म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ी, 1600 से ज्यादा लोगों की मौत, राहत सामग्री लेकर पहुंचा भारत

म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ी
म्यांमार: भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में शुक्रवार और शनिवार को आए भीषण भूकंप ने भारी जनहानि की है। इस भूकंप में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ गया है। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, खबर लिखे जाने तक म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या 1600 से भी ज्यादा पहुंच चुकी है। ये आंकड़ा और बढ़ सकता है। एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार की सत्तारूढ़ सेना ने सरकारी टेलीविजन पर कहा कि भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,600 से अधिक हो गई है।
कितना शक्तिशाली था भूकंप?
थाईलैंड और म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया था। इसी भूकंप ने सैकड़ों जानें ली हैं। इस भूकंप की वजह से एक निर्माणाधीन ऊंची बिल्डिंग भी ढह गई थी, जिसके बाद म्यांमार ने कई राज्यों में इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी। बता दें कि दोपहर के समय आए इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था, जिसके बाद 6.4 तीव्रता का एक और शक्तिशाली भूकंप आया।
भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ, ऑपरेशन ब्रह्मा दिया नाम
भारत अपने पड़ोसी देश म्यांमार की मदद के लिए आगे आया है। भारत ने म्यांमार की मदद के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा चलाया है। इस ऑपरेशन के जरिए म्यांमार में मदद पहुंचाई जा रही है। भारतीय सेना के पांच विमानों को इस काम में लगाया गया है। इसके साथ ही नौसेना के जहाज भी राहत सामग्री लेकर रवाना हुए हैं। भारत की तरफ से प्लेन और नौसेना के जहाजों के जरिए कुल 137 टन के बराबर मदद भेजी जा चुकी है।
मदद के लिए भारतीय वायुसेना का पहला C-130J हरक्यूलिस विमान म्यांमार में लैंड हो गया है। वहां पर मौजूद म्यांमार के गवर्मेंट के ऑफिसर्स ने एयर क्राफ्ट के चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर फ्लाइट लेफ्टिनेंट काव्या को ‘थैंक्यू’ कहा है। इस समय भारतीय वायुसेना के कुल पांच एयरक्राफ्ट म्यांमार के लिए पहुंचे हैं। इसमें दो C-17 ग्लोब मास्टर हैं। तीन C130J हरक्यूलिस शामिल हैं। इनको ऑपरेशन ब्रह्मा के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
जरूरत पड़ी तो बैंकॉक भी भेजे जाएंगे विमान
हालांकि, कुल मिलाकर 5 ट्रांसपोर्ट एयर क्राफ्ट को ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत इस्तेमाल किया जा रहा है, जोकि अभी म्यांमार जा रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो विमानों को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक भी भेजा जा सकता है। इसके लिए पूरी तैयारी की गई है। गौरतलब है कि थाईलैंड में भी भूकंप की वजह से काफी नुकसान हुआ है।