महालक्ष्मी नगर में हुए भावना सिंह हत्याकांड के आरोपी अब सलाखों के पीछे है। पुलिस हत्या के केस के साथ आरोपियों के सट्टे के कारोबार की भी जांच कर रही है, ताकि उसके जरिए गिरोह में शामिल दूसरे सदस्य भी पकड़े जा सके।
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आरोपी आशु और मुकुल ने मोबाइल की फर्जी सीम बड़े पैमाने पर खरीदी थी। उनके जरिए वो बैंकों में फर्जी खाते खोले थे, ताकि आनलाइन सट्टे का पैसा उन खातों में ट्रांसवर किया जा सके।
सट्टेबाजी में उनके साथ और कौन-कौन शामिल है। इसकी पड़ताल भी पुलिस अफसर कर रहे है। मुकुल और आशु का वैसे पुलिस को पुराना आपराधिक रिकार्ड नहीं मिला। दोनो पहले एक कंपनी में काम करते थे। साल भर पहले ही उन्होंने नौकरी छोड़कर सट्टेबाजी का काम शुरू किया था। एप के जरिए वे नए लोगों को इससे जोड़ते थे। आरोपियों के जिन दोस्तों ने फ्लैट का रेंट एग्रीमेंट कराया था, क्या वे भी सट्टेबाजी में उनके साथ शामिल थी। इसकी भी जांच की जा रही है।
एक दिन पहले भी की थी पार्टी
भावना इंदौर में मेकअप का कोर्स करने के लिए ग्वालियर से हत्या के तीन दिन पहले ही आई थी। वह एक होटल में रुकी थी। हत्या के एक दिन पहले भी वह आरोपियों के साथ फ्लैट में पार्टी करने गई थी। स्वस्ति राय भावना की सहेली थी, लेकिन भावना ग्वालियर के निवासी होने के कारण आशु और मुकुल को भी पहले से जानती थी,इसलिए वह पार्टी में जाने के लिए तैयार हो गई थी। पार्टी में चारों ने शराब थी और गाना बदलने को लेकर विवाद हुअा था। जिस कारण मुकुल ने गोली चला दी।