मध्यप्रदेश

Post master’s son is missing since one month | ऑफिस में जूते-मोजे उतारे और गायब हुआ पोस्ट मास्टर: 38 दिन बाद भी वापस नहीं आया, मां बोली- जल्दी लौटने का कहा था – Ratlam News

बेटा उस दिन भी अपने काम पर जाने के लिए बाइक से सुबह घर से निकला था। कहकर गया था कि मां आज जल्दी आ जाऊंगा। वैसे तो हर दिन शाम 7-8 बजे तक लौट आता था, लेकिन उस रोज रात 9.30 बजे तक वापस नहीं लौटा। मोबाइल स्विच ऑफ आया तो हमने सरवन में उसके ऑफिस में पता कि

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इतना कहते हुए 65 साल की जशोदा के आंखों के आंसू बह निकले। बेटे की फोटो को सहलाते हुए उसे एक टक निहारने लगीं। बहू पूजा भी 5 साल के बेटे अभिजीत को लेकर सास के साथ चुपचाप बैठ गई। सभी को इंतजार पोस्टमास्टर के लौटने का।

रतलाम से 40 किमी दूर सरवन स्थित पोस्ट ऑफिस के पोस्ट मास्टर संदीप कुमायूं 13 फरवरी से लापता हैं। वे रतलाम के महावीर नगर स्थित अपने घर से सुबह 9.30 बजे ड्यूटी पर सरवन जाने के लिए निकले थे। वे सरवन पोस्ट ऑफिस भी पहुंचे। दोपहर 3 बजे तक ऑफिस में भी रहे।

मां जशोदा और पत्नी पूजा, संदीप की तस्वीर लिए विलाप करते हुए।

बाइक, जूते, मोजे ऑफिस में छोड़ गया

14 फरवरी को संदीप को खोजते हुए बड़े भाई संजीव कुमायू, परिवार के साथ रतलाम मुख्य पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों के साथ सरवन के पोस्ट ऑफिस पहुंचे। बाहर संदीप की बाइक खड़ी थी। जूते, मोजे, बैग, टिफिन, पानी की बॉटल और बाइक की चॉबी टेबल पर मिली। टिफिन खोला तो खाना भी जस का तस रखा था। परिवार ने गांव में लगे सीसीटीवी चेक किए तो सुबह ड्यूटी आते समय गांव में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में वह नजर भी आए। सुबह आते समय तो कैमरे में रिकॉर्ड हुए, लेकिन वापस कब निकले और किस रास्ते से गए, सीसीटीवी में नजर नहीं आया। परिजनों को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिरकार वह जूते, मौजे खोलकर क्यों गए।

15 साल पहले डाक सेवक के रूप में हुई थी भर्ती

परिजनों के अनुसार 15 साल पहले संदीप की ग्रामीण डाक सेवक के रूप में भर्ती हुई थी। उसकी पोस्टिंग सरवन पोस्ट ऑफिस में हुई थी। हर साल विभागीय काम में टॉप आता है। विभाग द्वारा कई शील्ड व पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र से भी सम्मानित किया जा चुका है। मां व पत्नी की माने तो हर बार वह घर में बताते थे। अगर रुपयों की जरूरत होती तो वह भी बताते। किसी प्रकार का कोई झगड़ा भी नहीं है।

संदीप कुमायू को 15 साल की नौकरी के दौरान कई अवार्ड मिले हैं।

संदीप कुमायू को 15 साल की नौकरी के दौरान कई अवार्ड मिले हैं।

शुरुआत में गबन की बात आई

अचानक से पोस्ट मास्टर के लापता होने पर पहले गबन की बात सामने आई। रतलाम मुख्य पोस्ट अधीक्षक राजेश कुमावत ने जांच का जिम्मा पोस्ट ऑफिस इंस्पेक्टर संतोष मेहते को सौंपा। खातों के हिसाब का मिलान किया। करीब 30 हजार रुपए सरवन पोस्ट ऑफिस से कम मिले। पोस्ट ऑफिस द्वारा सभी खातों की जांच की जा रही है। सरवन पोस्ट ऑफिस में करीब 1500 खाते हैं। एक-एक खाता धारक को बुलाकर सत्यापन किया जा रहा है।

पत्नी बोली- वह ऐसे इंसान नहीं

पत्नी पूजा कुमायू का कहना है कि उसका मायका महू में है। 28 अप्रैल 2018 में शादी हुई थी। शादी को 7 साल होने को आ गए हैं, लेकिन आज तक किसी से भी कोई विवाद की जानकारी सामने नहीं आई। डेली की तरह घर से वह उस दिन अच्छे से गए। बेटे को चॉकलेट लेकर आने का बोल गए थे। वह गबन करने जैसे इंसान नहीं हैं। हर साल विभाग उनके काम की तारीफ करते हुए उनका सम्मान करता था। वह ऐसे इंसान नहीं हैं, किसी का पैसा लेकर नहीं जा सकते हैं। अगर उन्हें किसी प्रकार से रुपए की जरूरत होती तो वह घर में बताते।

पूजा ने बताया कि उस दिन रात 9.30 बजे तक वे घर नहीं आए। जेठ संजीव कुमायु ने पति के नंबर पर कॉल किया तो मोबाइल बंद आया। सरवन में पति के दोस्त सज्जन सिंह शक्तावत निवासी सरवन को कॉल किया। उन्होंने बताया कि संदीप 11 बजे पोस्ट ऑफिस में दिखा था, उसके बाद दिखाई नहीं दिया।

एसपी कलेक्टर से भी लगा चुके हैं गुहार

परिजनों का कहना है कि संदीप की तलाश के लिए परिजन और रिश्तेदार 27 फरवरी को रतलाम कलेक्टर व एसपी ऑफिस में गुहार लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक पुलिस तलाश नहीं कर पाई। हमने मंदसौर, बांसवाड़ा, इंदौर जहां-जहां रिश्तेदार रहते हैं, वहां पर तलाश किया, लेकिन कुछ पता नहीं चला।

9 साल पहले पिता का देहांत हुआ

बड़े भाई संजीव कुमायू ने बताया कि पिता दौलतराम कुमायु का 9 साल पहले साल 2016 में निधन हो गया था। परिवार में मां, मेरा और संदीप का परिवार रहता है।

लापता हुए पोस्ट मास्टर संदीप कुमायू हर साल अच्छे कार्यों के लिए सम्मानित होते रहे थे।

लापता हुए पोस्ट मास्टर संदीप कुमायू हर साल अच्छे कार्यों के लिए सम्मानित होते रहे थे।

मंदसौर के गोपाल सिंह उर्फ लाला बना पर शक

पत्नी पूजा ने बताया- हमने जानकारी जुटाई तो पता चला कि पति संदीप, गोपाल सिंह उर्फ लाला बना निवासी जमालपुरा जिला मंदसौर के साथ देखे गए थे। 15 फरवरी को जेठ संजीव ने सरवन पुलिस को इसकी सूचना भी दी थी। जेठ और मेरे भाई रोहित वर्मा पुलिस के साथ जमालपुरा मंदसौर भी गए। गोपालसिंह के घर पहुंचे तो वह पुलिस को देखकर भाग गया। पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा, इसके बाद से गोपाल सिंह भी घर से लापता हो गया।

पत्नी का कहना है हमें शक है कि गोपालसिंह ने मेरे पति के साथ कुछ अनर्थ कर दिया है, इसलिए वह पुलिस को देखकर भाग गया था। पुलिस भी अब तक गोपाल सिंह को पकड़ नहीं पाई है।

मां और दादी के साथ पांच साल का बेटा।

मां और दादी के साथ पांच साल का बेटा।

सरवन में आता-जाता रहता था

भाई संजीव कुमायु ने बताया- गोपाल सिंह उर्फ लाला बना सरवन में लगातार आता-जाता था। जानकारी जुटाई तो पता चला कि लापता होने के एक माह पहले वह दोनों साथ में घूमने के लिए सांवलिया सेठ भी गए थे। पुलिस ने गोपाल के परिवार से भी पूछताछ नहीं की। बताया जा रहा है कि गोपालसिंह की भी गुमशुदगी मंदसौर जिले के संबंधित थाने में दर्ज कराई गई है। गोपाल भी शादीशुदा होकर दो बच्चे हैं।

30 हजार रुपए कम पाए गए- डाकघर अधीक्षक

रतलाम प्रधान डाकघर अधीक्षक राजेश कुमावत का कहना है कि प्रथमदृष्टया शासकीय नकदी करीब 30 हजार कम पाई गई है। सरवन पोस्ट ऑफिस में जितने भी जमाकर्ताओं के खाते हैं, उनके पास बुक से सत्यापन कार्य करवाया जा रहा है। अगर खाता धारक ने खाते में रुपए जमा कराए हैं तो उसकी पासबुक में एंट्री होगी। पास बुक में एंट्री मिलेगी तो खाताधारक का रुपया सुरक्षित है।


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एडवोकेट अरविन्द जैन

संपादक, बुंदेलखंड समाचार अधिमान्य पत्रकार मध्यप्रदेश शासन

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