मध्यप्रदेश

Congress’s offer to another former MLA from Indore | सत्यनारायण सत्तन बोले- मालिनी गौड़ के खिलाफ चुनाव लड़ने का मिला है प्रस्ताव, विचार करूंगा

इंदौर20 मिनट पहलेलेखक: अभिषेक दुबे

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इंदौर में बीजेपी के कद्दावर नेता व पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद अब कांग्रेस पार्टी इंदौर से बीजेपी के दिग्गज नेता व राष्ट्रीय कवि सत्यनारायण सत्तन को भी कांग्रेस में लाने के लिए जोर लगा रही है। इस बात की पुष्टि खुद सत्य नारायण सत्तन ने दैनिक भास्कर से बात करते हुए की है।

सत्यनारायण सत्तन बोले की कमलनाथ ने मुझे भी कांग्रेस में आने का प्रस्ताव भेजा है। जिसके लिए मैंने उन्हें कहा है कि आपके प्रस्ताव का मुझे क्या करना है, इस पर विचार करूंगा। मुझे कमलनाथ ने जो प्रस्ताव भेजा है, उसके लिए उनके साहस और दुस्साहस को सलाम करता हूं। सिंधिया पर तंज कसते हुए बोले की उनके आने से ही पार्टी में आवागमन की प्रकिया चल रही है। यह स्वार्थ जनित है, विचार जनित नहीं। जो स्वार्थ जनित राजनीति करते हैं वह आवागमन की प्रकिया में निरंतर अपना योगदान देते रहेंगे।

बीते दिनों बागली के दीपक जोशी के कांग्रेस में जाने के बाद भी सत्तन ने उन्हें स्वार्थी बताया था। उन्होंने कहा था कि भंवरसिंह शेखावत अपने टिकट के लिए बोल रहे हैं। वे चाहते हैं कि या तो इंदौर नंबर 1 से लड़ा दो या देपालपुर से। या फिर बदनावर से। यह उनके स्वार्थ का मामला है, मेरा उससे क्या। इतना ही नहीं सत्तन ने दीपक जोशी को लेकर कहा था कि उनसे हमारा क्या लेना देना। जो व्यक्ति अपने पिता का नहीं हुआ। जिसके पिता ने कांग्रेस को ललकारा, वह अपने पिता की तस्वीर लेकर कांग्रेस में जा रहा है तो हम उसमें क्या करेंगे। जो करना है, वो अब दीपक जोशी करे।

सत्य नारायण सत्तन से दैनिक भास्कर की खास बातचीत पढ़िए…

सवाल- क्या कांग्रेस की तरफ से आपके पास भी किसी प्रकार का प्रस्ताव आया है?

जवाब- कमलनाथ जी से जुड़े हुए रोकड़े नाम के सज्जन मेरे पास आए थे और प्रस्ताव दिया की आप कांग्रेस में आ जाओ हम आपको विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4 से उम्मीदवार बनाकर चुनाव लड़ाना चाहते हैं। मैंने उनसे कहा कि हां आपके प्रस्ताव पर विचार करूंगा। लेकिन आपके इस साहस और दुस्साहस को सलाम करता हूं कि आपने मुझसे मिलकर के यह कहा कि आप कांग्रेस में आ जाओ।

मैं 1952 से जिस पार्टी का सदस्य हूं, वहां पर ऊंच-नीच सब कुछ देख चुका हूं। तमाम घातक परिस्थिति को देख चुका हूं, तो अब ऐसी स्थिति मैं क्यों बदलूंगा। मुझे कोई स्वार्थ नहीं है।

सवाल- जनसंघ के समय के नेता रहे बीजेपी के भंवर सिंह शेखावत कांग्रेस में चले गए? आपकी उनसे बात हुई थी।

जवाब- मनुष्य के जीवन में कुछ सामान्य परिस्थितियां बनती हैं। राजनीतिक पार्टियों में काम करने वालों की जो परिस्थितियां बनती हैं वह क्षेत्रगत बनती हैं। शेखावत क्षेत्रगत परिस्थितियों से प्रभावित होकर अपने आप को दुखी महसूस कर रहे थे। ऐसा उन्होंने खुद ने मुझे बताया था। जब उन्हें दुख का समाधान नहीं मिला तो उन्होंने बीजेपी छोड़ दी।

सवाल- ऐसी क्या परिस्थिति बनी की शेखावत ने पार्टी छोड़ दी?

जवाब- भंवर सिंह शेखावत ने पार्टी के लिए बहुत काम किया था और लगातार पार्टी के काम को मन, वचन और कर्म की निष्ठा के साथ करते रहे हैं। उनकी इच्छा जो थी वह इस बात के लिए थी की उन्हें बीजेपी से टिकट प्राप्त हो। लेकिन टिकट प्राप्त होने की प्रकिया में उन्हें विलंब लगा या नकारात्मक भावना का परिचायक सिद्ध हुआ तो उन्होंने ऐसी परिस्थिति में पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।

सवाल- बीजेपी नेताओं का कहना है कि शेखावत को पार्टी ने समय-समय पर सब कुछ दिया, फिर भी उन्होंने टिकट की लालसा में पार्टी छोड़ दी। आपको क्या लगता है?

जवाब- पार्टी कोई एहसान करती है टिकट देकर कर, कि 4 बार टिकट दे दिया तो तू हमारा नौकर हो गया या प्रतिबंधित हो गया। उस आदमी ने पार्टी के लिए सकारात्मक काम किया है। अपना जो योगदान दिया है, उसके परिणाम में उसके परिप्रेक्ष्य में पार्टी ने टिकट दिया है।

सवाल- प्रदेश में लगातार बीजेपी के कद्दावर नेता पार्टी छोड़ रहे हैं?

जवाब- आवागमन की जो प्रकिया है वह स्वार्थ जनित है विचार जनित नहीं है। जो स्वार्थ जनित राजनीति करते हैं वह आवागमन की प्रकिया में निरंतर अपना योगदान देते रहते हैं। जहां पर उनके स्वार्थ की सिद्धि नहीं होती वहां वह उस स्थान को छोड़ कर फिर उस स्थान का चयन करते है जहां पर उनके स्वार्थ की सिद्धि हो जाए।

इसका एक उदाहरण पिछली बीजेपी की सरकार है जो घर पर बैठी हुई थी और फिर वह सरकार में आकर बैठ गई। वह भी कुछ दलबदलूओं के पुण्य प्रताप से वह दलबदलू अब दलबदलू नहीं रहे अब वह किसी संगठन विशेष के व्यक्ति हो गए।

सवाल- कार्यकर्ता टिकट मांग रहे हैं, कई विधायकों पर परिवार वाद का आरोप लग रहा है?

जवाब- टिकट मांगने का अधिकार पार्टी के हर कार्यकर्ता के पास सुरक्षित है। जिस तरह से भारतीय संविधान के माध्यम से नागरिकता का अधिकार आपको बिना किसी परमिशन के ही प्राप्त होता है। जैसे आप किसी ब्राह्मण के घर पैदा हुए, क्षत्रिय के घर में पैदा हुए, वैश्य के घर में पैदा हो गए तो आपको धर्म भी जन्म से मिल जाता है। ठीक उसी तरह से हमारे यहां पर जो राजनीति है वह विचारधारा से कम वंश-परंपरा से ज्यादा जुड़ी हुई है। अब उसी वंश-परंपरा का विरोध भी होने लग गया है।

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इंदौर के BJP नेता को CM शिवराज ने बुलाया; कल हो सकती है मुलाकात

इंदौर भाजपा के दिग्गज नेता और वरिष्ठ कवि सत्यनारायण सत्तन का गुस्सा फिर फूट पड़ा है। उन्होंने कांग्रेस के साथ भाजपा की भी खिंचाई कर दी है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि ‘आंध्र और कर्नाटक में BJP घुस गई फाटक में, अब फाटक में घुसी हुई BJP का क्या दृश्य होगा यह देखना है।’

दीपक जोशी और भंवरसिंह शेखावत के बाद अब सत्तन के बगावती और चुनौतीभरे बयान ने पार्टी को चिंता में डाल रखा है। मुख्यमंत्री शिवराज शिव चौहान डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सत्तन को भोपाल बुलवाया है। शुक्रवार को उनकी मुलाकात हो सकती है।पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…

इंदौर में भाजपा नेता कवि सत्यनारायण सत्तन ने मुरलीधर राव के बयान पर साधा निशाना

मप्र भाजपा प्रभारी पी. मुरलीधर राव के बयान पर इंदौर में सियासत लगातार गरमाती जा रही है। एक तरफ जहां इंदौर में कांग्रेस ने विरोध करते हुए राव का पुतला दहन किया। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता व कवि सत्यनारायण सत्तन ने अपने अनूठे अंदाज में मुरलीधर राव पर निशाना साधा है। उन्होंने एक कविता के माध्यम से राव के बयान पर उन्हें जवाब दिया हैं।

दरअसल, कुछ दिनों पहले पी. मुरलीधर राव ने अपने एक बयान में कहा था कि ब्राह्मण-बनिए हमारी जेब में है। उनके इस बयान के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में सियासत गरमाने लगी है। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और कवि सत्यनारायण सत्तन ने अपने अनूठे अंदाज में मुरलीधर राव को जवाब दिया है। उन्होंने मुरली की धुन एक कविता लिखी है। इसके साथ ही उन्होंने कविता के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की भी याद दिलाई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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