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प्रधानमंत्री मोदी का मेक इन इंडिया: रक्षा उत्पादन में 174% वृद्धि.

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MAKE IN INDIA: रूस यूक्रेन की जंग से दुनिया को बहुत बड़ी सीख मिली. विदेशों से हथियारों की खरीद मुसीबत का सबस बन सकता है. भारत को इस बात का एहसास था कि भविष्य में इस तरह की दिक्कते पेश आ सकती है. लेहाजा रक्षा के…और पढ़ें

मेक इन इंडिया का बज रहा डंका

हाइलाइट्स

  • भारत का रक्षा उत्पादन 10 साल में 174% बढ़ा.
  • 2023-24 में भारत ने 21,083 करोड़ का रक्षा निर्यात किया.
  • रूस यूक्रेन युद्ध में भारतीय बूट का उपयोग कर रहा है.

MAKE IN INDIA: भारत को रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने का फैसला लिया. दस साल में यह रफ्तार इतनी तेजी से बढ़ी कि अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. जो देश सिर्फ दुनिया भर से हथियारों की खरीद करने के लिए जाना जाता था. आज दुनिया को हथियार एक्सपोर्ट कर रहा है. दुनिया के तमाम हथियार निर्माता देश भारत के साथ जुड़ने की कोशिशों में जुटे हैं. रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में देश की रक्षा उत्पादन और एक्सपोर्ट का ब्योरा दिया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में रक्षा उत्पादन पिछले 10 साल में 174 फीसदी बढ़ गया है. साल 2014-15 में जो डिफेंस प्रोडक्शन महज 46,429 करोड़ का था वह साल 2023-24 में बढ़कर 1,27,265 करोड़ रूपये तक पहुंच गया है. 3 लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन का टारगेट साल 2029 तक का रखा गया है.

100 से ज्यादा देशों को एक्सपोर्ट
भरतीय रक्षा उत्पाद कंपनियों के लिए इस सरकार ने एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार किया की, बड़ी तेजी से डिफेंस एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिला. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत ने 2023-24 वित्तिय वर्ष में रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रूपये का डिफेंस एक्सपोर्ट किया. एक या दो देशों के साथ नहीं 100 से ज्यादा देशों को अब हम रक्षा उत्पाद बेच रहे हैं. इसमें अमेरिका, फ्रांस और अर्मेनिया जैसे देश शामिल है. एक दशक में एक्सपोर्ट 21 फीसदी बढ़ा है. साल 2004 में 2014 जो एक्सपोर्ट मात्र 4,312 करोड़ का हुआ करता था. 2014- 2024 में यह बढ़कर 88,319 करोड़ रूपये तक पहुंच गया. रूसी आर्मी तो बिहार में बने बूट के जरिए ही यूक्रेन के मैदाने जंग में डटा हुआ है.

स्वदेशी हथियारों से लड़ेंगे भविष्य की जंग
स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय विदेशों पर निर्भर्ता कम करने के लिए एक अहम कदम उठाया था. इसमें विदेशों से खरीदी जाने वाले सैन्य हथियार, उपकरण और कलपुर्जो की खरीद पर रोक ला दी है. इसे पॉजेटिव इंडिजिनाइजेशन लिस्ट कहा गया. अब तक रक्षा मंत्रालय ऐसी पांच लिस्ट जारी कर चुकी है. इसमें तकरीबन 5000 आईटम के आयात पर पाबंदी लगाई थी. यह सभी डिफेंस PSU और नीजि स्वदेशी कंपनियों से खरीद की जा रही है. फिलहाल मेक इन इंडिया के तहत भारत में धनुष और एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम, MBT अर्जुन, लाइट स्पेशलिस्ट वेहिक्ल, LCA तेजस, एडवांस लाइट हैलिकॉप्टर ध्रुव, लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर, आकाश मिसाइल सिस्टम, वेपन लोकेटिंग रडार, 3D टैक्टिकल कंट्रोल रडार, नौसेना के डिस्ट्रॉयर, एयरक्राफ्ट कैरियर, सबमरीन, फ्रीगेट, ऑफशोर पेट्रोल वेसेल, फास्ट अटैक क्राफ्ट और फास्ट पेट्रोल वेसेल का निर्माण हो रहा है. इन सभी में 65 फीसदी कंपोनेन्ट स्वदेशी है.

homenation

बिहार के बूट पहन रूस लड़ रहा जंग, मेक इन इंडिया का बज रहा डंका


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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