‘नेटवर्क मार्केटिंग पोहे वाला’, कोरोना में गई जॉब, स्किल से खड़ा किया कारोबार, डॉक्टर से लेकर स्टूडेंट्स तक दीवाने

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राकेश कुमार ने बताया कि कोरोना से पहले वह नेटवर्क मार्केटिंग में काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी अपने घर लौट गए और उनका काम भी ठप हो गया, जिससे नौकरी छूट गई. तीन साल तक लॉकडाउन रहने के कारण परिवार ने उन्…और पढ़ें
बीकानेर के युवा राकेश अपना पोहे का बिजनेस शुरू किया
हाइलाइट्स
- राकेश ने लॉकडाउन में पोहे का कारोबार शुरू किया.
- चार साल में राकेश ने दो ब्रांच खोलीं.
- मेडिकल स्टूडेंट्स और डॉक्टर उनके पोहे के दीवाने हैं.
निखिल स्वामी/बीकानेर. नेटवर्क मार्केटिंग से लोग अच्छी कमाई करते हैं और अपनी बोलने की कला से आसानी से सामान बेच देते हैं. बीकानेर के युवा राकेश कुमार ने भी यही हुनर अपनाया, लेकिन कोरोना के कारण उनकी नौकरी चली गई. हार मानने के बजाय उन्होंने अपनी इस कला को खुद के बिजनेस में लगाया और “नेटवर्क मार्केटिंग पोहे वाला” नाम से अपना पोहे का कारोबार शुरू किया. उनकी अनोखी मार्केटिंग रणनीति ने ग्राहकों को आकर्षित किया, जिससे बिजनेस तेजी से बढ़ा. चार सालों में उन्होंने अपनी दो ब्रांच खोल लीं और आज अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं.
मेडिकल स्टूडेंट्स, डॉक्टर बने दीवाने
राकेश कुमार पिछले चार साल से पोहे का कारोबार कर रहे हैं और अब तक अपनी दो ब्रांच खोल चुके हैं, जो मेडिकल कॉलेज चौराहे पर स्थित हैं. वे रोजाना 700 से 1,000 प्लेट पोहे तैयार कर बेचते हैं. एक ब्रांच पर 700-800 प्लेट, जबकि दूसरी ब्रांच पर 400-500 प्लेट की बिक्री होती है. पोहे की कीमत 20 से 40 रुपए प्रति प्लेट है. राकेश सुबह 6 बजे से दोपहर 3 बजे तक ठेला लगाते हैं. उनके पोहे के स्वाद के दीवाने सबसे ज्यादा मेडिकल स्टूडेंट्स, डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी हैं, हालांकि आम लोग भी बड़ी संख्या में उनके ग्राहक बन चुके हैं.
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