चहकते हुए IGI एयरपोर्ट पहुंचा युवक, पासपोर्ट दिखाते ही मच गया बवाल, अफसरों में मची भागमभाग, होने लगी धरपकड़ – young man reach indira gandhi international airport igi to abroad upon passport verification action begin

Last Updated:
IGI Airport News: दिल्ली एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्ततम हवाई अड्डा है. यहां हर दिन सैकड़ों की तादाद में प्लेन लैंड करने के साथ ही टेक ऑफ भी करते हैं. हजारों की संख्या में यात्रियों का आनाजाना लगा रहता है, ऐ…और पढ़ें
IGI एयरपोर्ट पर पासपोर्ट से जुड़ा बड़ा मामला सामने आया है. (फाइल फोटो/PTI)
नई दिल्ली. देश की राजधानी में स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI Airport) देश के साथ दुनियाभर में अपना अलग स्थान रखता है. यहां से डोमेस्टिक के साथ ही इंटरनेशनल फ्लाइट्स बड़ी तादाद टेक ऑफ करने के साथ ही लैंड भी करती हैं. एयरपोर्ट की संवेदनशीलता को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहते हैं. IGI एयरपोर्ट की सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य तौर पर CISF के कंधों पर रहती है. इसके अलावा अन्य एजेंसियों के अफसर भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहते हैं. स्पेशल इनपुट मिलने पर सीबीआई से लेकर ईडी और डीआरआई तक की टीमें एक्टिव हो जाती हैं. सुरक्षा का इतना तामझाम होने के बाद भी अपराधी अपनी आदतों से बाज नहीं आते हैं. एक बार फिर से IGI एयरपोर्ट पर ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यह फेक पासपोर्ट से जुड़़ा हुआ है.
दरअसल, 23 साल के कंवलजीत सिंह विदेश जाने की खुशी में चहकता हुआ IGI एयरपोर्ट पहुंचा था. फ्लाइट में बोर्ड करने से पहले उन्होंने अपना पासपोर्ट जांच के लिए इमिग्रेशन वालों को दिया. इमिग्रेशन डिपार्टमेंट के एक अफसर को कंवलजीत के पासपोर्ट पर शक हो गया. कंवलजीत के पासपोर्ट पर गम जैस चिपकने वाली चीज थी. इमिग्रेशन वालों को शक हुआ तो कंवलजीत को विदेश जाने से रोक दिया गया और उसे निगरानी में रखा गया. छानबीन में पाया गया कि पासपोर्ट पर सच में गम लगा हुआ था. उसका इस्तेमाल पासपोर्ट के पेज नंबर 11 पर मौजूद वीजा स्टीकर को हटाने के लिए किया गया था. इसके बाद कंवलजीत को तत्काल हिरासत में लेकर IGI एयरपोर्ट पुलिस को सौंप दिया गया था. इस बाबत एक FIR भी दर्ज की गई थी और मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी गई.
पूछताछ में बड़ा खुलासा
पूछताछ के दौरान कंवलजीत सिंह ने बताया कि वह अपने रिश्तेदारों से प्रेरित होकर कमाई के बेहतर अवसरों के लिए विदेश जाने के लिए प्रेरित हुआ था. उसने राहुल नामक एजेंट से संपर्क किया था, जिससे उसका परिचय उसके चचेरे भाई ने कराया था. एजेंट ने 1 लाख रुपये में ग्रीस जाने का वीजा देने का वादा किया था. हालांकि, वीजा फर्जी निकला. इसके बाद राहुल ने कंवलजीत को आश्वासन देते हुए बैंकॉक जाने का प्रबंध किया. एजेंट राहुल ने उसे बताया कि वह थाईलैंड जाने पर वीजा का प्रबंध कर देगा. कंवलजीत ने तय राशि का भुगतान किया और थाईलैंड के लिए हवाई टिकट हासिल किया. राहुल की सलाह पर उसने अपने पासपोर्ट से फर्जी ग्रीक वीजा वाला पेज हटा दिया, जिससे एयरपोर्ट पर गोंद के बचे हुए हिस्से के कारण उसका पता चल गया.
पश्चिम बंगाल कनेक्शन
कंवलजीत सिंह के खुलासे के आधार पर एजेंट राहुल अरोड़ा और गुरशांत सिंह को गिरफ्तार किया गया. आगे की पूछताछ में पश्चिम बंगाल के उत्तरपारा के संजीव कुमार की संलिप्तता का पता चला. कई छापों के बावजूद संजीव शुरू में पकड़ से बचता रहा. चार महीने की तलाशी के बाद पुलिस को संजीव के ठिकाने के बारे में जानकारी मिली, जिसके बाद उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. संजीव कुमार ने अपराध कबूल करते हुए बताया कि उसने 12वीं तक की पढ़ाई की है. वह साल 2014 में गुजरात से पश्चिम बंगाल चला गया था. उसने कई सालों तक एजेंट के तौर पर काम करने की बात भी स्वीकार की है. अधिकारियों ने बताया कि जांच अभी भी जारी है और आगे भी गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
Source link