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ट्रेन के हर कोच में GRP ने छोड़ रखे हैं अपने ‘गुप्‍तचर’, ऐसा वैसा करने पर झट से एक्‍शन, गजब का लगाया जुगाड़ – government railway police grp spy in every train coach instant action will taken crime check policy news

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Inian Railway News: भारतीय रेल का नेटवर्क दुनिया के टॉप-5 में से एक है. देश के अर्बन से लेकर रूरल और सुदूर इलाकों तक में इंडियन रेलवे की पहुंच है. ट्रेन के जरिये हर दिन लाखों की तादाद में लोग सफर करते हैं, ऐसे …और पढ़ें

GRP ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए अनोखा कदम उठाया है.

भारतीय रेल दुनिया के विशालतम नेटवर्क में से एक है. इसके विस्‍तार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उत्‍तर में कश्‍मीर से लेकर दक्षिण में कन्‍याकुमारी तक और नॉर्थईस्‍ट के अगरतला तक इंडियन रेलवे का नेटवर्क फैला है. ट्रेनों से हर दिन लाखों की तादाद में लोग अपनी मंज‍िल तक पहुंचते हैं. इनमें लॉन्‍ग डिस्‍टेंस से लेकर कम दूरी की ट्रेनें शामिल हैं. इतने विशाल नेटवर्क को मेंटेन करना कतई आसान काम नहीं है. इसके साथ ही लाखों पैसेंजर्स की सुरक्षा को सुनिश्‍चत करना भी रेलवे के लिए बड़ी चुनौती है. रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा भी बड़ा चैलेंज है. इसके बावजूद इंडियन रेलवे इस जिम्‍मेदारी को बखूबी निभा रहा है. रेलवे में सुरक्षा का काम GRP और RPF के कंधों पर है. अब GRP ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए गजब की तरकीब लगाई है. अगर यह तरीका सफल रहा तो ट्रेन के हर कोच में GRP का गुप्‍तचर होगा जो क‍िसी भी घटना की जानकारी तत्‍काल उस तक पहुंचाएगी. इससे अपराध पर अंकुश लगाना काफी आसान हो जाएगा.

दरअसल, ट्रेन में महिलाओं को परेशान करने के साथ ही अन्‍य तरह के अपराध पर लगाम लगाने के लिए GRP ने अनोखा कदम उठाया है. इस प्रक्रिया में अब रेल यात्रियों को भागीदार बनाया जाएगा. इसके लिए बकायदा रेलवे महिला यात्री प्रोटेक्‍शन ग्रुप बनाया गया है. इस ग्रुप का काम किसी भी तरह की सूचनाओं को GRP के साथ साझा करना है. इससे तत्‍काल एक्‍शन लेना संभव हो सकेगा. इस ग्रुप को डीजीपी (रेलवे) के वन्निया पेरुमल के निर्दश पर बनाया गया है. ट्रेन में महिलाओं के खिलाफ लगातार आपराधिक घटनाएं होने लगी हैं, ऐसे में महिला पैसेंजर्स की सुरक्षा के लिए खास ग्रुप बनाया गया है. इससे GRP को रियल टाइम पर सूचनाएं मिल सकेंगी, जिससे एक्‍शन लेना आसान होगा.

GRP का बेहतरीन आइडिया
‘द‍ि हिन्‍दू’ की रिपोर्ट के अनुसार, DGP (रेलवे) पेरुमल ने पैसेंजर प्रोटेक्‍शन ग्रुप बनाने के पीछे की वजह भी बताई. उन्‍होंने कहा, ‘ट्रेन में महिला यात्रियों और रेलवे संपत्तियों की रक्षा के साथ ही अन्‍य तरह के अपराध पर रोक लगाने के लिए कम्‍यनिटी पुलिसिंग काफी जरूरी है. सब्‍जी बेचने वाले, स्‍कूल-कॉलेज के छात्र और सरकारी और प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाली महिला कर्मचारी ट्रेन से रोजाना सफर करते हैं. ये लोग बचपन से ही ट्रेन का इस्‍तेमाल करते हुए आ रहे होते हैं. ऐसे में ये लोग मुश्किल पैदा करने वाले और अपराधियों के बारे में अच्‍छी तरह से जानते हैं और उनकी पहचान भी रखते हैं. ऐसे में क्राइम कंट्रोल के लिए उनके साथ बेहतर संबंध और तालमेल बैठा कर रखना काफी सहायक और मददगार साबित हो सकता है.’

GRP को खास निर्देश
डीजीपी (रेलवे) ने आगे बताया कि जोन में आने वाले भी 40 GRP स्‍टेशन के इंस्‍पेक्‍टर और सब-इंस्‍पेक्‍टर को अपने एरिया में इस तरह का ग्रुप बनाने का निर्देश दिया गया है. इससे पुलिस और पैसेंजर्स के बीच न केवल बेहतर संबंध स्‍थापित होंगे, बल्कि रेल यात्री बिना किसी झिझक के अपनी परेशानियां और अन्‍य तरह की सूचनाएं GRP से साझा कर सकेंगे. इस ग्रुप में रेगुलर पैसेंजर्स को शामिल किया जाएगा. कभी कभार ट्रैवल करने वाले पैसेंजर्स भी किसी भी तरह की सूचना GRP से साझा कर सकेंगे. इस पूरी कवायद का उद्देश्‍य रेलवे और ट्रेन यात्रा का हर किसी के लिए सुखद और सुरक्षित बनाना है.

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ट्रेन के हर कोच में GRP ने छोड़ रखे हैं अपने ‘गुप्‍तचर’, खट से एक्‍शन


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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