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दिल्‍लीवालों के लिए ही नहीं पूरे देश के लिए गुड न्‍यूज, AIIMS रचने जा रहा है नया इतिहास, लाखों को होगा फायदा – first indigenously built mri scanner to be installed in aiims delhi for clinical trials in October

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AIIMS Delhi News: AIIMS दिल्‍ली में देशभर से हजारों-लाखों की तादाद में लोग इलाज कराने के लिए आते हैं. पड़ोसी नेपाल, भूटान जैसे देशों के मरीज एम्‍स दिल्‍ली में बेहतर ट्रीटमेंट के लिए आते हैं.

AIIMS दिल्‍ली में स्‍वदेशी MRI स्‍कैनर इंस्‍टॉल किया जाएगा.

नई दिल्‍ली. भारत ने अपना पहला स्वदेशी एमआरआई स्कैनर विकसित किया है. एम्स-दिल्ली में इस साल अक्‍टूबर तक स्‍वेदेशी एमआरआई स्‍कैनर को क्‍लीनिकल ट्रायल के लिए इंस्‍टॉल किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य MRI स्कैनिंग की लागत और आयातित मशीनों पर निर्भरता को काफी कम करना है. साथ ही आमलोगों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करना भी इसका लक्ष्‍य है. मुंबई में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत काम करने वाले एक स्वायत्त अनुसंधान और विकास संगठन, सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) और प्रमुख अस्पताल के बीच 1.5 टेस्ला एमआरआई स्कैनर की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं.

एम्स-दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा कि भारत में गंभीर और पोस्ट ऑपरेटिव देखभाल, आईसीयू, रोबोटिक्स, एमआरआई में अधिकांश उपकरण आयात किए गए थे. उन्होंने कहा, ‘इस स्वदेशी एमआरआई मशीन का विकास विदेशी आयातित उपकरणों पर निर्भरता को कम करने के लिए आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है.’ उन्होंने कहा, ‘चूंकि हमारे पास वैश्विक उपकरणों का सबसे अच्छा उपयोग करने का अनुभव है, इसलिए हम आवश्यक सुधारों के लिए तुलना और प्रतिक्रिया दे सकते हैं, ताकि मशीन स्वास्थ्य सुविधाओं में उपयोग के लिए चिकित्सकीय रूप से सिद्ध हो. इसका उद्देश्य यह भी सुनिश्चित करना है कि यह मानकों को पूरा करे.’ SAMEER के महानिदेशक पीएच राव ने कहा कि भारत में एमआरआई स्कैनर के मानदंडों की जांच करने और उन्हें मान्य करने के लिए वर्तमान में कोई तंत्र मौजूद नहीं है, क्योंकि वे देश में नहीं बनते हैं.

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AIIMS रचने जा रहा है नया इतिहास, अब स्‍वदेशी तकनीक से होग इलाज


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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