खरीफ सीजन की बुआई के दौरान नरसिंहपुर जिले के किसान डीएपी और यूरिया की किल्लत से जूझ रहे हैं। मक्का, सोयाबीन, धान और अरहर की बुआई का समय चल रहा है, लेकिन खाद की अनुपलब्धता ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। गुरुवार को ब्लॉक कांग्रेस कमेटी करकबेल ने इस मामले को लेकर डिप्टी कलेक्टर मनोज चौरसिया को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा और मांग की है कि किसानों को जल्द पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जाए।
शासकीय समितियों में डीएपी खत्म, बाजार में महंगा
कांग्रेस नेताओं ने बताया कि शासकीय समितियों और विपणन संघ के भंडारण केंद्रों में डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। डीएपी का सरकारी मूल्य 1350 रुपये प्रति बोरी है, जबकि खुले बाजार में यह 1500 से 1700 रुपये तक बेचा जा रहा है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
ये भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: शिप्रा के तट पर जल में योग की अनूठी कला दिखाएंगे बच्चे, पानी में बनाएंगे पिरामिड
यूरिया के लिए रात से लगती है कतार
स्थिति सिर्फ डीएपी तक सीमित नहीं है। यूरिया खाद की स्थिति और भी खराब है। किसान रात से ही शासकीय केंद्रों के बाहर लाइन में लगने को मजबूर हैं। आधार कार्ड और भू-अभिलेख लेकर घंटों तक इंतजार करना पड़ता है, फिर भी खाद मिलने की कोई गारंटी नहीं रहती।
एक एकड़ फसल के लिए दो बोरी खाद जरूरी
किसानों के अनुसार एक एकड़ फसल में कम से कम दो बोरी खाद की जरूरत होती है, लेकिन इस समय मांग और आपूर्ति में भारी असंतुलन है। इससे किसानों की बुआई प्रभावित हो रही है और यदि समय पर खाद नहीं मिली तो फसल उत्पादन पर भी विपरीत असर पड़ सकता है।
ये भी पढ़ें- बुलेट की टक्कर से बाइक सवार युवक की मौत, जल्दबाजी में गलत दिशा में जाने से हुआ हादसा
मांग की जल्द आपूर्ति और कालाबाजारी पर रोक
कांग्रेस नेताओं ने प्रशासन से मांग की है कि खाद की आपूर्ति में तेजी लाई जाए और खुले बाजार में हो रही कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई की जाए। किसान पहले ही मौसम की मार और लागत मूल्य के बोझ से परेशान हैं, ऐसे में खाद संकट ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।