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success story gaya two brothers earning in lacs with fish farming know details – News18 हिंदी

कुंदन कुमार/गया:  खेती के साथ मछली पालन करके आप अपनी आमदनी आसानी से बढ़ा सकते हैं. मौजूदा वक्त में कई युवा किसान मछली पालन व्यवसाय के सहारे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार भी किसानों को अनुदान देती हैं. गया जिले में दो भाईयों ने मिलकर मछली पालन की शुरुआत कि है और इससे उन्हें लाखों की कमाई हो रही है. एक भाई होटल ने मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद दुबई में 12 साल तक सेफ की नौकरी की, जबकि दूसरा भाई दिल्ली में खुद का लैंप सेट का व्यवसाय कर रहा था.

लेकिन लॉकडाउन के कारण दोनों भाई वापस अपने घर आ गए. जिसके बाद घर पर ही दो एकड़ निजी तालाब और 9 एकड़ का तालाब लीज पर लेकर मछली पालन की शुरुआत कर दी और आज इनका इनकम लाखों में है. गया जिला के इमामगंज प्रखंड क्षेत्र के पड़रिया गांव के रहने वाले युवा किसान करणवीर सिंह और विशाल कुमार सिंह ने ऐसे हालात में हार नहीं मानी और खुदका काम करने का फैसाला लिया.  दोनों भाई ने 3 वर्ष पूर्व मछली पालन की शुरुआत की और अब इससे इन्हें अच्छी कमाई हो रही है.

सालाना 15 से 20 टन मछली का उत्पादन
लॉकडाउन के दौरान दोनों भाई जब अपने घर लौटे तो एक ऐसा व्यवसाय करने का सोचा, जिसमें कुछ लोगों को रोजगार मिल जाए. तभी इन्होंने खेती करना शुरू किया. जिसमें सब्जी की खेती के अलावे मछली पालन की शुरुआत की. अब सालाना 15 से 20 टन मछली का उत्पादन हो रहा है. जिससे इन्हें 10 लाख रुपए से अधिक की आमदनी हो रही है. आज दोनों भाइयों ने मिलकर 10 से 15 लोगों को रोजगार भी दे रखा है.

1.25 लाख का पेकेज छोड़ शुरू किया रोजगार
करणवीर सिंह बताते हैं दिल्ली से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद दुबई के एक होटल में 12 साल तक काम किया. वहां 1.25 लाख रुपए महीने का पैकेज था. लेकिन लॉकडाउन के दौरान जब घर आया तो गांव में रोजगार को लेकर संभावना की तलाश करने लगे. कई विशेषज्ञ से मुलाकात करने के बाद खेती किसानी से जुड़ने का निर्णय लिया. 2020 से ही मछली पालन के अलावा सब्जी की खेती करना शुरू किया. शुरू के एक डेढ़ साल तक इसमें लागत ज्यादा लग रही थी, जिस कारण आमदनी समझ में नहीं आ रहा था. लेकिन धीरे-धीरे अच्छी आमदनी हो रही है. हमारे मछली पालन को देखकर कृषि मंत्री ने भी सम्मानित किया है.

विशाल का भी बिजनेस हुआ ठप
वहीं दूसरे भाई विशाल कुमार सिंह बताते हैं कि दिल्ली में इनका खुद का लैंप सेट का बिजनेस था, लेकिन मार्केट में चाइनीज माल आने के कारण इनका बिजनेस ठप पड़ने लगा और उस व्यवसाय को बंद कर हजारीबाग आ गये और वहां पर ट्रांसपोर्टिंग का काम शुरू किया. इसी दौरान लॉकडाउन लग गया और भाई भी घर आ गया था. दोनों भाइयों ने मिलकर सब्जी की खेती और मछली पालन की शुरुआत की. इन्होंने बताया अपने तालाब में इंडियन मेजर कार्प, रुपचंदा, पहाडी, ग्रास कार्प का पालन कर रहे हैं और इसकी बिक्री लोकल मार्केट में हो रही है. अब इसकी डिमांड औरंगाबाद तक हो रही है.

Tags: Bihar News, Gaya news, Local18


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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