Today’s daily discourse at Shankaracharya Math, Indore | शंकराचार्य मठ इंदौर में नित्य प्रवचन: रामावतार में सरल और कृष्णावतार में बांके रहे भगवान- डॉ. गिरीशानंदजी महाराज – Indore News

डॉ. गिरीशानंदजी महाराज
भगवान राम जब सरल थे तो रामावतार में उन्हें बहुत सहन करना पड़ा। इसी कारण कृष्ण अवतार में वे जन्म से ही थोड़े बांके बने। उन्होंने सोचा रामावतार में बहुत सरल था,अबकी बार में बांका रहूंगा।
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रामजी का नाम भी सरल है, राम में एक भी जुड़वा अक्षर नहीं है। कृष्ण नाम में एक भी सरल अक्षर नहीं है। दोनों युग्माक्षर हैं। श्रीकृष्ण प्रकट हुए मथुरा के कारागार में, झूले गोकुल में, खेले वृंदावन में, बड़े हुए मथुरा में और राज किया द्वारका में। उनकी सभी लीलाएं अटपटी हैं।
एरोड्रम क्षेत्र में दिलीप नगर नैनोद स्थित शंकराचार्य मठ इंदौर के अधिष्ठाता ब्रह्मचारी डॉ. गिरीशानंदजी महाराज ने अपने नित्य प्रवचन में शनिवार को यह बात कही।
श्रीकृष्ण जैसे के साथ तैसे
महाराजश्री ने कहा कि रामावतार के भगवान तो बड़े सरल हैं। खड़े भी होते हैं तो सरलता से। श्रीकृष्ण खड़े होते हैं तो बांके होकर। इसलिए उनका नाम बांके बिहारी भी है। श्रीकृष्ण सरल के लिए सरल हैं, थोड़े से माखन में गोपियों के लिए नाचने लगते हैं, बांके के लिए बांके हैं।
श्रीराम तो सबके साथ सरल हैं। श्रीराम तो रावण के साथ भी सरल हैं। परमात्मा राम जीवों का अपराध नहीं देखते, पर श्रीकृष्ण जैसे के साथ तैसे हैं। सरल के साथ सरल और दुर्जन के साथ दुर्जन।
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