Rahul Gandhi Letter PM Modi: केरल, गुजरात और अंडमान में… आप रोकिए! राहुल गांधी की मोदी सरकार से खास डिमांड

नई दिल्ली. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केरल, गुजरात और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तटों पर ऑफशोर माइनिंग की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया है. अपने पत्र में, राहुल गांधी ने इस कदम की निंदा करते हुए कहा कि ऑफशोर माइनिंग के लिए निविदाएं पर्यावरणीय परिणामों का आकलन किए बिना जारी की गईं, जिससे तटीय समुदायों में व्यापक विरोध भड़क उठा है.
राहुल गांधी ने लिखा, “मैं ऑफशोर माइनिंग की अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले की कड़ी निंदा करता हूं… लाखों मछुआरों ने अपनी आजीविका और जीवन शैली पर इसके प्रभाव को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की हैं.”
उन्होंने सरकार से अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया और ऑफशोर माइनिंग ब्लॉकों के लिए जारी निविदाओं को तुरंत रद्द करने की मांग की. उनका पत्र उन तटीय समुदायों के चल रहे प्रदर्शनों के बीच आया है जो इस फैसले से समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और उनकी जीवन शैली पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका जता रहे हैं.
ऑफशोर माइनिंग क्या और इसका पर्यावरण पर क्या असर पड़ता है?
ऑफशोर माइनिंग (समुद्री खनन) का पर्यावरण पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं. इसमें समुद्र के तल से खनिज, तेल, गैस, और अन्य संसाधनों को निकालने की प्रक्रिया शामिल होती है. यह प्रक्रिया समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और जल जीवन पर गहरा असर डाल सकती है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं:
1. समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान
* खनन के दौरान समुद्र के तल पर खुदाई और ड्रिलिंग से समुद्री जीवों का आवास नष्ट हो जाता है.
* प्रवाल भित्तियों (Coral Reefs) और समुद्री पौधों को नुकसान पहुंचता है, जिससे समुद्री जैव विविधता प्रभावित होती है.
* समुद्र के तल से मलबा (Sediment) उठने से पानी में गाद (Silt) बढ़ती है, जिससे प्रकाश का प्रवेश कम हो जाता है और समुद्री जीवन की वृद्धि बाधित होती है.
2. मछलियों और समुद्री जीवों पर असर
* खनन के दौरान निकलने वाले जहरीले पदार्थ (Toxins) और भारी धातुएं (Heavy Metals) पानी में घुलकर मछलियों और अन्य समुद्री जीवों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं.
* ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) से मछलियों के संचार (Communication), प्रवासन (Migration) और प्रजनन (Breeding) पर असर पड़ता है.
* समुद्री जीवों की मृत्यु दर (Mortality Rate) बढ़ सकती है.
3. जल प्रदूषण
* खनन के दौरान निकलने वाले तेल, गैस और रसायन समुद्र में घुलकर जल प्रदूषण का कारण बनते हैं.
* माइक्रोप्लास्टिक (Microplastic) और जहरीले तत्व समुद्री जीवों के शरीर में प्रवेश कर भोजन श्रृंखला (Food Chain) को प्रभावित करते हैं.
* कुछ रसायन और खनिज समुद्री जीवों के लिए घातक साबित हो सकते हैं.
4. कार्बन उत्सर्जन और जलवायु परिवर्तन
* ऑफशोर माइनिंग के लिए चलने वाले भारी मशीन और तेल रिफाइनरी से कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) और मीथेन (CH₄) जैसी ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं.
* इससे समुद्र के तापमान में वृद्धि होती है, जिससे प्रवाल भित्तियों (Coral Bleaching) और समुद्री जीवन पर नकारात्मक असर पड़ता है.
Source link