Success Story: मां ने छोड़ी शिक्षक की नौकरी, 4 साल तक घर में टीवी नहीं हुई ऑन, इंजीनियर बेटी दूसरे प्रयास में बनीं IAS

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IAS Success Story: यूपी के सोनभद्र जनपद की सीडीओ जागृति अवस्थी की कहानी बहुत ही रोचक है. उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद भेल जैसी कंपनी में नौकरी की. जहां नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की. जहां दूसरे प्…और पढ़ें
जानें अफसर बनने से पहले का कैसा रहा संघर्ष
हाइलाइट्स
- जागृति अवस्थी ने यूपीएससी में दूसरी रैंक हासिल की.
- इंजीनियरिंग के बाद भेल की नौकरी छोड़ी.
- माता-पिता के बलिदान से मिली प्रेरणा.
सोनभद्र: ‘सफलता एक दिन में नहीं मिलती है, मगर ठान लें तो एक दिन जरूर मिलती है’. ऐसा ही कर दिखाया यूपी के सोनभद्र की सीडीओ जागृति अवस्थी ने. उनकी कहानी बहुत ही प्रेरणा दायक है. उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया दूसरा रैंक लाकर इतिहास बना दिया था. आज हम आपको आईएएस जागृति अवस्थी के बारे में बताएंगे.
बता दें कि यूपीएससी (UPSC) परीक्षा हमारे देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा में से एक है. इस परीक्षा को पास करना बहुत ही मुश्किल है. बहुत सारे विद्यार्थी पहले प्रयास में असफल हो जाते हैं, तो वह हिम्मत हारकर दूसरा प्रयास ही नहीं करते हैं. जहां वह अपना सपना बीच में ही अधूरा छोड़ देते हैं, लेकिन विजेता वह बनता है, जो अंत तक मैदान में डटकर खड़ा रहता है.
इंजीनियरिंग से की हैं पढ़ाई
सोनभद्र की सीडीओ जागृति अवस्थी मूल रूप से भोपाल की रहने वाली हैं. नके पिता डॉ. सुरेश चन्द्र अवस्थी भोपाल मेडिकल कालेज में प्रोफेसर हैं. जागृति ने भोपाल के महर्षि विद्या मंदिर विद्यालय से साल 2010 में हाईस्कूल एवं 2012 में इंटर मीडियट की पढ़ाई पूरी की. जागृति अवस्थी ने मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MANIT) से पास आउट हैं. उन्हें इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की डिग्री 2016 में पास की थी.
टेक्निकल ऑफिसर की नौकरी छोड़ी
ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने गेट (GATE) की परीक्षा पास की और भेल में बतौर टेक्निकल ऑफिसर नौकरी ज्वॉइन कर ली थी. जागृति अवस्थी ने बताया कि लॉकडाउन में ऑनलाइन पढ़ाई कर 2019 में उन्होंने आईएसएस अफसर बनने का सपना देखा. साथ ही अपने बचपन के सपने को पूरा करने की ठानी थी.
बचपन से था आईएएस बनने का सपना
आईएएस अधिकारी जागृति अवस्थी ने इंजीनियरिंग करने के बाद भले ही भेल में टेक्निकल ऑफिसर के पद पर तैनात थी, लेकिन उनका सपना आईएएस अधिकारी बनने का था. उन्होंने यह नौकरी छोड़कर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की. इसके बाद उन्होंने एक कोचिंग संस्थान में एडमिशन लिया. हालांकि कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान उन्हें भोपाल लौटना पड़ा. जागृति ने ऑनलाइन क्लासेज से पढ़ाई की.
बेटी के लिए मां ने छोड़ी नौकरी
वहीं, बेटी को आईएएस बनाने के लिए उनकी मां ने टीचर की नौकरी छोड़ी. इसके साथ ही उनके पिता ने भी बहुत कुछ छोड़ दिया. उनके घर पर 4 साल तक टीवी तक ऑन नहीं हुआ. उनके माता पिता के ये बलिदान जागृति को आगे बढ़ने की और प्रेरणा दे रहे थे. जहां पहले प्रयास जागृति ने प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाई, लेकिन दूसरे प्रयास में वह सफल होकर इतिहास रच दिया. उन्होंने दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया की दूसरी रैंक हासिल की.
यूपीएससी 2020 में मिली सेकेंड रैंक
बता दें कि जागृति अवस्थी ने यूपीएससी परीक्षा 2020 ऑल इंडिया में दूसरी रैंक हासिल की. वहीं, जागृति ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ भाई सुयश और पूर्व सैनिक मामा जितेंद्र नाथ को दिया. वहीं, अगर एक व्यक्ति का नाम लिया जाए तो उनकी मां पहले स्थान पर हैं. आज वह सोनभद्र जिले में सीडीओ के पद पर कार्यरत हैं.
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