कभी 8-10 हजार रुपए पर ड्राइवरी करता था यह शख्स, अब खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी…जानें सक्सेस स्टोरी

Last Updated:
Gopal Auto Motors company: अपनी कंपनी गोपाल ऑटो मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को खड़ा किया और आज करोड़ों के टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक बन गए हैं. एक समय ऐसा था जब गोपाल जी किसी दूसरे के यहां ड्राइवर की नौकरी करते थे…और पढ़ें
गोपाल ऑटो मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड
हाइलाइट्स
- गोपाल जी ने ड्राइवर से करोड़पति बनने तक का सफर तय किया
- गोपाल ऑटो मोटर्स का टर्नओवर 25-30 करोड़ के बीच है
- कंपनी का लक्ष्य 1000 ई-रिक्शा प्रति माह निर्माण करना है
पटना. मेहनत, लगन और ईमानदारी के दम पर कोई भी व्यक्ति बुलंदियों को छू सकता है. इसका जीता जागता उदाहरण हैं दरभंगा के अमित कुमार उर्फ गोपाल जी. इन्होंने संघर्ष के रास्ते पर चलकर अपनी कंपनी गोपाल ऑटो मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड को खड़ा किया और आज करोड़ों के टर्नओवर वाली कंपनी के मालिक बन गए हैं. एक समय ऐसा था जब गोपाल जी किसी दूसरे के यहां ड्राइवर की नौकरी करते थे और उससे मिलने वाली सैलरी से घर का गुजारा करते थे.
ऑटो ड्राइवर से करोड़पति तक का सफर
अमित कुमार का जन्म 25 नवंबर 1985 को दरभंगा के लालबाग मोहल्ला, टावर चौक में हुआ था. वे अपने माता-पिता की चौथी संतान हैं. प्रारंभिक शिक्षा राज हाई स्कूल, दरभंगा से हुई. लेकिन उनकी जिंदगी में संघर्षों का दौर बहुत जल्दी शुरू हो गया. साल 2000 में अमित कुमार बतौर ऑटो ड्राइवर के रूप में नौकरी कर रहे थे. कुछ साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने अपनी मेहनत और बचत के दम पर एक ऑटो खरीदा. यही वह पहला कदम था जिसने उनकी कारोबारी यात्रा की शुरुआत की. धीरे-धीरे कुछ पूंजी इकट्ठी होने के बाद उन्होंने गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स की दुकान खोली. इसके बाद उन्होंने एक ऑटो कंपनी का डीलरशिप लेकर गाड़ियों की खरीद बिक्री का काम शुरू किया.
एक झटके ने बना दिया कंपनी का मालिक
गोपाल जी का बिजनेस अच्छा चल रहा था, लेकिन तभी वह ऑटो कंपनी बंद हो गई. इससे उन्हें बड़ा झटका लगा. इसी कठिन समय में उनके दोस्त विनीत सिंह झा ने हौसला दिया और सुझाव दिया कि वे अपनी खुद की ऑटो कंपनी शुरू करें.
विनीत सिंह झा उस समय एक निजी बैंक में अच्छी पोस्ट पर काम कर रहे थे. उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर गोपाल जी का साथ दिया और दोनों ने 2015 में गोपाल ऑटो मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की. कंपनी ने मात्र 15 कर्मचारियों के साथ काम शुरू किया. गोपाल जी ने बताया कि उन्होंने अपने काम को ही अपना धर्म माना और कर्म को ही प्राथमिकता दी. यही वजह है कि आज उनकी कंपनी में करीब 100 कर्मचारी काम कर रहे हैं. आने वाले समय में कंपनी का विस्तार कर 200 और लोगों को रोजगार देने की योजना है.
पूरी तरह से मेड इन बिहार है
गोपाल मोटर्स का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट दरभंगा में ही स्थित है. यहां गाड़ियों के हर छोटे-बड़े पुर्जे बनाए जाते हैं और फिर असेंबल कर ऑटो को मार्केट में भेजे जाते हैं. गोपाल जी अपने डीलरों से हमेशा बोलते हैं कि डीलरशिप लेने से पहले एक बार प्लांट जरूर देखें ताकि यह जान सकें कि कैसे हर एक पुर्जे से लेकर पूरी गाड़ी तक का निर्माण किया जाता है.
500 से 1000 गाड़ियां प्रति माह का लक्ष्य
फिलहाल गोपाल मोटर्स हर महीने करीब 500 ई-रिक्शा का निर्माण कर रही है. कंपनी का लक्ष्य है कि इस उत्पादन को जल्द ही 1000 गाड़ियों तक बढ़ाया जाए. बिहार के अलावा अब कंपनी अपनी उपस्थिति अन्य राज्यों में भी दर्ज करा रही है. गोपाल मोटर्स बिहार में 100% स्थानीय स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनी है. गोपाल जी और विनीत सिंह झा ने अपने दिन-रात के संघर्ष से इस कंपनी को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है. फिलहाल, कंपनी का टर्नओवर 25 से 30 करोड़ के बीच है, जिसे साल के अंत तक 50 करोड़ तक ले जाने का लक्ष्य है.
गोपाल जी का मानना है कि मेहनत का फल जरूर मिलता है. उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने काम को ही अपना धर्म माना. कर्म करते जाइए, फल जरूर मिलेगा.’
Source link