कभी बेचते थे दवाइयां, आज बने बॉलीवुड के चमकते सितारे, MR से एक्टर बनने तक का सफर

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रवि सुधा चौधरी ने पूर्णिया से मुंबई तक का सफर तय कर बॉलीवुड में 12 फिल्मों में लीड रोल निभाया. मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से अभिनेता बनने तक संघर्ष किया और सफलता पाई.
हाइलाइट्स
- रवि सुधा चौधरी ने 12 बॉलीवुड फिल्मों में लीड रोल निभाया.
- मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव से अभिनेता बनने तक संघर्ष किया.
- पूर्णिया से मुंबई तक का सफर तय कर सफलता पाई.
विक्रम कुमार झा/पूर्णिया. कहते हैं कि सच्ची चाहत के आगे बड़ी से बड़ी मुश्किलें भी छोटी पड़ जाती हैं. लक्ष्य तक पहुंचने के सफर में कई चुनौतियां आती हैं, लेकिन कड़ी मेहनत और समर्पण से इंसान सफलता का परचम लहराता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है रवि सुधा ने. चलिए जानते है उनकी संघर्षो से भरी कहानी….
बॉलीवुड में जमा रहें धाक, जानें संघर्ष भरे दिन
जी हां, बिल्कुल सही सुना आपने! इस कहावत को सच कर दिखाया है पूर्णिया के रहने वाले रवि सुधा चौधरी ने, जिन्हें लोग ‘बॉलीवुड एक्टर’ के नाम से जानते हैं. रवि अब तक बॉलीवुड में करीब 12 फिल्मों में काम कर चुके हैं. जब 18 लोकल की टीम ने उनसे उनके संघर्षों की कहानी जाननी चाही, तो उन्होंने अपने ऐसे दिनों के बारे में बताया, जिन्हें सुनकर आप भी प्रेरित महसूस करेंगे. उनकी कहानी साबित करती है कि जब तक सफलता न मिले, तब तक हार मानना कोई विकल्प नहीं होता.
काम की जरूरत ताने सुनकर थक जाता था मन
रवि सुधा चौधरी का सफर आसान नहीं था. उन्होंने बताया कि कभी वे मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR) के तौर पर काम करते थे, लेकिन उनके सपने बड़े थे. उन्हें अभिनेता बनना था. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने फिल्मी दुनिया में करियर बनाने के लिए कई अलग-अलग काम किए. यहां तक कि फार्मा कंपनी की दवाइयां बेचकर भी उन्होंने अपने खर्चों को संभाला. लेकिन उनकी मंजिल कुछ और थी, और इसी सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने सात साल पहले पूर्णिया छोड़कर मुंबई का रुख किया. शुरुआती दिनों में संघर्ष, ठोकरें और चुनौतियां आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई.
इन फिल्मों में कर चुके लीड रोल
अब तक वे ‘सीतापुर,’ ‘शशांक,’ ‘काशी टू कश्मीर,’ ‘गोल्ड टाइगर,’ ‘गौरी,’ ‘अर्जुननाम’ जैसी करीब 12 फिल्मों में लीड रोल निभा चुके हैं और कई फिल्मों की शूटिंग जारी है. रवि का मानना है कि “सपने पूरे करने के लिए कोशिश जरूर करनी चाहिए. अगर तन, मन और मेहनत सच्ची हो, तो दुनिया एक दिन आपकी सफलता का रंग जरूर बदलेगी.
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