मध्यप्रदेश

Tightening the security of children living in institutions | संस्थाओं में रहने वाले बच्चों की सुरक्षा में कसावट: सीसीटीवी कैमरों से मॉनिटरिंग पर जोर; इंदौर में जिला बाल कल्याण, संरक्षण समिति की बैठक – Indore News


इंदौर में किशोर न्याय (बालकों के देखरेख और संरक्षण अधिनियम) के तहत संचालित संस्थाओं में रहने वाले बच्चों के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण, सुरक्षा की विशेष व्यवस्था रहेगी। इन संस्थाओं से निर्धारित 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले आवासीय युवाओं के लिये आवास की व

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यह जानकारी गुरुवार को कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक में दी गई। बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिए कि महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित बाल देखरेख संस्थाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। किसी भी आवासीय बच्चे को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। संस्थाओं में सभी आवश्यक इंतजाम रहे। बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाए। संस्था परिसर में सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम सुनिश्चित किए जाए। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से भी नियमित निगरानी हो।

बैठक में बताया गया कि इंदौर में 11 बाल देखरेख संस्थाएं संचालित हैं। इनमें से 4 शासकीय और 7 अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही है। कलेक्टर ने बालक/बालिकाओं के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं जैपी.एम. केयर फॉर चिल्ड्रन योजना, मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना, फॉस्टर केयर/स्पोंसरशिप योजना, ऑफ्टर केयर योजना, दत्तक ग्रहण योजना आदि की भी समीक्षा की।

इस अवसर पर सीएमएचओ, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, जिला पंचायत जिला इंदौर के प्रतिनिधि, बाल कल्याण समिति, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, जिला खेल एवं युवा कल्याण विभाग, जिला कौशल विभाग, जिला योजना अधिकारी, परियोजना अधिकारी और संस्थाओं के अधीक्षक उपस्थित थे।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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