Minor girl got entangled in stories like ‘Drishyam’ | 12 अफसरों को सुनाती रही मासूम के मर्डर की कहानी: ‘दृश्यम’ की तरह 50 घंटे तक नाबालिग ने उलझाया; दोनों परिवारों के कनेक्शन तलाश रही ग्वालियर पुलिस – Gwalior News

ग्वालियर पुलिस को चार साल के मासूम की हत्या में पूछताछ के दौरान 12 साल की नाबालिग ने उलझनों में डाल दिया। पुलिस केस को जितना आसान समझ रही थी, वह उतना ही उलझ गया।
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फिल्म ‘दृश्यम’ की छोटी बेटी ‘अनु’ के अंदाज में नाबालिग, पुलिस के कई अफसरों को करीब 50 घंटे तक अलग-अलग कहानियां सुनाती रही। पूछताछ के दौरान आईपीएस, डीएसपी, सीएसपी, टीआई के अलावा महिला काउंसलर्स ने उससे हत्या की कड़ी जोड़ने की कोशिश की, लेकिन आखिरी तक वह अपनी बातों पर अडिग रही।
कोर्ट ने आरोपी नाबालिग को विदिशा बालिका सुधार गृह भेज दिया है। अब पुलिस किशोर न्यायालय से परमिशन लेकर दोबारा उससे पूछताछ करेगी। पुलिस को आशंका है कि घटना की जानकारी उसके परिवार के कुछ लोगों को भी थी।
गड्ढे में मासूम का शव डालकर ऊपर से पत्थर, ईंट और मिट्टी भरे गए थे।
पहले जान लीजिए क्या है पूरा मामला…
सिरोल थाना क्षेत्र के डीईओ ऑफिस के नजदीक कई मकान निर्माणाधीन हैं। इन मकानों में मजदूरी के लिए उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से आए मजदूर रहते हैं। जो आसपास मजदूरी करते हैं। इन्हीं में आरोपी 12 वर्षीय नाबालिग निवासी टीकमगढ़ अपने मां-पिता, भाई-बहन के साथ रहती है। पास में ही ललितपुर के महूलेन गांव निवासी रामकुमार वंशकार (27) का परिवार भी रह रहा है।
इनका चार साल का बेटा देवराज मंगलवार दोपहर खेलने के लिए अन्य बच्चों के साथ निकला था। इसके बाद घर नहीं लौटा। दोपहर दो बजे देवराज की मां पहुंची तो बच्चे की तलाश शुरू की। शाम 6 बजे परिजन सिरोल थाने पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज करने के साथ ही पड़ताल शुरू कर दी। करीब 32 घंटे बाद लापता मासूम का शव एक खंडहर बिल्डिंग में मिला था।
पुलिस को इस पूरे हत्याकांड की शंका पास ही रहने वाली 12 साल की नाबालिग पर हुई। क्योंकि आखिरी बार वही मासूम को अपने साथ बेर तोड़ने का लालच देकर लेकर गई थी। इसके बाद पुलिस ने नाबालिग से सख्ती से पूछताछ के बाद मासूम के शव को बरामद किया। लेकिन 50 घंटों चली पूछताछ में नाबालिग आरोपी अपने बयान बदलती रही। और पुलिस को हर बार नई कहानी सुनाती रही।
समझाइश और फटकार के बाद भी बातों पर टिकी रही बारह साल की आरोपी नाबालिग से एसएसपी से लेकर महिला पुलिस के अफसरों ने कई घंटों तक हर तरीके से पूछताछ की। महिला पुलिस अफसरों की समझाइश और फटकार के बाद भी वह सामान्य रुप से अपने बयान बदलती रही। पुलिस के किसी भी हथकंडे का कोई प्रभाव उस पर नही पड़ा। पकड़े जाने के 24 घंटे बाद उसे गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया।
आरोपी की उम्र और मानसिकता को देखते हुए कोर्ट ने पुलिस पूछताछ के लिए उसे देने से मना करते हुए जिले से बाहर बालिका गृह में भेजने के आदेश दिए है। पुलिस नाबालिग को विदिशा ले जाने तक उससे पूछताछ करती रही। लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है।

नाबालिग आरोपी ने हर बार सुनाई नई कहानी पुलिस ने घटना वाले दिन यानी मंगलवार को जब नाबालिग आरोपी से पूछताछ की तब उसने अलग कहानी सुनाई थी। घटना की जानकारी न होने की बात कहते हुए पुलिस से कहा कि वह देवराज (4 साल के मासूम) को बेर तोड़ने के लिए लेकर गई थी। उसके बाद उसे वापस छोड़ आई। पूरे 24 घंटे वह इसी कहानी पर अटल रही। पुलिस लापता मासूम को यहां वहां तलाशती रही।
तभी पास रहने वाली एक 9 साल की लड़की इस बात पर अड़ गई कि आरोपी नाबालिग देवराज को वापस छोड़कर नहीं गई थी। इसके बाद पुलिस ने उस लड़की की बात पर आरोपी नाबालिग से सख्ती से पूछताछ की। और मासूम बच्चे का शव कॉस्मो आनंदा के पास एक खंडहर प्लॉट में पिलर के लिए खोदे गए गड्ढे से बरामद किया था।

शव मिलने के बाद फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने घटना स्थल पर जांच की थी।
50 घंटे तक 12 अफसरों ने की पूछताछ शव बरामद करने के बाद पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की। आईपीएस, डीएसपी, सीएसपी, टीआई, काउंसलिंग टीम की महिला सदस्यों समेत 12 अफसरों ने बारी-बारी से नाबालिग से पूछताछ की। लेकिन नाबालिग अपने बयान पर अडिग रही।
इस बार मासूम की हत्या पर नई कहानी सुनाते हुए उसने कहा कि, वह देवराज को बेर तोड़ने ले गई थी। वहां एक युवक आया उसने यह किया। वह घबरा गई थी और भाग आई। उसने डर के चलते यह बात किसी को नहीं बताई।

चार वर्षीय मासूम देवराज की मंगलवार को खेलने के दौरान हत्या कर दी गई थी।
गड्ढे में सिर के बल पटका, दम घुटने से हुई मौत मासूम देवराज की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि उसकी मौत दम घुटने की वजह से हुई। अब तक की जांच में सामने आया है कि आरोपी बालिका ने उसे बेर तोड़ने का लालच देकर अपने साथ ले गई थी। खंडहर पड़े प्लॉट पर ले जाकर उसने मासूम के गले में बंधे काले धागे से गला घोंटने की कोशिश की, जिससे वह मरा नहीं, बल्कि बेहोश हो गया।
इसके बाद बालिका ने पहले उसे एक छोटे गड्ढे में सिर के बल पटका, लेकिन वहां वह पूरी तरह समा नहीं सका। फिर उसने मासूम को बाहर निकाला और एक बड़े गड्ढे में सिर के बल फेंक दिया, जिससे उसके सिर पर दो चोटों के निशान पाए गए। इसके बाद आरोपी ने उसके ऊपर छोटे-बड़े पत्थर, ईंटें और मिट्टी डाल दी और वहां से चली गई। दम घुटने के कारण मासूम की मौत हो गई।

बेटे का शव मिलने के बाद पिता की रो-रोकर बुरी हालत थी।
12 मिनट में लौटी, परिजन पर भी शक पुलिस को जांच के दौरान घटना से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज भी मिला है। जिसमें आरोपी नाबालिग दोपहर करीब 2 बजे जाते और 2:12 पर लौटते हुए दिख रही है। पुलिस जांच में सामने आया है कि बच्ची के नाबालिग भाई और अन्य परिजनों को भी इस घटना की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसे छिपाया और पुलिस को नहीं बताया।
पूछताछ के दौरान पुलिस लगातार बच्ची से सच उगलवाने की कोशिश करती रही, लेकिन परिजन और बच्ची मिलकर पुलिस को गुमराह करते रहे। अगर बच्चों के साथ खेल रही दूसरी बच्ची ने सच उजागर न किया होता, तो इस हत्याकांड का खुलासा देर से होता। पुलिस को शक है कि बच्चे के शव को गड्ढे में छिपाने में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं। पुलिस इस एंगल पर भी पड़ताल कर रही है।
पुलिस कस्टडी में बेखौफ दिखी आरोपी सिर्फ 12 साल की उम्र, लेकिन चार साल के मासूम की बेरहमी से हत्या का आरोप होने के बाद भी आरोपी नाबालिग के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी। वह करीब डेढ़ दिन तक पुलिस कस्टडी में रही, जहां अफसरों और महिला पुलिस अधिकारियों ने उससे लगातार पूछताछ की, लेकिन वह अपनी बताई कहानी से एक शब्द भी नहीं बदली।

घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले थे।
दोनों परिवार का कनेक्शन निकाल रही पुलिस पुलिस के सामने अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि महज 12 साल की नाबालिग ने चार साल के मासूम देवराज की हत्या क्यों की होगी? आखिर दोनों के बीच ऐसी क्या दुश्मनी थी? पूछताछ के दौरान बच्ची के हावभाव बदलते रहे, लेकिन अब तक कोई ठोस वजह सामने नहीं आ सकी।
गौरतलब है कि आरोपी नाबालिग का पूरा परिवार यहां मजदूरी करता है। वे टीकमगढ़ के रहने वाले हैं और दो महीने पहले ही इस इलाके में आकर बसे हैं। वहीं, मृतक बच्चे का परिवार ललितपुर से है और वे भी दो महीने पहले ही यहां आए थे। पुलिस अब दोनों परिवारों के बीच किसी संभावित कनेक्शन की तलाश कर रही है।
एक्सपर्ट बोले- अंधविश्वास से जुड़ा हो सकता है मामला वरिष्ठ मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश उदैनिया का कहना है कि, बच्ची का पारिवारिक बैकग्राउंड अंधविश्वास वाला रहा होगा। बच्ची ने परिवार व रिश्तेदारों के बीच भूत-प्रेत आने वाले सीन देखे होंगे। इसी कारण बच्ची में मरा व्यक्ति जिंदा होने का भाव रहा होगा। बच्ची के साथ और भी बच्चे थे लेकिन वह इसे अकेले बेर तोड़ने व खिलाने ले गई।
हो सकता है कि इस दौरान बच्ची के मन में परिवार में अंधविश्वास का सीन रहा हो। जब वह डर गई होगी तब उसने बच्चे को गड्ढे में गाढ़ा होगा। पुलिस का भी ऐसा मानना है कि नाबालिग साइको है। ऐसे हालात में साइको का दिमाग अपने आप तेजी से दौड़ने लगता है।

नाबालिग से दोबारा पूछताछ की तैयारी दो दिन हुई पूछताछ के बाद कोर्ट के आदेश पर आरोपी नाबालिग को विदिशा बालिका सुधार गृह भेज दिया गया है। लेकिन पुलिस को आशंका है कि घटना की जानकारी उसके परिवार के कुछ लोगों को थी। लेकिन नाबालिग यह राज अपने साथ लेकर विदिशा बालिका गृह पहुंच गई। पुलिस नाबालिग और उसके परिजनों से दोबारा पूछताछ करने की तैयारी में है।
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मासूम का गला घोंटा, गड्ढे में फेंककर पत्थरों से ढंका

ग्वालियर की सिरोल कॉस्मो आनंदा टाउनशिप से मंगलवार दोपहर से लापता 4 साल के बच्चे का शव बुधवार रात करीब 8 बजे एक गड्ढे से बरामद किया गया है। इस मामले में खुलासा हुआ है कि 12 साल की नाबालिग बच्ची ने उसकी हत्या की है। आरोपी नाबालिग उसे बेर खिलाने के बहाने ले गई थी। जहां उसने बच्चे का गला दबाया, फिर उसके सिर पर पत्थर से हमला किया। पढ़ें पूरी खबर
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