कनाडा में 28 अप्रैल को चुनाव, ट्रंप के टैरिफ अटैक की काट के लिए नए PM मार्क कार्नी का बड़ा दांव

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Canada News in Hindi: अमेरिका से चल रहे टैरिफ वॉर के बीच, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने समय से पहले चुनाव कराने का फैसला लिया है. 28 अप्रैल को कनाडा में आम चुनाव होंगे.
कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी.
हाइलाइट्स
- कनाडा में 28 अप्रैल को होंगे आम चुनाव, पीएम ने किया ऐलान.
- पीएम कार्नी ने डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर को बताया बड़ा खतरा.
- कार्नी ने ऑस्ट्रेलिया संग रक्षा समझौते की घोषणा की.
ओटावा: कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने 28 अप्रैल को स्नैप इलेक्शन कराने का ऐलान किया है. उनका कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ट्रेड और टैरिफ वॉर कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकती है. ऐसे में उन्हें एक मजबूत जनादेश चाहिए ताकि वह इस चुनौती का सामना कर सकें. रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम कार्नी ने कनाडा की नई नीतियों पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि कनाडा अब ऑस्ट्रेलिया के साथ एक नया रक्षा समझौता कर रहा है. साथ ही फ्रांस और यूके के साथ संबंध मजबूत करने और यूरोपीय संघ के साथ नए व्यापार समझौते की दिशा में बातचीत शुरू हो चुकी है. कार्नी ने कार्बन टैक्स को खत्म करने के फैसले को भी सही ठहराया. उन्होंने कहा कि यह कर “देश में फूट डाल रहा था” और इसे खत्म करना जरूरी था.
‘ट्रंप का ट्रेड वॉर सबसे बड़ा खतरा’
गवर्नर जनरल से मुलाकात के बाद पीएम कार्नी ने संसद भंग करने और 28 अप्रैल को चुनाव कराने की सिफारिश की. उन्होंने कहा, “मैं अपने कनाडाई नागरिकों से एक मजबूत और सकारात्मक जनादेश चाहता हूं. अभी हमें कनाडा को सुरक्षित करने के लिए बहुत कुछ करना है.”
पीएम कार्नी ने अमेरिका के साथ चल रहे ट्रेड वॉर को “हमारे जीवनकाल के सबसे बड़े खतरों में से एक” बताया. उन्होंने सीधे-सीधे ट्रंप प्रशासन पर हमला करते हुए कहा, “वे हमें तोड़ना चाहते हैं ताकि अमेरिका हमें पूरी तरह से काबू में कर सके. लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे.”
चुनावी टक्कर में बड़े नाम
इस चुनाव में मार्क कार्नी का मुकाबला कई दिग्गज नेताओं से होने वाला है.
- पियरे पोइलिवर (कंजरवेटिव पार्टी के नेता)
- जगमीत सिंह (न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता)
- यव-फ्रांस्वा ब्लांशे (ब्लॉक क्यूबेक्वा के नेता)
ट्रूडो के बाद नई लिबरल लहर?
मार्क कार्नी 9 मार्च को लिबरल पार्टी के नेता बने थे और उन्होंने पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो की जगह ली थी, जिन्होंने जनवरी में अपने पद से इस्तीफा दिया था. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में लिबरल पार्टी कंजरवेटिव्स से पीछे थी, लेकिन अब उनकी स्थिति मजबूत होती दिख रही है. ताजा सर्वे में लिबरल पार्टी थोड़ी बढ़त बना रही है. अब देखना होगा कि 28 अप्रैल को जनता का फैसला किसके पक्ष में जाएगा.
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