देश/विदेश

विदेश मंत्रियों की बैठक में जापान और चीन की एक दूसरे को खरी-खरी, ताइवान के मुद्दे पर टकराव

टोक्यो. एशिया के दो-धुर विरोधी देशों के बीच बातचीत की शुरुआत हो चुकी है. कई साल बाद जापानी विदेश मंत्री चीन (China) के दौरे पर पहुंचे हैं. दोनों देशों के प्रतिनिधियों के हाथ मिलना, दुनिया के लिए एक चौंकाने वाला कदम है. इस दौरान जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी ने रविवार को अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की शुरुआत बीजिंग में जापानी नागरिक को हिरासत में लिए जाने पर विरोध जताकर की. उन्होंने ताइवान व जापान के आसपास चीन की बढ़ती सैन्य गतिविधि को लेकर भी “कड़ी चिंता” जताई है.

हयाशी दो दिन की यात्रा पर चीन गए हैं. वह दोनों देशों में बढ़े तनाव के बीच पिछले तीन साल से अधिक समय में चीन की यात्रा करने वाले पहले जापानी राजनयिक हैं. जापान के विदेश मंत्री योशिमासा हयाशी का चीन में प्रधानमंत्री ली कियांग और शीर्ष राजनयिक वांग यी से मुलाकात करने का कार्यक्रम है. चीन के विदेश मंत्री छिन कांग से मुलाकात के दौरान उन्होंने जापानी दवा कंपनी एस्टेलास फार्मा के कर्मचारी को जल्द रिहा करने की मांग की, जिसे पिछले महीने जासूसी के आरोप में हिरासत में ले लिया गया था. दोनों देशों में से किसी ने भी उस व्यक्ति और उसपर लगे आरोपों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है.

चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियों पर जापान की चिंता
हयाशी ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने पूर्वी और दक्षिणी चीन सागरों में चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियों को लेकर “गंभीर चिंता” व्यक्त की और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति व स्थिरता के महत्व को रेखांकित किया. हयाशी ने कहा कि उन्होंने चीन से कहा कि दोनों देशों के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्र में बेहतर सहयोग की संभावना है. साथ ही कई समस्याएं और गंभीर चिंताएं भी हैं. हयाशी ने कहा कि जापान और चीन के संबंध फिलहाल अत्यंत महत्वपूर्ण चरण में हैं.

ताइवान के मुद्दों पर जापानी हस्तक्षेप को लेकर आगाह
हयाशी ने कहा कि दोनों पक्षों ने “रचनात्मक और स्थिर संबंध” कायम करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई. इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, छिन ने ताइवान से संबंधित मुद्दों में जापानी हस्तक्षेप को लेकर आगाह किया. चीन ताइवान पर अपना दावा जताता रहा है. छिन ने कहा कि जापान को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए और “किसी भी तरह से चीन की संप्रभुता कमजोर नहीं होनी चाहिए.”

Tags: China, Japan


Source link

एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!