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“ये दोस्ती लिखेगी नई इबारत”…रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने स्वीकारा पीएम मोदी का न्योता, जल्द आएंगे भारत

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पीएम मोदी को गले लगाते रूस के राष्ट्रपति पुतिन।

मॉस्को: रूस और भारत की दोस्ती वैसे तो सदियों पुरानी है। मगर पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की जुगलबंदी ने इस दोस्ती को और भी चार चांद लगा दिया है। दुनिया के दो ताकतवर देशों के राष्ट्राध्यक्षों की यह दोस्ती अब नई इबारत लिखने को तैयार है। इन दोनों नेताओं की दोस्ती और उनकी जुगलबंदी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उनकी आपस में हर महीने-दो महीने में एक बार टेलीफोनिक वार्ता जरूर होती है। अब पुतिन जल्द पीएम मोदी के निमंत्रण पर भारत आने वाले हैं। हालांकि अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। 

रूस  के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बृहस्पतिवार को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारत का दौरा करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है और इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। रूसी अंतरराष्ट्रीय मामलों की परिषद (आरआईएसी) द्वारा ‘‘रूस और भारत: एक नए द्विपक्षीय एजेंडे की ओर’’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए लावरोव ने कहा, ‘‘पुतिन के भारत दौरे के लिए फिलहाल तैयारियां की जा रही हैं।’’ रूसी विदेश मंत्री ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘टीएएसएस’ के हवाले से कहा, ‘‘राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत सरकार के प्रमुख के दिल्ली दौरे के आमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

पुतिन के भारत दौरे की रूस ने शुरू की तैयारी

रूसी राष्ट्राध्यक्ष की भारतीय गणराज्य की यात्रा की फिलहाल तैयारी शुरू कर दी गई है। लावरोव ने कहा कि पिछले साल फिर से चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की सबसे पहली विदेश यात्रा रूस की थी। उन्होंने कहा, ‘‘अब हमारी बारी है।’’ हालांकि, यात्रा की तारीखों का अभी खुलासा नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जुलाई 2024 में रूस की यात्रा की थी, जो लगभग पांच वर्षों में उनकी पहली रूस यात्रा थी। इससे पहले, उन्होंने 2019 में एक आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए सुदूर पूर्वी शहर व्लादिवोस्तोक का दौरा किया था। पिछली यात्रा के दौरान मोदी ने पुतिन को भारत आने का आमंत्रण दिया था। लावरोव ने 24 मार्च को कहा कि रूस, भारत के साथ ‘विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ विकसित कर रहा है।

रूस अपने दोस्त भारत, चीन, ईरान और उत्तर कोरिया के साथ बनाना चाह रहा नया संगठन

लावरोव ने एक कार्यक्रम में कहा कि रूस अब चीन, भारत, ईरान, उत्तर कोरिया जैसे देशों और स्वतंत्र देशों के राष्ट्रमंडल (सीआईएस) के साथ सक्रिय रूप से संबंधों का विस्तार कर रहा है। बता दें कि रूस का इरादा इसे दुनिया का सबसे ताकतवर संगठन बनाना है। शीर्ष रूसी राजनयिक ने कहा, ‘‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के साथ व्यापक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग के संबंध आपसी विश्वास के अभूतपूर्व स्तर तक पहुंच चुके हैं। भारत के साथ विशेष रूप से विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी विकसित हो रही है।’’

पुतिन ने जनवरी में भारत के 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी को प्रेषित अपने बधाई संदेश में कहा कि रूस-भारत संबंध ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ पर आधारित हैं। पुतिन और मोदी नियमित संपर्क बनाए रखते हैं तथा औसतन हर दो महीने में एक बार टेलीफोन पर बातचीत करते हैं। (भाषा)

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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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