Bihar Politics News: लालू यादव की इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचे कांग्रेस नेता, उठने लगे सियासी सवाल

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Bihar Chunav: बिहार महागठबंधन में सब ठीक है? बिहार में राजनीति में सवाल उठ खड़े हुए हैं और हलचल तेज है, क्योंकि लालू यादव की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस के बड़े नेता नहीं पहुंचे.राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने…और पढ़ें
लालू यादव की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा.
हाइलाइट्स
- कांग्रेस नेता लालू यादव की इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचे..
- कांग्रेस के रुख से महागठबंधन में सियासी सवाल उठे.
- मुकेश सहनी भी लालू यादव की इफ्तार पार्टी में नहीं पहुंचे.
पटना. क्या बिहार की राजनीति में नया मोड़ आ रहा है? क्या महागठबंधन में सब ठीक है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार दावत में मुस्लिम संगठनों के बॉयकाट को लेकर जो राजनीतिक सनसनी मची थी, उसकी अगली कड़ी में महागठबंधन में कुछ सियासी खलबली देखने को मिल रही है.अटकलों का बाजार गर्म हो गया क्योंकि लालू प्रसाद यादव की दावत ए इफ्तार में कई मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि तो पहुंचे, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु नहीं पहुंचे. खास बात यह रही कि कांग्रेस का कोई भी बड़ा चेहरा लालू यादव की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं हुआ. जाहिर तौर पर बिहार की राजनीति का यह बड़ा घटनाक्रम कहा जा रहा है. हालांकि, कांग्रेस की विधायिका प्रतिमा दास इफ्तार में पहुंची थीं, लेकिन किसी बड़ेचेहरे के नहीं आने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
खास बात यह रही कि इस मसले को लेकर राजद के नेता बोलने से बचते रहे. आम तौर पर बेबाकी से अपनी बात रखने वाले विधायक भाई वीरेंद्र से जब पूछा गया तो उन्होंने इसे अब्दुल बारी सिद्दीकी से इसकी वजह जानने को कह दिया. जब मीडियाकर्मियों ने अब्दुल बारी सिद्दीकी से सवाल किया तो उन्होंने जो इसका जवाब दिया वह भी काफी चौंकाने वाला रहा. बता दें कि अब्दुल बारी सिद्दीकी के आवास पर ही यह इफ्तार पार्टी आयोजित थी और उसमें लालू प्रसाद यादव के साथ तेजस्वी यादव पहुंचे थे. इसके अतिरिक्त कई अन्य नेता भी पहुंचे, लेकिन कांग्रेस का कोई भी बड़ा चेहरा नहीं पहुंचा. अब्दुल बारी सिद्दीकी से जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने सफाई देने के लहजे में कहा कि रमजान का अंतिम दौर चल रहा है. वे लोग (कांग्रेस नेता) अपने क्षेत्र में इफ्तार कर रहे होंगे. सभी को हर जगह शामिल होना होता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई विधायक और एमएलसी पहुंचे थे.
इस सियासी सवाल के बीच तब और हलचल मच गई, जब लालू प्रसाद यादव की इस इफ्तार पार्टी में विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी भी नहीं पहुंचे. राजद के प्रमुख समर्थक मुकेश सहनी केइफ्तार में नहीं पहुंचने पर सियासी गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया. हालांकि, कुछ देर बाद इफ्तार पार्टी में मुकेश सहनी के नहीं आने को लेकर सफाई दी गई. पार्टी की ओर से कहा गया कि वीआईपी की ओर से मुजफ्फरपुर में पहले से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था, इस कारण मुकेश सहनी की उपस्थिति वहां रही. बहरहाल, दूसरी ओर चिराग पासवान की इफ्तार पार्टी में कई मुस्लिम संगठनों के लोग तो नहीं पहुंचे, लेकिन बड़ी संख्या में रोजेदारों ने इसमें शिरकत की.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे, लेकिन चर्चा इसी बात की होती रही कि आखिर कांग्रेस की लालू यादव की इफ्तार पार्टी में कांग्रेस का कोई भी बड़ा चेहरा क्यों नहीं पहुंचा.
बता दें कि बिहार कांग्रेस का प्रभारी बनाए जाने के बाद कृष्णा अल्लावरु और कांग्रेस के अन्य प्रभारी ने भी राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात नहीं की है. अब नये अध्यक्ष राजेश कुमार ने नाम की घोषणा होने और इसके बाद रविवार को पदभार ग्रहण करने के बाद भी लालू यादव से मिलने नहीं पहुंचे. ऐसे में सवाल यही है कि क्या कांग्रेस अपनी नई रणनीति पर आगे बढ़ चली है. क्या यह कांग्रेस की दबाव की राजनीति है या फिर वाकई में कांग्रेस अब राजद से अलग खड़ी होकर कुछ अपने अस्तित्व को बचाने की तैयारी कर रही है. इन सवालों के जवाब तो आने वाले समय में मिलेंगे, लेकिन फिलहाल लालू यादव की दावते इफ्तार कांग्रेस के दिग्गजों की गैरमौजूदगी ने जरूर खराब कर दी है.
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