VIDEO: राजधानी दिल्ली में सवा सौ साल पुराने गणेश मंदिर और काली मंदिर पर चला बुलडोजर, गुस्साए लोगों का प्रदर्शन

मंदिर पर चला बुलडोजर
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सत्ता बदल चुकी है और नई सरकार अपनी नीतियों को लागू करने में जुट गई है। इसी क्रम में अतिक्रमण हटाने का काम भी चल रहा है। लेकिन शनिवार तड़के यमुना नगर में पुराने मंदिरों पर प्रशासन का बुलडोजर चल गया। इससे लोगों में काफी नाराजगी है। यमुना बाजार में सिंदूरी गणेश मंदिर ,काली मंदिर को बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया। लोगों का दावा है कि इन मंदिरों का निर्माण 1902 में हुआ था नाराज लोग अब विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सुबह 4.30 बजे मौके पर पहुंची टीम
दिल्ली के यमुना बाजार में एमसीडी और पीडब्ल्यूडी की टीम सुबह 4.30 बजे मौके पर पहुंची और सिंदूरी गणेश मंदिर, काली मंदिर को बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया। हालांकि जैसे ही लोगों को मंदिर पर बुलडोजर चलने की सूचना मिली लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। लोगों के विरोध के बाद प्रशासन की टीम चौमुखी महादेव मंदिर को नहीं तोड़ पाई, लेकिन उसकी बाउंड्री वॉल को तोड़ दिया गया है पहले यहां पर झुग्गियां थी जिसे एक सप्ताह पहले थोड़ा गया था। लोगो का दावा है कि 1902 में मंदिर का निर्माण कराया गया था। इसके ठीक बगल में नीली छतरी मंदिर है। यहां पर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
मयूर विहार में लोगों के विरोध के चलते रुका बुलडोजर
बता दें कि इससे पहले 20 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर मयूर विहार में तीन मंदिरों को तोड़ने की कार्रवाई लोगों के विरोध के चलते रोकनी पड़ी थी। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की एक टीम पुलिस के साथ बृहस्पतिवार सुबह करीब चार बजे पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार स्थित काली मंदिर, अमरनाथ मंदिर और बद्रीनाथ मंदिर को गिराने के लिए पहुंची। ये मंदिर कथित तौर पर मयूर विहार फेज 2 में ग्रीन बेल्ट पर बने हैं। यहां लोगों ने विधायक रविंदर सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। डीडीए के प्रवक्ता ने पुष्टि की कि तोड़फोड़ की कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘लोगों के आक्रोश के कारण हमें अभियान स्थगित करना पड़ा। हालांकि, हमारी कानूनी टीम मामले की समीक्षा कर रही है।’
नेगी ने कहा कि वह और अन्य लोग तड़के तीन बजे से ही घटनास्थल पर मौजूद थे और उन्होंने मंदिरों की सुरक्षा के लिए हरसंभव प्रयास किया। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल वी के सक्सेना के साथ चर्चा के बाद अभियान स्थगित कर दिया गया। वहीं, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने दावा किया कि भाजपा की ‘‘डबल इंजन’’ सरकार ने पहले तो तोड़ने का आदेश दिया, बुलडोजर और पुलिस तैनात की और फिर जब जनता का आक्रोश भड़क उठा तो उसने अनजान होने का नाटक किया। (इनपुट-भाषा)