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कौन हैं पवन गोयनका, बना दी ऐसी गाड़ी कि चमक गया महिंद्रा का नाम, तारीफ करते नहीं थकते आनंद महिंद्रा

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आनंद महिंद्रा ने पवन गोयनका की तारीफ की, जिन्होंने महिंद्रा ग्रुप में R&D को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और स्कॉर्पियो बनाई. गोयनका अब IN-SPACe के चेयरमैन हैं. जानिए कैसे उन्होंने महिंद्रा ग्रुप की सफलता की नींव रख…और पढ़ें

पवन गोयनका.

हाइलाइट्स

  • पवन गोयनका ने महिंद्रा में R&D को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.
  • महिंद्रा स्कॉर्पियो बनाने में पवन गोयनका की अहम भूमिका रही.
  • पवन गोयनका अब IN-SPACe के चेयरमैन हैं.

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने पवन गोयनका की जमकर तारीफ की है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि यह कोई रूटीन जैसा वीडियो नहीं है, बल्कि बहुत खास है. इन-स्पेस (InSpace) के चेयरमैन और पद्म श्री से सम्मानित पवन गोयनका आखिर हैं कौन? उन्होंने महिंद्रा ग्रुप के लिए क्या किया है कि आनंद महिंद्रा उनकी तारीफों के पुल बांध रहे हैं. पवन गोयनका की पूरी कहानी हम आपको बता रहे हैं, लेकिन उससे पहले ये जान लीजिए कि आनंद महिंद्रा ने उनकी तारीफ में एक्स पर क्या लिखा.

आनंद महिंद्रा ने लिखा,
“जब पवन गोयनका ने 90 के दशक की शुरुआत में जनरल मोटर्स की नौकरी छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया, तो मैंने उन्हें नासिक में महिंद्रा ऑटो में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) का डिप्टी हेड बनने के लिए मना लिया.
वह अक्सर बताते हैं कि जब वे पहली बार नासिक गए और वहां R&D की छोटी सी ‘शेड’ और उसकी साधारण हालत देखी. ऐसा देख उन्हें अपने वापस आने के फैसले पर शक होने लगा. फिर भी, वे रुके और R&D के हेड बनकर उन्होंने स्कॉर्पियो गाड़ी बनाने वाली टीम को लीड किया.
धीरे-धीरे वे महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के MD और CEO बने, और अपने पूरे कार्यकाल में उन्होंने आज के विश्व स्तरीय R&D सेंटर की नींव रखी. रिटायरमेंट के बाद, वे इन-स्पेस (एक अंतरिक्ष विभाग की कंपनी) के चेयरमैन बन गए और हाल ही में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया.
जब मैं पवन और उनकी पत्नी ममता को हमारी पहली इलेक्ट्रिक SUV खरीदते देखता हूं, तो मेरे मन में भावनाएं और उनके साथ काम करने की यादें उमड़ पड़ती हैं.
मैं एक ऐसे इंसान को देखता हूं जो भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को भविष्य में ले जाने में मदद करने पर गर्व कर सकता है. एक ऐसा इंसान जो अपने मेहनत के फल को अपनाता और उसका आनंद लेता है.
तो, जैसा मैंने कहा, यह मेरे लिए कोई साधारण वीडियो नहीं है. यह गर्व और खुशी का स्रोत है.”




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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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