हैं
पाली. नौकरिया छोडकर युवाओं में अब अपने नए स्टार्टअप के प्रति रूझान बढ रहा है उसी का नतीजा है कि पाली के एक युवा गौरव शर्मा ने सालाना लाखो रूपए का पैकेज छोडकर जिस तरह से खुद का स्टार्टअप शुरू किया उससे न केवल सालाना 40 लाख रूपए का टर्नओवर कर रहे है बल्कि अपने साथ-साथ 25 से 30 युवाओं को रोजगार देने का काम भी कर रहे है.
पाली शहर के रामदेव रोड क्षेत्र के रहने वाले 24 साल के गौरव शर्मा के पिता इलेक्ट्रॉनिक होम एम्पलॉयर रिपेयरिंग की शॉप चलाते है ऐसे में गौरव ने भी जयपुर में रहकर इलेक्ट्रिकल में इंजीनियरिंग किया बाद में एक कंपनी में जॉब पर लगे जहां सालाना 6 लाख का पैकेज था. मगर मन में शुरू से ही खुद कुछ करने का जुनून था इसलिए दिमाग में आया कि डिजिटल मार्केटिंग में फील्ड में कुछ करके दिखाएंगे और धीरे-धीरे मेहनत शुरू की ओर आज एक अच्छा सालाना टर्नओवर वाला बिजनेस खडा कर दिया.
24 साल की उम्र में शुरू किया बिजनेस
24 साल की उम्र में जहां कई युवा एक अच्छा जॉब तक सर्च नहीं कर पाते वहीं पाली के एक युवक ने सालाना लाखों रुपए के पैकेज की नौकरी छोड़कर खुद का स्टार्टअप शुरू किया. युवक ने डिजिटल मार्केटिंग में काम किया और अब सालाना 40 लाख के करीब टर्नओवर ले रहा है. साथ ही 25 से 30 युवाओं को वे जॉब भी दे रहा है. इस युवा का नाम है गौरव शर्मा.
यह है गौरव शर्मा का पारिवारिक बेग्राउंड
पाली शहर के रामदेव रोड क्षेत्र में रहने वाले 24 साल के गौरव शर्मा बताते है कि पिता उगमराज शर्मा पाली में ही इलेक्ट्रॉनिक होम एम्पलॉयर रिपेयरिंग की शॉप चलाते हैं. मां फूलवंती देवी हाऊस वाइफ हैं. छोटी बहन कीर्ति UPSC की तैयारी कर रही है. मैंने 12वीं तक की पढ़ाई पाली में की. फिर वर्ष 2018 से 2022 तक जयपुर में रहकर इलेक्ट्रिकल में इंजीनियरिंग की. उसके बाद उन्हें एलएण्डटी कम्पनी में जॉब लग गया. जहां सॉफ्टेवयर इंजीनियर की पोस्ट पर काम करता था और सालाना करीब 6 लाख का पैकेज था.
कोविड में आया यह आईडिया, फिर किया इम्प्लिमेंट
गौरव कहते है कि शुरू से ही मन में खुद का कुछ करने का था. वर्ष 2020 में जब कोविड आया तो ज्यादातर समय घर पर बीता. ऑफिस का काम भी घर से करने लगा. उस समय मन में आया कि क्यों न डिजिटल मार्केटिंग के फील्ड में उतरा जाए. फिर नौकरी के साथ समय निकाल कर खुद के स्टार्टअप पर भी काम करना शुरू कर दिया. एक वेबसाइट बनाई जिसको नाम दिया अपनापन. यह सोशल मीडिया पर बड़ी कम्पनियों, ब्रांड की मार्केटिंग का काम करती है.
60 कंपनियों का देख चुके काम, 6 विदेशी कंपनिया भी शामिल
मेरी कम्पनी का हेड क्वार्टर मुम्बई में है. कोरोना के बाद कंपनी ने मुम्बई आने के लिए कहा तो जनवरी 2024 में रिजाइन कर लिया और अपने स्टार्टअप अपनापन पर फोकस करना शुरू कर दिया. कम्पनी जितनी सैलेरी देती है उतनी तो मैं अपने स्टार्टअप पर फोक्स करूं तो कमा सकता हूं. गौरव ने बताया- वर्तमान में जयपुर में रहकर अपने स्टार्टअप को रन कर रहा हूं. कम्पनी बड़े ब्रांड, कम्पनियों की डिजिटल मार्केटिंग का काम करती है. अभी तक करीब 60 कम्पनियों का काम देख चुका हूं. वर्तमान में 30 कम्पनियों का काम देख रहा हूं. इसमें 6 विदेशी कम्पनियां भी हैं. इस काम में 30 युवा साथ जुड़े हुए हैं. जिन्हें मैं सैलरी देता हूं. कोई कंटेट क्रिएट करने का काम करता है तो कोई अन्य काम.
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