Bhopal Airport Makes History: First Boeing 777-300ER Trial Landing in MP | भोपाल में एयरफोर्स के विमान की ट्रायल लैंडिंग: एमपी के किसी एयरपोर्ट पर पहली बार उतरा बोइंग-777-300ER; मोदी ऐसे ही प्लेन में करते हैं सफर – Bhopal News

मध्यप्रदेश के किसी भी एयरपोर्ट पर इस तरह के बड़े विमानों की लैंडिंग नहीं हुई है।
भोपाल एयरपोर्ट ने मंगलवार को इतिहास रचते हुए मध्य प्रदेश में पहली बार एयरफोर्स के कोड-ई बोइंग 777-300ER विमान की सफल ट्रायल लैंडिंग करवाई है। भोपाल एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले मध्यप्रदेश के किसी भी एयरपोर्ट पर इस तरह के बड़े विमानों की लै
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64.8 मीटर के विंगस्पैन और 74 मीटर की लंबाई के साथ, बी-777 300-ईआर को आमतौर पर लंबी दूरी की उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भोपाल एयरपोर्ट पर उतरने वाला ये अब तक का सबसे बड़ा विमान है।
हालांकि ये विमान तो एयर इंडिया का है लेकिन इसका संचालन एयरफोर्स करता है। पायलट भी एयरफोर्स के ही होते हैं। इसी तरह के एक विमान एयर इंडिया वन में पीएम मोदी लंबी विदेश यात्राएं करते हैं।
देखिए लैंडिंग की 4 तस्वीरें-
कोड-ई बोइंग 777-300ER विमान की भोपाल एयरपोर्ट पर सफल ट्रायल लैंडिंग।

बी-777 300-ईआर को आमतौर पर लंबी दूरी की उड़ानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

भोपाल एयरपोर्ट पर उतरने वाला ये अब तक का सबसे बड़ा विमान है।

बोइंग 777-300 ईआर एक बार में 17 घंटे तक की उड़ान भर सकता है।
17 घंटे लगातार उड़ान भर सकता है बी-777 300-ईआर इस विमान में न सिर्फ बेहतरीन सेल्फ-डिफेंस इक्विपमेंट हैं, बल्कि ये विमान दो GE90-115BL इंजन से लैस है, जो दुनिया का सबसे शक्तिशाली इंजन है। बोइंग 777-300 ईआर एक बार में 17 घंटे तक की उड़ान भर सकता है। भारत से अमेरिका के बीच की लंबी दूरी भी एक बार में तय कर सकता है। वो भी बिना रीफ्यूलिंग के।
यानी एक बार के फ्यूल से ही इससे लंबी दूरी की उड़ान भरी जा सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये विमान काफी बड़ा है और इसकी फ्यूल कैपेसिटी भी ज्यादा है। इससे पहले बोइंग 747 में ये क्षमता नहीं थी।
बोइंग 777-300 ईआर में सुरक्षा सबसे ज्यादा फोकस बोइंग 777-300 ईआर में सुरक्षा का सबसे ज्यादा ध्यान रखा गया है। नए एयरक्राफ्ट में इंटीग्रेटेड डिफेंसिव इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट (AIDEWS) है, जो प्लेन को इलेक्ट्रॉनिक खतरों से बचाता है।
इन विमानों में लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर्स (LAICRM) सेल्फ-प्रोटेक्शन सूट है, जो विमान की तरफ आने वाली मिसाइल को डिटेक्ट करने और उसे जाम करने में मदद करता है।
जानिए बोइंग 777-300ईआर की सुरक्षा खासियत

भोपाल एयरपोर्ट पर अभी ए-321 विमानों का संचालन वर्तमान में भोपाल एयरपोर्ट पर अधिकतम A321 विमान (विंगस्पैन 34 मीटर) का संचालन होता है। हालांकि, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से विशेष अनुमति मिलने के बाद, भोपाल एयरपोर्ट अब वीवीआईपी बी-777 300ER विमान को सीमित टेक-ऑफ वर्जन के साथ संचालित करने में सक्षम हो गया है।
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