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कुणाल कामरा को मिल रहे डोनेशन का कारण और विवाद की पूरी कहानी.

Kunal Kamra Receives International Support: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कॉमेडियन कुणाल कामरा की ‘गद्दार’ टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ पर बहस छेड़ दी है. कामरा की आलोचना की जा रही है कि उन्होंने सार्वजनिक मंच पर अपने विचारों को व्यक्त करके अपने मौलिक अधिकार का ‘दुरुपयोग’ किया है, जिसे कई लोगों ने अपमानजनक और अस्वीकार्य माना है. इस टिप्पणी से नाराज होकर शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के उस स्टूडियो में तोड़फोड़ की, जहां कामरा का शो रिकॉर्ड किया गया था. इसके बाद, कामरा के खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज की गईं और उन्हें धमकियां भी मिलीं.

हालांकि, इन विवादों के बावजूद, ऑनलाइन लोगों का एक वर्ग ऐसा भी है जो कामरा का समर्थन कर रहा है और उनकी मदद के लिए आगे आ रहा है. न्यूज18 इंग्लिश की एक रिपोर्ट के अनुसार ये लोग कॉमेडियन के लिए खुशी-खुशी अपनी जेबें खाली कर रहे हैं. लेकिन क्यों?

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क्या है विवाद
1997 की हिट फिल्म के दिल तो पागल है के ‘भोली सी सूरत’ ट्रैक को ट्विस्ट देते हुए कामरा ने शिव सेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा. कामरा ने मंच पर लोकप्रिय गीत के बदले हुए बोल पढ़ते हुए कहा,  “मेरी नज़र से तुम देखो तो गद्दार नजर वो आए. हाय!” ये पेरोडी गीत 2022 में महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार के खिलाफ शिंदे के विद्रोह को उजागर करने के लिए था. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया जाता है, लेकिन यह मर्यादा में होना चाहिए. फडणवीस ने कहा, “एकनाथ शिंदे जी का अपमान किया गया है और ऐसा करने की कोशिश की गई है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. चुनावों ने साबित कर दिया है कि देशद्रोही कौन हैं. किसी भी स्टैंड-अप कॉमेडियन को इतने बड़े नेता को देशद्रोही कहने का अधिकार नहीं है.” उन्होंने कहा, “स्टैंड-अप कॉमेडी करने की आजादी है, लेकिन वह जो चाहे बोल नहीं सकते. महाराष्ट्र की जनता ने तय कर लिया है कि देशद्रोही कौन है. कुणाल कामरा को माफी मांगनी चाहिए. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.” सीएम ने यह भी कहा कि कॉमेडियन के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी और कामरा को अपने कृत्य के लिए माफी मांगनी चाहिए.

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आयोजन स्थल पर तोड़फोड़
इसके बाद शिव सेना के कार्यकर्ताओं द्वारा उस स्थान पर तोड़फोड़ करने का वीडियो वायरल हो गया जहां कामरा का वीडियो शूट किया गया था. 12 शिवसेना नेताओं को गिरफ्तार किया गया और बाद में उन्हें जमानत दे दी गई. कॉमेडियन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाले शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने कामरा से माफी की मांग करते हुए कहा, “शिवसैनिक उन्हें मुंबई में स्वतंत्र रूप से घूमने नहीं देंगे.” इससे पहले उन्होंने कहा, “अगर वह कहीं भी सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए, तो हम उनके चेहरे पर कालिख पोत देंगे.”

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स्टूडियो ने बंद किया काम
स्टूडियो के आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल से बताया गया कि वे अपना काम बंद कर रहे हैं और कलाकारों को बिना किसी परेशानी के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए मंच उपलब्ध कराने का तरीका ढूंढ रहे हैं. “हम हाल ही में हमें निशाना बनाकर की गई बर्बरतापूर्ण घटनाओं से स्तब्ध, चिंतित और अत्यंत हताश हैं.” “कलाकार अपने विचारों और रचनात्मक विकल्पों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. हम कभी भी किसी कलाकार द्वारा प्रस्तुत की गई सामग्री में शामिल नहीं रहे हैं, लेकिन हाल की घटनाओं ने हमें इस बारे में फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कैसे हमें हर बार दोषी ठहराया जाता है और निशाना बनाया जाता है, लगभग ऐसा लगता है जैसे हम कलाकार के प्रतिनिधि हैं.” स्टूडियो ने पोस्ट में लिखा, “हम तब तक काम बंद कर रहे हैं जब तक हम खुद को और अपनी संपत्ति को खतरे में डाले बिना मुक्त अभिव्यक्ति के लिए एक मंच प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं खोज लेते. हम सभी कलाकारों, दर्शकों और हितधारकों को चर्चा करने और अपने विचारों को स्वतंत्र रूप से साझा करने के लिए आमंत्रित करते हैं और आपके मार्गदर्शन का अनुरोध करते हैं ताकि हम कलाकारों के अधिकारों का भी सम्मान कर सकें.”

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देश-दुनिया से मिला दान
न्यूज18 इंग्लिश के अनुसार कामरा के पैरोडी गाने ने सोशल मीडिया पर आग लगा दी, तो यूट्यूब पर लोग आग बुझाने के लिए आगे आए. दुनिया के अलग-अलग कोनों से सैकड़ों-हजारों समर्थकों ने कॉमेडियन के लिए अपनी जेबें खाली कर दीं. उन्होंने ऐसा करने के लिए यूट्यूब के ‘सुपर थैंक्स’ का इस्तेमाल किया, जो दर्शकों के लिए सीधे प्रोड्यूसर का समर्थन करने की सुविधा है. यह कॉमेडियन की ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ का समर्थन करने का उनका तरीका था. साथ ही यह भी ध्यान में रखते हुए कि उनका तीखा राजनीतिक व्यंग्य ‘साहसिक’ था. यह निश्चित रूप से कामरा के भविष्य की संभावनाओं जैसे स्टैंड-अप कार्यक्रम को रद्द करने का कारण बनेगा. एक यूट्यूबर कमेंटेटर ने 179 रुपये दान करते हुए लिखा, “अपनी बात कहने की हिम्मत दिखाने के लिए कुणाल का शुक्रिया. मुझे उम्मीद है कि हर कोई अपनी बात पर खरा उतरेगा और हमारे देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करेगा.” एक अन्य ने 99.99 यूरो का डोनेशन देते हुए लिखा, “वे इसके लिए आपके खिलाफ कार्रवाई करेंगे. कृपया एक फंडरेजर की स्थापना करें और हम आपके बिलों का भुगतान करेंगे. चीयर्स मेट.” एक अन्य ने लिखा, “यह किसी भी देश के लिए एक काला समय है जब कॉमेडी के लिए बहादुरी की आवश्यकता होती है.” उन्होंने कामरा को पांच डॉलर का दान दिया.

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वीडियो आम लोगों तक  कैसे पहुंचा
कुछ लोगों का मानना ​​है कि अगर कुणाल कामरा के पैरोडी वीडियो को यूं ही छोड़ दिया जाता और मीडिया प्लेटफॉर्म और वॉट्सऐप ग्रुप में इसे शेयर नहीं किया जाता, तो विवाद पैदा ही नहीं होता. कॉमेडी वीडियो पर आपत्ति जताने की वजह से कामरा के तीखे कटाक्षों पर और अधिक लोगों की नजरें गईं, जिन्हें अब भारत और उसके बाहर भी करोड़ों लोगों ने देखा. एक एक्स यूजर ने लिखा, “कुणाल के शो को कम लोगों ने देखा होगा. लेकिन एकनाथ शिंदे के कार्यकर्ताओं ने सुनिश्चित किया कि यह अब आम लोगों तक पहुंचे.”

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कामरा ने कहा, ये कानून के खिलाफ नहीं
कामरा ने ‘एक्स’ पर जारी बयान में कहा, ” भले ही आज का मीडिया हमें विश्वास दिलाए, लेकिन भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हमारे अधिकार का उपयोग केवल शक्तिशाली और अमीर लोगों की चापलूसी करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. एक शक्तिशाली सार्वजनिक व्यक्ति की कीमत पर मजाक को बर्दाश्त न कर पाने की आपकी अक्षमता मेरे अधिकार की प्रकृति को नहीं बदलती. जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और हमारी राजनीतिक व्यवस्था के सर्कस का मजाक उड़ाना कानून के विरुद्ध नहीं है.” उन्होंने कहा, “मैं अपने खिलाफ की गई किसी भी वैध कार्रवाई के लिए पुलिस और अदालतों के साथ सहयोग करने को तैयार हूं. लेकिन क्या कानून उन लोगों के खिलाफ निष्पक्ष और समान रूप से लागू किया जाएगा जिन्होंने यह तय किया है कि मजाक से आहत होने पर तोड़फोड़ करना उचित प्रतिक्रिया है?” कॉमेडियन ने तोड़फोड़ के लिए शिवसेना की आलोचना की और कहा कि आयोजन स्थल (हैबिटेट) उनकी कॉमेडी के लिए जिम्मेदार नहीं है और न ही उनकी विषय-वस्तु में उसका कोई दखल है.


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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